Uttar Pradesh

StateCommission

RP/156/2017

Shiv Narain - Complainant(s)

Versus

Dakshinanchal Vidyut Vitaran Nigam - Opp.Party(s)

Anil Kumar Mishra

20 Oct 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Revision Petition No. RP/156/2017
( Date of Filing : 20 Dec 2017 )
(Arisen out of Order Dated 19/05/2015 in Case No. C/01/2015 of District Agra-I)
 
1. Shiv Narain
Agra
...........Appellant(s)
Versus
1. Dakshinanchal Vidyut Vitaran Nigam
Agra
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 20 Oct 2022
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

पुनरीक्षण संख्‍या-156/2017

शिव नारायण पुत्र स्‍व0 श्री रामजी लाल, निवासी ग्राम बैनई खुर्द, पोस्‍ट महावत, तहसील एत्‍मादपुर, जिला आगरा, यू.पी.।

                             पुनरीक्षणकर्ता/परिवादी

बनाम्  

एक्‍जीक्‍यूटिव इंजीनियर, यू.पी. दक्षिणांचल वितरण निगम लि0, विद्युत भवन, गैलाना, जिला आगरा, यू.पी.।

                      विपक्षी

समक्ष:-                                                              

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य

2. माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित           : श्री ए.के. मिश्रा।

विपक्षी की ओर से उपस्थित                     : श्री इसार हुसैन के सहायक श्री    

                                                                  कासिम जैदी।

दिनांक:  20.10.2022 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.                    यह पुनरीक्षण आवेदन, परिवाद संख्‍या-01/2015, शिव नरायन बनाम मुख्‍य अभियंता, उ0प्र0 दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0 में विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग, प्रथम आगरा द्वारा पारित आदेश दिनांक 19.05.2015 के विरूद्ध प्रस्‍तुत किया गया है। इस आदेश द्वारा तृतीय पक्ष संख्‍या-2 एवं 3 को पक्षकार बनाए जाने के लिए प्रस्‍तुत किया गया आवेदन इस आधार पर स्‍वीकार किया गया है कि ट्रांसफार्मर के स्‍थापित रहने/परिवर्तित करने से ये दोनों व्‍यक्ति भी प्रभावित होंगे, क्‍योंकि उनके द्वारा भी अपने विद्युत कनेक्‍शन के लिए इसी ट्रांसफार्मर से लाईन खींची गई है।

2.          पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता श्री ए.के. मिश्रा तथा विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री इसार हुसैन के सहायक अधिवक्‍ता श्री कासिम जैदी को सुना गया तथा प्रश्‍नगत आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

 

-2-

3.          प्रश्‍नगत आदेश के अवलोकन से स्‍पष्‍ट होता है कि इस आदेश में किसी प्रकार की अवैधानिकता नहीं है। चूंकि एक ट्रांसफार्मर पर कई कृषकों के विद्युत कनेक्‍शन संयोजित होते हैं, इसलिए ट्रांसफार्मर स्‍थान के स्‍थापन/परिवर्तन के कारण तृतीय पक्ष कृषक भी प्रभावित हो सकते हैं। अत: इस आदेश में कोई हस्‍तक्षेप अपेक्षित नहीं है। प्रस्‍तुत पुनरीक्षण आवेदन निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

4.             प्रस्‍तुत पुनरीक्षण निरस्‍त किया जाता है। यद्यपि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग से अपेक्षित है कि तृतीय पक्षकार को लिखित कथन दाखिल करने का केवल एक अवसर प्रदान करते हुए 03 माह के अन्‍दर प्रश्‍नगत परिवाद का निस्‍तारण करें।

            उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगें।

      आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(विकास सक्‍सेना)                        (सुशील कुमार)

  सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

 

लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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