जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, रायगढ़ (छ.ग.)
समक्षः सनमान सिंह, अध्यक्ष प्रकरण क्रमांक 156/2014
सुभाष पाण्डेय, सदस्य संस्थित दिनांक 15.10.2014
डा.हेमलता सिंह, सदस्य
संतोष केशरवानी आ0सिदार सिंह केशरवानी
निवासी नगरपालिका चैक बिलासपुर रोड सारंगढ़
तहसील सारंगढ़ जिला रायगढ़ (छ.ग.) .................आवेदक
//वि रू द्ध//
प्रोपाईटर
दीक्षा इन्टरप्राइजेज,
हाटल रंजीत रायगढ़ रोड सारंगढ़
तहसील सारंगढ़ जिला रायगढ़ (छ.ग.) .................अन
आवेदक द्वारा श्री सुरेन्द्र पाणिग्राही अधिवक्ता।
अनावेदक द्वारा श्री आई.पी.शर्मा अधिव;
(आदेश)
(आज दिनांक 26/02/2015 को पारित आदेश)
सनमान सिह, अध्यक्ष
1/- आवेदक ने अनावेदक के विरूद्व दिनांक 04.04.13 को क्रय किये गये दो ए0सी0 (एयर कंडिश्नर) की कीमत 52,000/-रूपये मय ब्याज दिलाये जाने अथवा नये ए0सी0 दिलाये जाने हेतु धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत यह परिवाद प्रस्तुत किया है।
2/- आवेदक का परिवाद संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक दिनांक 04.04.13 को अनावेदक के संस्थान से दो ए0सी0 हायर कंपनी लिमि0स्पीड ए0सी0 नंबर H.s.u.18 LK 253 दिनांक 4-4-2013 26000/-रूपये प्रति नग की दर से 52,000/-रूपये में क्रय किया गया था। जिसके संबंध में अनावेदक के द्वारा दिनांक 04.04.13 को वारंटी कार्ड जारी किया गया था। ए0सी0 क्रय करने के कुछ ही दिन पश्चात् ए0सी0 में खराबी आई जिसकी शिकायत आवेदक ने अनावेदक से किया। अनावेदक के द्वारा ए0सी0 सुधारने के लिए मिस्त्री भेजा गया। किन्तु मिस्त्री के द्वारा ए0सी0सुधार नहीं किया गया। पुनः आवेदक के द्वारा शिकायत करने पर मिस्त्री बताया कि ए0सी0 के कुछ पाट्र्स बदलना पडे़गा जिसमें 5,000/-रूपये खर्च आएगा। आवेदक के द्वारा 3,000/-रूपये भुगतान किया गया किन्तु उसके बाद भी मिस्त्री ए0सी0 सुधारने नहीं आया। आवेदक अनावेदक को लिखित सूचना भी दिया था। किन्तु उसका जवाब अनावेदक के द्वारा नहीं दिया गया। इसलिए आवेदक ने उपरोक्त अनुतोष दिलाये जाने हेतु यह परिवाद प्रस्तुत किया है।
3/- अनावेदक की ओर से जवाब में बताया गया है कि ए0सी0 के संबंध में निर्माता कंपनी के द्वारा वारंटी कार्ड जारी किया जाता है। ए0सी0 में खराबी आने पर आवेदक की शिकायत पर कंपनी के मिस्त्री को आवेदक के घर भेजा था। आवेदक की पूर्ण संतुष्टि में मिस्त्री ए0सी0 का सुधार किया था। अनावेदक आवेदक से ए0सी0 के सुधार हेतु 5,000/-रूपये मांग नहीं किया था और न ही आवेदक के द्वारा 3,000/-रूपये अनावेदक को दिया गया था। बल्कि कंपनी के मिस्त्री द्वारा आवेदक
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की संतुष्टि में ए0सी0 का सुधार किया गया था। उसके बाद आवेदक ने ए0सी0 खराब होने की कोई शिकायत नहीं किया था। आवेदक के द्वारा ए0सी0 खराब होने की शिकायत करने पर अनावेदक ए0सी0कंपनी को सूचित किया था और ए0सी0 कंपनी के मिस्त्री द्वारा ए0सी0 का सुधार किया गया था।
4/- अनावेदक ए0सी0 का थोक विक्रेता नहीं है। आवेदक ए0सी0 के निर्माता कंपनी को पक्षकार नहीं बनाया है। ए0सी0 के थोक विक्रेता माँ दुर्गा इलेक्ट्रानिक्स एम.जी.मार्ग अग्रसेन गली जवाहर नगर रायपुर तथा ए0सी0 के निर्माता कंपनी हायर अप्लाईज इं.प्रा.लि.बी1/ए 14 मोहन कार्पोरेटिव इण्डस्ट्रीयल स्टेट नई दिल्ली को न तो पक्षकार बनाया है और न ही नोटिस जारी किया है। इसलिए आवेदक द्वारा प्रस्तुत परिवाद प्रचलनीय नहीं है। आवेदक अनावेदक से कोई अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है।
5/- आवेदक की ओर से अनावेदक के संस्थान का बिल दिनांक 04.04.13 प्रस्तुत किया है। जिसके अनुसार आवेदक अनावेदक के संस्थान से दो ए0सी0 दिनांक 04.04.13 को 52,000/-रूपये में क्रय किया था। वारंटी कार्ड के अनुसार ए0सी0 में 12 माह और कम्प्रेशर हेतु 60 माह की वारंटी थी। आवेदक के द्वारा अनावेदक को दिनांक 27.03.14 को वारंटी पिरेड में ए0सी0 खराब होने और उसका सुधार अनावेदक द्वारा न कराये जाने के फलस्वरूप 52,000/-रूपये ए0सी0 की कीमत की मांग करते हुए नोटिस दिया गया था।
6/- आवेदक की ओर से लिखित तर्क में यह बताया गया है कि दिनांक 04.04.13 को अनावेदक के संस्थान से दो ए0सी0 52,000/-रूपये में क्रय किया था। जिसके संबंध में वारंटी कार्ड जारी किया गया था। ए0सी0 खराब होने पर अनावेदक से शिकायत करने के बाद भी कंपनी के मिस्त्री द्वारा आवेदक के निवास पर आकर व ए0सी0 को देखकर भी सुधार नहीं किया गया। आवेदक का यह भी तर्क है कि कुछ दिन बाद पुनः ए0सी0 की शिकायत अनावेदक से किया तो कंपनी के मिस्त्री आवेदक के निवास पर आया और ए0सी0 को देखकर कहा कि कुछ पाट्र्स बदलना पडे़गा 5,000/-रूपये खर्च आएगा। आवेदक के द्वारा 3,000/-रूपये भुगतान भी किया गया। किन्तु ए0सी0 का सुधार नहीं किया गया। आवेदक का यह भी तर्क है कि अनावेदक ने ए0सी क्रय करते समय यह नहीं बताया था कि ए0सी0 खराब होने पर निर्माता कंपनी अथवा थोक विक्रेता की जवाबदारी होगी। अनावेदक ए0सी0 का स्थानीय विक्रेता है। ए0सी0 में खराबी आने पर सुधार/मरम्मत करने का दायित्व अनावेदक का है।
7/- अनावेदक की ओर से श्री माँ दुर्गा इलेक्ट्रानिक्स का बिल दिनांक 30.05.13 की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।
8/- अनावेदक की ओर से लिखित तर्क में बताया गया है कि आवेदक उसके संस्थान से ए0सी0 क्रय किया था। निर्माता कंपनी के द्वारा वारंटी कार्ड दिया जाता है। किन्तु आवेदक ए0सी0 के निर्माता कंपनी को पक्षकार नहीं बनाया है। इसलिए आवेदक द्वारा प्रस्तुत परिवाद प्रचलनीय नहीं है। अनावेदक आवेदक की शिकायत करने पर कंपनी के मिस्त्री को ए0सी0 के सुधार हेतु भेजा था और मिस्त्री द्वारा आवेदक की संतुतिष्ट में ए0सी0 का सुधार किया गया था। अनावेदक द्वारा तर्क में यह बताया गया है कि वह माँ दुर्गा इलेक्ट्रानिक्स एम.जी.मार्ग अग्रसेन गली जवाहर नगर रायपुर जो कि ए0सी0 का थोक विक्रेता है से ए0सी0 क्रय किया था। तथा ए0सी0 का निर्माता कंपनी हायर अप्लाईज इं.प्रा.लि.बी1/ए 14 मोहन कार्पोरेटिव इण्डस्ट्रीयल स्टेट नई दिल्ली के बारे में ए0सी0 विक्रय करते समय आवेदक को बता दिया गया था। उसके बाद भी आवेदक ए0सी0 के थोक विक्रेता अथवा निर्माता कंपनी को पक्षकार नहीं बनाया है। अंत में अनावेदक का यह भी तर्क है कि आवेदक ने अपने परिवाद में यह भी नहीं बताया है कि ए0सी0 में क्या खराबी थी एैसी स्थिति में भी परिवाद प्रचलनीय नहीं है
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9/- दिनांक 04.04.13 को अनावेदक के संस्थान से क्रय किये गये ए0सी0 में 12 माह तथा कम्प्रेशर के लिए 60 माह की वांरटी थी। वांरटी अवधि में ही क्रय किये गये ए0सी0 में खराबी आई। अनावेदक अनुसार कंपनी का मिस्त्री भेजकर आवेदक के संतुष्टि में ए0सी0 का सुधार किया गया था। जबकि आवेदक की शिकायत है कि मिस्त्री के द्वारा उसके निवास पर आने के बाद भी ए0सी0 का सुधार नहीं किया गया। अनावेदक की आेेेेर से मिस्त्री द्वारा ए0सी0 में सुधार कार्य किये जाने बाबत् कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया है। मिस्त्री आवेदक की संतुष्टि में ए0सी0 का सुधार कार्य कर दिया था तो फिर आवेदक को परिवाद प्रस्तुत करने की क्या आवश्यकता थी। ए0सी0 के विक्रेता का यह दायित्व है कि ए0सी0 में खराबी आने पर निर्माता कंपनी के माध्यम से सुधार/मरम्मत करवाए। अनावेदक के द्वारा वारंटी अवधि में आवेदक के शिकायत करने पर भी ए0सी0 का सुधार /मरम्मत नहीं कराया गया।
10/- Sooraj Automobiles L.T.D. Vs. Shri Bhanwar Lal & Oth 2013 ;3 Cpr 12 N.C. में यह अभिमत दिया गया है कि Dealer is Bount to repair vehicle during Period Of Warranty
11/- इसी तरह से Balaji Motors Vs. Devendra & Oth 2013 ;2 CPR 360 N.C. में यह अभिमत दिया गया है कि Dealer can Not Esc Ape His res ponsibility of attending to complaints made before it during Warranty Period
12/- इसी तरह से Kamal Kishor Vs. Electronice Carporation Of india ltd & Oth. यह अभिमत दिया गया है कि Television defective Warranty Deficiency in service No written Request to get T.V. Set Attended During Warranty Periode Order Of Fora beiow uphed
13/- ए0सी0 के थोक विक्रेता अथवा निर्माता कंपनी को पक्षकार बनाए जाने की आवश्यकता नहीं है और न ही पक्षकार न बनाए जाने के आधार पर परिवाद निरस्त योग्य है। अनावेदक जो कि ए0सी0 का स्थानीय विक्रेता है क्रय किये गये ए0सी0 में खराबी आने की शिकायत करने के बाद भी ए0सी0 की सुधार/मरम्मत वारंटी अवधि में न कराया जाना सेवा में कमी एवं व्यवसायिक दुराचरण के अन्तर्गत आता है। हम लोगों की मत में अनावेदक ए0सी0 में आई खराबी के सुधार/मरम्मत के लिए उत्तरदायी है। सुधार न करने की स्थिति में आवेदक अनावेदक से ए0सी0 कीद कीमत पाने का अधिकारी है।
अतः यह आदेश पारित किया जाता है किः-
1. अनावेदक आदेश दिनांक से एक माह के भीतर आवेदक द्वारा क्रय किये गये ए0सी0 को सुधार/मरम्मत कर आवेदक की पूर्ण संतुष्टि में देवेंगा।
2. अनावेदक द्वारा एक माह के भीतर ए0सी0 को सुधार/मरम्मत न किये जाने पर उसकी कीमत 52,000/-रूपये आवेदक को भुगतान करेंगा।
3. अनावेदक, आवेदक को 5,000/-रूपये मानसिक क्षतिपूर्ति एवं 1,000/-रूपये वाद व्यय भी देवेंगा।
(डा.हेमलता सिंह) (सुभाष पाण्डेय) (सनमान सिंह)
सदस्या सदस्य अध्यक्ष
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