Uttar Pradesh

StateCommission

A/2117/2014

Bijendra Singh - Complainant(s)

Versus

DAkdhinanchal Vidyut Vitran - Opp.Party(s)

Salik Ram Yadav

22 Jul 2021

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2117/2014
( Date of Filing : 13 Oct 2014 )
(Arisen out of Order Dated 29/09/2011 in Case No. C/211/2009 of District Aligarh)
 
1. Bijendra Singh
Aligarh
...........Appellant(s)
Versus
1. DAkdhinanchal Vidyut Vitran
Aligarh
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/2012/376
( Date of Filing : 24 Feb 2012 )
(Arisen out of Order Dated 29/09/2011 in Case No. C/2009/212 of District Aligarh)
 
1. Indra Jeet
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Vidhut Vitran Khand
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 22 Jul 2021
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

(मौखिक)

अपील संख्‍या-2117/2014

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, अलीगढ़ द्वारा परिवाद संख्‍या 211/2009, 277/2009 व 279/2009 में पारित आदेश दिनांक 29.09.2011 के विरूद्ध)

1. बिजेन्‍द्र सिंह पुत्र श्री तारा सिंह, निवासी ग्राम-गोरई, पोस्‍ट-गोरई, तहसील-इगलास, जिला-अलीगढ़

2. बच्‍चू सिंह पुत्र श्री बदन सिंह, निवासी ग्राम-गोरई, पोस्‍ट-गोरई, तहसील-इगलास, जिला-अलीगढ़

3. लक्ष्‍मण सिंह पुत्र श्री डम्‍बर सिंह, निवासी ग्राम-गोरई, पोस्‍ट-गोरई, तहसील-इगलास, जिला-अलीगढ़

                       ....................अपीलार्थीगण/परिवादीगण

बनाम

अधिशासी अभियंता, दक्षिणांचल विद्युत वितरण खण्‍ड, लाल डिग्‍गी, अलीगढ़

                                       ................प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

एवं

अपील संख्‍या-376/2012

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, अलीगढ़ द्वारा परिवाद संख्‍या 212/2009 में पारित आदेश दिनांक 29.09.2011 के विरूद्ध)

इन्‍द्रजीत सिंह पुत्र बदन सिंह

निवासी ग्राम-गोरई तहसील इगलास

जिला-अलीगढ़ उ0प्र0

                             ....................अपीलार्थी/परिवादी

बनाम

अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खण्‍ड प्रथम ग्रामीण दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0 लाल डिग्‍गी अलीगढ़

                                       ................प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

एवं

अपील संख्‍या-25/2021

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, अलीगढ़ द्वारा परिवाद संख्‍या 258/2009 में पारित आदेश दिनांक 29.09.2011 के विरूद्ध)

बुद्धा  राम  पुत्र  श्री  मंगल  सेन,  निवासी   ग्राम-गोरई,   पोस्‍ट-गोरई,                                

 

 

-2-

तहसील- इगलास, जिला-अलीगढ़, यू0पी0

                             ....................अपीलार्थी/परिवादी

बनाम

1. अधिशासी अभियंता, दक्षिणांचल विद्युत वितरण खण्‍ड, लाल डिग्‍गी, अलीगढ़

2. स‍ब डिवीजन आफिसर, विद्युत वितरण खण्‍ड, गोरई, अलीगढ़

                                  ................प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।      

अपीलार्थी/परिवादीगण की ओर से उपस्थित : श्री सालिक राम यादव,                     

                                     विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण की ओर से उपस्थित : श्री इसार हुसैन,

                                         विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक: 22-07-2021

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

जिला उपभोक्‍ता आयोग, अलीगढ़ द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 29.09.2011 के विरूद्ध उपरोक्‍त अपील संख्‍या-2117/2014 अपीलार्थीगण श्री बिजेन्‍द्र सिंह, श्री बच्‍चू सिंह व श्री लक्ष्‍मण सिंह की ओर से और उपरोक्‍त अपील संख्‍या-376/2012 अपीलार्थी श्री इन्‍द्रजीत सिंह की ओर से और उपरोक्‍त अपील संख्‍या-25/2021 अपीलार्थी श्री बुद्धा राम की ओर से इस आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत की गयी हैं।  

उपरोक्‍त सभी अपीलों के तथ्‍य एक समान हैं, अतएव तीनों अपीलें इस निर्णय द्वारा अन्तिम रूप से निर्णीत की जा रही हैं।

उपरोक्‍त अपील संख्‍या-2117/2014 के अपीलार्थी श्री बिजेन्‍द्र सिंह से सम्‍बन्धित वाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि उन्‍होंने विद्युत कनेक्‍शन के लिए वर्ष 1998-1999 में प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के यहॉं प्रार्थना पत्र दिये थे, किन्‍तु विद्युत लाइन लगाये बिना 27,160/-रू0 का  बिल  प्रेषित

 

-3-

किया गया, जो निरस्‍त होने योग्‍य है। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी की ओर से जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख लिखित प्रतिवाद पत्र दाखिल किया गया तथा संक्षेप में कथन किया गया कि अपीलार्थी/परिवादी ने वर्ष 1998 में कटिया कनेक्‍शन को नियमित कराया था तथा आज तक कोर्इ धनराशि जमा नहीं किया है तथा वर्ष 1998 से ही विद्युत बिल मांगा जा रहा है तथा इसके पूर्व अपीलार्थी/परिवादी विद्युत का प्रयोग चोरी से कर रहा था।

उपरोक्‍त अपील संख्‍या-2117/2014 के अपीलार्थी श्री बच्‍चू सिंह से सम्‍बन्धित वाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि अपीलार्थी/परिवादी ने जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख परिवाद इस आशय से प्रस्‍तुत किया कि कनेक्‍शन सं0 055071 का विद्युत बिल 25773/-रू0 को निरस्‍त करते हुए दिनांक 02.07.2008 से बिल जारी कराया जाये तथा प्रतिकर भी दिलाया जाये। अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि उसने अपने घरेलू बत्‍ती तथा पंखे के लिए कटिया कनेक्‍शन योजना के अन्‍तर्गत वर्ष 1989-90 में कनेक्‍शन के लिए प्रत्‍यर्थी/विपक्षी को प्रार्थना पत्र दिया था तथा प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने आश्‍वस्‍त किया था कि लाइन बन जायेगा। विद्युत विभाग द्वारा लाइन नहीं लगायी गयी तथा बिल प्रेषित कर दिया गया।  प्रत्‍यर्थी/विपक्षी की ओर से जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख लिखित प्रतिवाद पत्र दाखिल करते हुए कथन किया गया कि अपीलार्थी/परिवादी का कथन गलत है तथा अपीलार्थी/परिवादी पहले से ही विद्युत का प्रयोग चोरी से कर रहा था। कनेक्‍शन वर्ष 1998 में नियमित किया गया तथा तभी से बिल भेजा गया। आज तक अपीलार्थी/परिवादी ने कोर्इ धनराशि जमा नहीं किया है।

 

-4-

उपरोक्‍त अपील संख्‍या-2117/2014 के अपीलार्थी श्री लक्ष्‍मण सिंह से सम्‍बन्धित वाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि उसने विद्युत कनेक्‍शन के लिए वर्ष 1989-90 में प्रत्‍यर्थी/विपक्षी को प्रार्थना पत्र दिया था, किन्‍तु विद्युत लाइन लगाये बिना 27,160/-रू0 का बिल प्रेषित किया गया, जो निरस्‍त होने योग्‍य है। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी की ओर से जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख लिखित प्रतिवाद पत्र दाखिल किया गया तथा संक्षेप में कथन किया गया कि अपीलार्थी/परिवादी का कथन गलत है तथा अपीलार्थी/परिवादी ने वर्ष 1998 में कटिया कनेक्‍शन को नियमित कराया था तथा तभी से विद्युत बिल मांगा गया है और आज तक अपीलार्थी/परिवादी ने कोर्इ धनराशि जमा नहीं किया है।

उपरोक्‍त अपील संख्‍या-376/2012 के अपीलार्थी श्री इन्‍द्रजीत सिंह से सम्‍बन्धित वाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि अपीलार्थी/परिवादी ने जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख परिवाद इस आशय से प्रस्‍तुत किया कि कनेक्‍शन सं0 051531 का 25,000/-रू0 का बिल निरस्‍त करते हुए उसे प्रतिकर दिलाया जाये तथा बिल संशोधित कराया जाये। अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि उसने वर्ष 1989-90 में घरेलू प्रयोग के लिए कनेक्‍शन हेतु प्रत्‍यर्थी/विपक्षी को प्रार्थना पत्र दिया था, किन्‍तु बिना लाइन के उसे बिल भेजा गया। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी की ओर से जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख लिखित प्रतिवाद पत्र दाखिल किया गया तथा संक्षेप में कथन किया गया कि अपीलार्थी/परिवादी पहले से विद्युत चोरी करके प्रयोग कर रहा था तथा वर्ष 1998 में कटिया कनेक्‍शन को नियमित किया गया  तभी  से  विद्युत  बिल  भेजा   गया   है   और   आज   तक

 

-5-

अपीलार्थी/परिवादी ने कोर्इ धनराशि जमा नहीं किया है।

उपरोक्‍त अपील संख्‍या-25/2021 के अपीलार्थी श्री बुद्धा राम से सम्‍बन्धित वाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि उसने वर्ष               1989-90 में कनेक्‍श्‍ान हेतु प्रत्‍यर्थी/विपक्षी को प्रार्थना पत्र दिया था तथा बिना विद्युत लाइन के बिल 25,000/-रू0 का प्रेषित किया गया, जो निरस्‍त होने योग्‍य है। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी की ओर से जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख लिखित प्रतिवाद पत्र दाखिल किया गया तथा कथन किया गया कि अपीलार्थी/परिवादी का कथन गलत है बल्कि सही यह है कि अपीलार्थी/परिवादी ने वर्ष 1998 में कटिया कनेक्‍शन नियमित कराया था तथा इसके पूर्व अपीलार्थी/परिवादी चोरी से विद्युत का प्रयोग कर रहा था। वर्ष 1998 से विद्युत बिल मांगा जा रहा है, किन्‍तु आज तक अपीलार्थी/परिवादी ने कोई धनराशि जमा नहीं किया है।

अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री सालिक राम यादव द्वारा यह कथन किया गया कि अपीलार्थीगण किसान हैं तथा उनके द्वारा प्रत्‍यर्थी/विपक्षी विद्युत विभाग की ओर से कटिया कनेक्‍शन योजना के अन्‍तर्गत वर्ष 1989-1990 में घरेलू लाइट व पंखे के इस्‍तेमाल हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्‍तुत किये गये तथा अपीलार्थीगण को प्रत्‍यर्थी/विपक्षी विद्युत विभाग द्वारा यह आश्‍वासन दिया गया कि जब तक विद्युत लाइन को उनके घरों के पास तक संचालन हेतु नहीं लगाया जाता है तब तक वे उपरोक्‍त कटिया कनेक्‍शन योजना के अन्‍तर्गत बत्‍ती व पंखे का प्रयोग करें। अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह कथन किया गया कि प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा उपरोक्‍त सम्‍बन्‍ध में उन्‍हें कोई आश्‍वासन नहीं  दिया

 

-6-

गया तथा यह कि अपीलार्थीगण द्वारा वर्ष 1998 के पश्‍चात् नियमितीकरण कराने के उपरान्‍त विद्युत का प्रयोग प्रारम्‍भ किया गया तथा यह कि अपीलार्थीगण द्वारा किसी प्रकार की कोई विद्युत चोरी नहीं की गयी न ही विद्युत चोरी का प्रयोग किया गया।

प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री इसार हुसैन द्वारा इस आयोग के सम्‍मुख यह कथन किया गया कि अपीलार्थीगण द्वारा कटिया डालकर बिजली का प्रयोग किया गया तथा विगत लगभग 25 वर्षों से वे निरन्‍तर कटिया से ही बिजली ले रहे हैं तथा प्रयोग कर रहे हैं। यद्यपि उनके द्वारा विद्युत कनेक्‍शन हेतु प्रार्थना पत्र दिया जरूर गया है, परन्‍तु वर्ष 1998 में कटिया कनेक्‍शन को नियमित करने के उपरान्‍त भी अपीलार्थीगण द्वारा प्रत्‍यर्थी/विपक्षी विद्युत विभाग को कोई विद्युत देय आज दिनांक तक नहीं दिया गया है। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा मेरा ध्‍यान इस ओर आकर्षित किया गया कि अपीलार्थीगण दबंग प्रवृत्ति के व्‍यक्ति हैं तथा सामूहिक रूप से विद्युत विभाग के कर्मचारियों को डराते धमकाते रहते हैं व बिना किसी तथ्‍य के विभागीय कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु दबाव बनाते हैं।

प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा मेरा ध्‍यान इस ओर आकर्षित किया गया कि यद्यपि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा निर्णय एवं आदेश दिनांक 29.09.20211 को दोनों पक्षों को सुनने के उपरान्‍त पारित किया गया, परन्‍तु अपीलार्थीगण द्वारा उपरोक्‍त निर्णय एवं आदेश दिनांक 29.09.2011 के विरूद्ध इस आयोग के सम्‍मुख अपील संख्‍या-2117/2014 (बिजेन्‍द्र सिंह आदि बनाम अधिशासी  अभियंता,  दक्षिणांचल

 

-7-

विद्युत वितरण खण्‍ड) एवं अपील संख्‍या-376/2012 (इन्‍द्रजीत सिंह बनाम अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खण्‍ड) एवं अपील संख्‍या-25/2021 (बुद्धा राम बनाम अधिशासी अभियंता, दक्षिणांचल विद्युत वितरण खण्‍ड व अन्‍य) विलम्‍ब क्षमा प्रार्थना पत्र के साथ प्रस्‍तुत की गयी, जिसमें अपील संख्‍या-376/2012 अनेकों तिथियों पर अपीलार्थी के अधिवक्‍ता की ओर से उपस्थित न होने के कारण स्‍थगित की जाती रही तथा अपील संख्‍या-2117/2014 के साथ सुनवाई हेतु व अन्‍तरिम आदेश प्रार्थना पत्र पर आदेश पारित करने हेतु दिनांक 12.03.2021 को सूचीबद्ध की गयी। तदोपरान्‍त उपरोक्‍त अपील संख्‍या-376/2012 एक अन्‍य अपील संख्‍या-25/2021 व अपील संख्‍या-2117/2014 के साथ सूचीबद्ध करने हेतु आदेशित की गयी, जिस पर अगली तिथि पर अन्तिम रूप से सुनवाई हेतु आदेश पारित किया गया।

पत्रावलियों की आर्डर शीट के परिशीलन से यह सुस्‍पष्‍ट है कि उपरोक्‍त अपील संख्‍या-376/2012 के साथ प्रस्‍तुत विलम्‍ब क्षमा प्रार्थना पत्र पर कोई आदेश पूर्व में पारित नहीं हुआ तथा अपील संख्‍या-2117/2014 प्रस्‍तुत करते समय अपीलार्थी के अधिवक्‍ता द्वारा इस न्‍यायालय को यह सूचित व भ्रमित किया गया कि वस्‍तुत: यह अपील समय-सीमा अवधि से बाधित है, परन्‍तु प्रश्‍नगत आदेश के विरूद्ध अपीलार्थी/परिवादी इन्‍द्रजीत सिंह द्वारा प्रस्‍तुत की गयी अपील संख्‍या-376/2012 पूर्व ही प्रस्‍तुत की गयी है, जो कि अंगीकार हो चुकी है और दिनांक 10.03.2015 को सुनवाई हेतु लगी है। उक्‍त कथन को सत्‍य मानते हुए इस न्‍यायालय द्वारा पूर्व अपील  संख्‍या-376/2012  के  साथ

 

-8-

अपील संख्‍या-2117/2014 को सूचीबद्ध करने हेतु आदेशित किया, जिसे कि अंगीकार किये जाने के प्रश्‍न पर सुनवाई हेतु नवीनतम वाद सूची में सूचीबद्ध किया गया। तदोपरान्‍त अपील संख्‍या-2117/2014 में विलम्‍ब क्षमा आवेदन पत्र के सम्‍बन्‍ध में आपत्ति एवं लिखित बहस दाखिल किये जाने हेतु प्रत्‍यर्थी को नोटिस जारी किया गया। तदोपरान्‍त अनेकों तिथियों पर उपरोक्‍त अपीलें एक साथ अंगीकार किये जाने के प्रश्‍न पर सूचीबद्ध होती रहीं व अधिवक्‍तागण से मौखिक तर्क हेतु अपेक्षा की गयी व अनेकों तिथियॉं निश्चित की गयी। विभिन्‍न तिथियों पर अधिकतर अपीलार्थी की ओर से अधिवक्‍ता की अनुपस्थिति पायी गयी तथा उपरोक्‍त अपीलें          समय-समय पर स्‍थगित होती रही।

दिनांक 30.06.2021 को अपील संख्‍या-2117/2014 में इस न्‍यायालय द्वारा निम्‍न आदेश पारित किया गया:-

''आदेश हेतु अपील सं0- 25/2021 में पारित आदेश पढ़ा जाए। यह अपील सम्‍बन्धित अपील सं0- 25/2021 एवं अपील सं0- 376/2012 के साथ दि0 22.07.2021 को प्रथम दस वादों की सूची में सुनवाई हेतु सूचीबद्ध की जाए। अगली तिथि पर उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण का नाम वादसूची में दर्शित किया जाए।''  

अपील संख्‍या-25/2021 इस न्‍यायालय के सम्‍मुख यद्यपि लगभग 09 वर्ष 02 माह से अधिक विलम्‍ब से प्रस्‍तुत की गयी, परन्‍तु आर्डर शीट दिनांक 14.01.2021 के परिशीलन से यह ज्ञात हुआ कि अपीलार्थी के अधिवक्‍ता द्वारा न्‍यायालय को उक्‍त अपील के विलम्‍ब होने की अवधि मात्र 10 दिन बतायी  गयी।  तदोपरान्‍त  दिनांक 16.03.2021  को  इस

 

-9-

न्‍यायालय द्वारा निम्‍न आदेश पारित किया गया:-

''अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा सूचित किया गया कि इस मामले से सम्‍बन्धित एक अन्‍य अपील, अपील सं0-376/2012 भी है, जिसमें दिनांक 12.4.2021 की तिथि सुनवाई हेतु निश्चित है। अत: यह अपील, अपील सं0-376/2012 की पत्रावली के साथ अंगीकरण के बिन्‍दु पर सुनवाई हेतु दिनांक 12.4.2021 को सूचीबद्ध की जाये।''

कोविड 19 की महामारी की वजह से उपरोक्‍त अपील अन्‍य अपीलों के साथ दिनांक 30.06.2021 को सूचीबद्ध हुई तथा दिनांक 30.06.2021 को निम्‍न आदेश पारित किया गया:-

''अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री सालिक राम यादव उपस्थित हैं। प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री इसार हुसैन उपस्थित हैं। यह अपील सम्‍बन्धित अपील सं0- 2117/2014 एवं अपील सं0- 376/2012 के साथ दि0 22.07.2021 को प्रथम दस वादों की सूची में सुनवाई हेतु सूचीबद्ध की जाए। अगली तिथि पर उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण का नाम वादसूची में दर्शित किया जाए।''  

मेरे द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा तीनों ऊपर वर्णित अपीलों की पत्रा‍वलियों का सम्‍यक परिशीलन किया गया।

जिला उपभोक्‍ता आयोग, अलीगढ़ द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 29.09.2011 में वर्णित प्रस्‍तरवार, बिन्‍दुवार एवं अपीलार्थी/परिवादीगण से सम्‍बन्धित समस्‍त तथ्‍यों को सुसंगत रूप से पढ़ा गया व जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख उभय पक्ष द्वारा  प्रस्‍तुत  की

 

-10-

गयी बहस एवं जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा लिये गये निष्‍कर्ष का सम्‍यक परीक्षण किया गया तथा प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता     श्री इसार हुसैन के कथन को गम्‍भीरता से सुनने के उपरान्‍त मैं इस निष्‍कर्ष पर पहुँचता हूँ कि समस्‍त अपील विलम्‍ब क्षमा प्रार्थना पत्र के साथ अत्‍यन्‍त विलम्बित समय से प्रस्‍तुत की गयी तथा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा अनेकों बार स्‍थगन प्राप्‍त किया गया व अनेकों बार अपीलों की सुनवाई उनके उपस्थित न होने की दशा में नहीं हो पायी तथा यह भी निर्विवाद है कि अपीलार्थीगण द्वारा बिना किसी आधार के वर्ष 1989-1990 से लेकर वर्ष 1998 तक कटिया कनेक्‍शन योजना के अन्‍तर्गत लाभ अर्जित किया गया। तदोपरान्‍त यदि अपीलार्थीगण द्वारा विद्युत संयोजन हेतु प्रार्थना पत्र पर प्रत्‍यर्थी/विपक्षी विद्युत विभाग द्वारा विद्युत कनेक्‍शन प्रदान किया गया तब उस स्थिति में अपीलार्थीगण को समस्‍त विद्युत बकाया राशि शीघ्र ही बिना किसी विलम्‍ब के विद्युत विभाग को देनी होगी।

चूँकि अपीलार्थीगण किसान हैं तथा यह कि उनके द्वारा बत्‍ती व पंखे का इस्‍तेमाल हेतु कटिया कनेक्‍शन योजना के अन्‍तर्गत विद्युत प्रयोग किया गया है अतएव जिला उपभोक्‍ता आयोग, अलीगढ़ द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश पूर्णतया सुसंगत है, जिसका मैं समर्थन करता हूँ तथा अपीलार्थीगण को आदेशित करता हूँ कि वे जिला उपभोक्‍ता आयोग के निर्णय एवं आदेश दिनांक 29.09.2011 का अनुपालन 60 दिवस की अ‍वधि में सुनिश्चित करें। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी विद्युत विभाग द्वारा सभी अपीलार्थीगण को देय धनराशि से सम्‍बन्धित गणना विवरण 30 दिन  की

 

-11-

अवधि में संशोधित बिल के साथ प्रदान करना होगा।

उपरोक्‍त निर्णय/आदेश के साथ उपरोक्‍त तीनों अपीलें निरस्‍त की जाती हैं।

इस निर्णय की एक प्रति अपील संख्‍या-376/2012 एवं अपील संख्‍या-25/2021 में भी रखी जाये।  

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

                      अध्‍यक्ष                  

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1    

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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