राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-870/2019
(जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम लखनऊ द्धारा परिवाद सं0-199/2017 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 28.5.2019 के विरूद्ध)
अंशुमान शर्मा, अधिवक्ता उम्र करीब 42 वर्ष, पुत्र श्री आर0के0 शर्मा, निवासी-ए-1499/11, इंदिरा नगर, लखनऊ 226016
........... अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1- डाइकिन एयर कंडीशिनिंग इण्डिया प्रा0लि0, 12वॉ तल, बिल्डिंग नं0-9, टावर-ए, डीएलएफ फेज-III, गुरूगॉव-122002, हरयाणा (इण्डिया) द्वारा हैड।
2- एस0डी0 इण्टरप्राइजेज, एस/6/4, आजाद मार्केट, इंदिरा नगर, लखनऊ उत्तर प्रदेश-226016 द्वारा हैड।
…….. प्रत्यर्थी/विपक्षीगण
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
अपीलार्थी के अधिवक्ता : डा0 शांतनु शर्मा
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :- 11.5.2022
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/ अंशुमान शर्मा द्वारा इस आयोग के सम्मुख धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम लखनऊ द्वारा परिवाद सं0-199/2017 में पारित आदेश दिनांक 28.5.2019 के विरूद्ध योजित की गई है।
प्रस्तुत अपील में पूर्व निम्न आदेश दिनांक 06.10.2021 एवं तदोपरांत दिनांक 26.11.2021 को पारित निम्न आदेश के उपरांत विपक्षी कम्पनी की ओर से न तो अधिवक्ता न ही अधिकृत प्रतिनिधि उपस्थित हो रहे हैं:-
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दिनांक 06.10.2021
“दिनांक 27.08.2021 को प्रस्तुत अपील में निम्न आदेश पारित किया गया था:-
''वाद पुकारा गया। प्रत्यर्थी सं0-1 के विद्वान अधिवक्ता श्री राकेश कुमार गुप्ता उपस्थित है। प्रत्यर्थी सं0-2 प्रत्यर्थी सं0-1 के डीलर के रूप में कार्यरत है, जिनके प्रतिष्ठान से अपीलार्थी द्वारा एक स्प्लिट ए0सी0 यूनिट डाइकिन कम्पनी का दिनांक 17.4.2016 को कुल रू0 36,000.00 में क्रय किया गया। अपीलार्थी जो स्वयं अधिवक्ता है, के द्वारा अवगत कराया गया कि उपरोक्त ए0सी0 प्रारम्भ से ही ठीक से कार्य नहीं कर रहा था अर्थात उसके द्वारा अपेक्षित ठंडक इत्यादि नहीं दी जा रही थी, अत्एव अपीलार्थी द्वारा स्वयं प्रत्यर्थी सं0-2 को उक्त सम्बन्ध में अनेकों बार सूचनायें प्रेषित की गई एवं स्वयं अपनी तकलीफ के बारे में भी अवगत कराया गया, परन्तु प्रत्यर्थी सं0-2 जिसने अपीलार्थी को विश्वास दिलाया था कि उसके प्रतिष्ठान से खरीदी गई वस्तु के लिए वे पूर्णत: जिम्मेदारी है अर्थात वे सेवा में यदि कोई कमी होगी, तो उसके लिए वह स्वयं उपलब्ध रहेगा, परन्तु अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि उक्त प्रत्यर्थी सं0-2, डीलर द्वारा किसी भी तरह का कोई सहयोग प्रदान नहीं किया गया।
प्रत्यर्थी सं0-1 की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि कम्पनी के द्वारा जब भी अपीलार्थी को आवश्यकता हुई तब उसे सेवा प्रदान की गई तथा कम्पनी के पक्ष में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की गई।
उपरोक्त तथ्यों के दृष्टिगत रखते हुए प्रत्यर्थी सं0-2 एस0डी0 इण्टरप्राइजेज, एस/6/4, आजाद मार्केट, इंदिरा नगर, लखनऊ, उ0प्र0-226016 द्वारा हैड, को नोटिस जारी किया जाता है कि वे अपना पक्ष तीन सप्ताह की अवधि में इस आयोग के सम्मुख रखना सुनिश्चित करें, अन्यथा की स्थिति में उनके विरूद्ध समुचित कार्यवाही की जावेगी।
प्रस्तुत अपील को पुन: दिनांक 06.10.2021 को प्रथम 20 वादों की सूची में सुनवाई हेतु सूचीबद्ध किया जावे।''
उक्त आदेश के अनुपालन में निबन्धक, राज्य आयोग द्वारा पत्रांक 1863 दिनांकित 02.09.2021 नोटिस/सूचना प्रेषित की गयी। कार्यालय की आख्या से स्पष्ट है कि उक्त सूचना के परिप्रेक्ष्य में नोटिस जारी किया गया। दौरान बहस प्रत्यर्थी संख्या-2 एस0डी0 इण्टरप्राइजेज, एस/6/4, आजाद मार्केट, इंदिरा नगर, लखनऊ, उ0प्र0-226016 की ओर से श्री विष्णु वर्मा उपरोक्त फर्म के एकाउन्टेन्ट उपस्थित हुए, जिन्हें प्रस्तुत वाद/अपील से सम्बन्धित तथ्यों की समुचित जानकारी नहीं है। अतएव उनके अनुरोधानुसार प्रस्तुत अपील को दिनांक 26.11.2021 को प्रथम 20 वादों की सूची में सूचीबद्ध किया जावे।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता प्रत्यर्थी संख्या-2 एस0डी0 इण्टरप्राइजेज के प्रतिनिधि श्री विष्णु वर्मा को प्रस्तुत अपील से सम्बन्धित समस्त पत्रावली की एक प्रति प्राप्त करायेंगे, जो अपना पक्ष अगली तिथि से पूर्व शपथ पत्र के माध्यम से कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे तथा प्रत्यर्थी संख्या-2 एस0डी0 इण्टरप्राइजेज के प्रोप्राइटर श्री मो0 अख्तर जहां अगली तिथि पर इस न्यायालय के सम्मुख पूर्वान्ह 11:00 बजे उपस्थित होंगे।”
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दिनांक:- 26.11.2021
“वाद पुकारा गया। प्रत्यर्थी सं0-2 सर्व श्री एस0डी0 इण्टर प्राइजेंज, विक्रेता की ओर से श्री विष्णु वर्मा अधिकृत प्रतिनिधि उपस्थित हुए, जिनके द्वारा प्रत्यर्थी सं0-2 की ओर से कुछ प्रपत्र प्रस्तुत अपील में दाखिल करने हेतु 02 सप्ताह का समय प्रदान किये जाने की प्रार्थना की। प्रार्थना स्वीकृत है। उपरोक्त प्रपत्र, प्रार्थना पत्र के साथ कार्यालय में दिनांक 15.12.2021 से पूर्व दाखिल किये जाये। अगली तिथि पर प्रत्यर्थी सं0-2 द्वारा अपना पक्ष प्रस्तुत अपील में प्रस्तुत किया जावे। प्रस्तुत अपील को पुन: दिनांक 28.12.2021 को प्रथम 20 वादों की सूची में सुनवाई हेतु सूचीबद्ध किया जावे।”
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि अपीलार्थी/परिवादी जो कि एक अधिवक्ता हैं, के द्वारा प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-1 द्वारा निर्मित डाइकिन 1.5 टन स्प्लिट एयर कंडीशनर(ए0सी0) (माडल नं0- FTC50/RC50RRV16) की खरीद प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-2 सर्व श्री एस0डी0 इण्टरप्राइजेज, एस/6/4, आजाद मार्केट, इंदिरा नगर, लखनऊ के व्यापारिक स्थल से कुल धनराशि रू0 45,000.00 के विरूद्ध रू0 36,000.00 का भुगतान करके क्रय किया गया। तदोपरांत उपरोक्त एयर कंडीशनर(ए0सी0) प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-2 द्वारा अपीलार्थी/परिवादी के निवास स्थल पर संयोजित किया गया, परन्तु उपरोक्त एयर कंडीशनर(ए0सी0) संयोजन के एक माह की अवधि में ही अनेकों प्रकार की खरीबी के कारण वातानुकूलन करने में असफल रहा, तद्नुसार अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-2 के सम्मुख व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर उपरोक्त खरीदे गये एयर कंडीशनर(ए0सी0) को ठीक करने हेतु कहा गया, परन्तु प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-2 द्वारा शिकायत/सूचना के उपरांत भी कोई आवश्यक कार्यवाही नहीं की गई, फलस्वरूप अपीलार्थी द्वारा एक विधिक नोटिस दिनांक 23.5.2017 को प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-2 के उपलब्ध पते पर प्रेषित की गयी तथा उपरोक्त नोटिस में यह कथन किया गया कि चूंकि उपरोक्त एयर कंडीशनर(ए0सी0) गारण्टी अवधि में है, अत्एव उसमें इंगित कमियों को
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यथाशीघ्र ठीक कराया जाए अथवा उसके स्थान पर नये एयर कंडीशनर(ए0सी0) को संयोजित किया जावे।
अपीलार्थी/परिवादी के उपरोक्त सूचना/शिकायत पर कोई संज्ञान न लिये जाने के कारण अपीलार्थी/परिवादी द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम लखनऊ के सम्मुख परिवाद सं0-199/2017 योजित किया गया। जिसमें प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-1 अर्थात निर्माता कम्पनी द्वारा यह कथन किया गया कि उपरोक्त परिवाद जिला उपभोक्ता आयोग के क्षेत्राधिकार से परे है तथा वारण्टी नियम के अनुसार उसका क्षेत्राधिकार दिल्ली क्षेत्र में है, साथ ही यह भी कथन किया कि उपरोक्त एयर कंडीशनर(ए0सी0) में किस तरह की दिक्कत अथवा कठिनाई है इसकी जानकारी विशेषज्ञ राय अथवा किसी लैब एक्सपर्ट की रिपोर्ट से ही प्राप्त की जा सकती है, जो पत्रावली पर परिवादी द्वारा उपलब्ध नहीं करायी गई है।
प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-1 द्वारा अपने उत्तर पत्र में यह भी कथन किया गया कि वारण्टी में यह कही भी अंकित नहीं किया है कि क्रयशुदा एयर कंडीशनर(ए0सी0) वापस लिया जावेगा अथवा बदला जायेगा। यह भी कथन किया गया कि वारण्टी की अवधि 12 माह की होती है तथा विपक्षी द्वारा पहली बार सूचना/शिकायत माह मई, 2017 में प्राप्त हुई है, तब उपरोक्त वारण्टी की अवधि समाप्त हो गई थी।
यहॉ यह कहना समीचीन होगा कि प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-1 निर्माता कम्पनी द्वारा अपने उत्तर में यह तथ्य स्वीकृत रूप से अंकित किया गया है कि एयर कंडीशनर(ए0सी0) का हैण्ड ब्लेड बदला गया था और उसके लिए उससे भुगतान भी लिया गया था। इस तथ्य से यह स्पष्ट होता है कि एयर कंडीशनर(ए0सी0) का हैण्ड ब्लेड में कुछ त्रुटियॉ पाई गई, तद्नुसार उसको बदलकर उसकी
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मरम्मत की गई। प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-2 अर्थात विक्रेता सर्व श्री एस0डी0 इण्टरप्राइजेज, एस/6/4, आजाद मार्केट, इंदिरा नगर, लखनऊ उत्तर प्रदेश-226016 की ओर से परिवाद में किसी प्रकार का कोई उत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया, जिसके विरूद्ध जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख एक पक्षीय कार्यवाही जारी रही है।
जिला उपभोक्ता आयोग द्वरा अभिलेखों का अवलोकन करने के उपरांत तथा विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रस्तुत किये गये उत्तर को दृष्टिगत रखते हुए तथा प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा उल्लिखित परिवाद पत्र में तथ्यों का परिशीलन करने के उपरांत यह तथ्य अंकित किया गया कि परिवादी द्वारा वारण्टी अवधि में प्रत्यर्थी/विपक्षीगण से कोई शिकायत एयर कंडीशनर(ए0सी0) में त्रुटि के सम्बन्ध में नहीं की, बल्कि विपक्षी ने वारण्टी के नियमों को दाखिल किया है, जिसमें एक वर्ष की वारण्टी उल्लिखित की गई है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि वास्तव में वारण्टी की अवधि 12 माह + 48 माह होती है एवं यदि एयर कंडीशनर(ए0सी0) के कम्प्रेशर सुचार रूप से कार्य नहीं करता है तब उस स्थिति में 05 वर्ष की अवधि अर्थात 12+48 =60 माह में उपरोक्त कम्प्रेशर अथवा एयर कंडीशनर(ए0सी0) को बदलना कम्पनी/विक्रेता का कर्तव्य एवं जिम्मेदारी है।
मेरे द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश का परिशीलन किया गया। निर्विवादित रूप से अपीलार्थी/परिवादी द्वारा क्रय किया गया एयर कंडीशनर(ए0सी0) एक वर्ष की अवधि से पूर्व ही अव्यवस्थित रूप से कार्य कर रहा था अर्थात उसमें कुछ न कुछ कमियॉ वातानुकूलन के सम्बन्ध में पाई जा रही थी, जिनकी सूचना व्यक्तिगत रूप से
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अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-2 अर्थात विक्रता को अवगत करायी गई, साथ ही विधिक नोटिस द्वारा भी सूचित किया गया, परन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-2 ने जब एक वर्ष वारण्टी अवधि की समाप्त हो गई तब अपीलार्थी/परिवादी की सूचना/शिकायत को थोडा बहुत संज्ञान में लेते हुए कार्यवाही सुनिश्चित की, जो निश्चित रूप से प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-2 द्वारा मेरे मत से सेवा में कमी की परिधि में आता है।
तद्नुसार अपील स्वीकार की जाती है। प्रत्यर्थी/विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे अपीलार्थी/परिवादी को बिक्रीत डाइकिन 1.5 टन स्प्लिट एयर कंडीशनर(ए0सी0) (माडल नं0- FTC50/RC50RRV16) के स्थान पर नये एयर कंडीशनर(ए0सी0) 1.5 टन को इस निर्णय/आदेश प्राप्ति के एक माह की अवधि में प्राप्त कराया जाना सुनिश्चित करें तथा वाद व्यय के रूप में 5,000.00 रू0 भी अपीलार्थी/परिवादी को प्रदान किया जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश आशु.,
कोर्ट नं0-1