Uttar Pradesh

StateCommission

A/2006/3021

Lakhan Lal Jaiswal - Complainant(s)

Versus

Daij Medical Centre - Opp.Party(s)

S K Srivastav

19 Jan 2018

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2006/3021
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Lakhan Lal Jaiswal
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Daij Medical Centre
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 19 Jan 2018
Final Order / Judgement

सुरक्षित

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ

 

(जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, चित्रकूट द्वारा परिवाद संख्‍या 104 सन 2004 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 18.10.2006  के विरूद्ध)

 

अपील संख्‍या 3021 सन 2006

लखनलाल जैसवाल पुत्र श्री जंग बहादुर जैसवाल निवासी निकट चकरही चौराहा, शंकर बाजार, कर्वी थाना कोतवाली, जिला चित्रकूट।

                                           .......अपीलार्थी/प्रत्‍यर्थी

-बनाम-

 

1.     डेज मेडिकल स्‍टोर मैनुफैक्‍चरिंग यू0पी0 लि0 2/बी, बेली रोड, इलाहाबाद 211001 द्वारा मालिक ।  

2.    डेज मेडिकल स्‍टोर प्रा0लि0 कर्चना, इलाहाबाद 211001 द्वारा मैनेजर।

 

3;    चावला एजेंसी दुकान नं0 बी-12, ग्राउण्‍ड फ्लोर कानपुर होजरी मार्केट, कलक्‍टरगंज, कानपुर द्वारा मैनेजर ।

4.    रमाशंकर प्रोप0 महाराजा बटन स्‍टोर, निकट कोठी तालाब, कर्वी, जिला चित्रकूट ।

5.    सुनील गुप्‍ता प्रो0 राजन जनरल स्‍टोर, ए/11, नगर पालिका मार्केट, निकट कचहरी गेट, कर्वी, जिला चित्रकूट।         . .........प्रत्‍यर्थी/परिवादी

 

 

समक्ष:-

मा0   श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन  सदस्‍य।

मा0    श्री गोवर्धन यादव, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता           -  कोई नही ।

प्रत्‍यर्थी सं0 1 व 2 की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता   -  श्री वी0के0 सक्‍सेना ।

 

दिनांक:-31-01-18

 

श्री गोवर्धन यादव, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित

निर्णय

 

      प्रस्‍तुत अपील, जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, चित्रकूट द्वारा परिवाद संख्‍या 104 सन 2004 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 18.10.2006  के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है ।

संक्षेप में, प्रकरण के आवश्‍यक तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने प्रत्‍यर्थी संख्‍या 01, डेज मेडिकल स्‍टोर मैनुफैक्‍चरिंग यू0पी0 लि0 2/बी, बेली रोड, इलाहाबाद द्वारा निर्मित कियोकार्पिन हेयर आयल दिनांक 24.08.2003 को प्रत्‍यर्थी संख्‍या 05 सुनील गुप्‍ता प्रो0 राजन जनरल स्‍टोर, ए/11, नगर पालिका मार्केट, निकट कचहरी गेट, कर्वी, जिला चित्रकूट से क्रय किया था जिसका बैच नं0 5846 था तथा उसे अप्रैल 2003 में निर्मित किया गया था। घर में आकर देखने पर पता चला कि उक्‍त तेल की शीशी में चींटा तैर रहा था। परिवादी ने नकली माल होने इसकी शिकायत विपक्षी संख्‍या -05 से की जिसने  अपने को निर्माता नहीं बताया। परिवादी इस संबंध में प्रत्‍यर्थी संख्‍या 03 से मिला जिसने अपीलकर्ता को अपने द्वारा क्रय किए गए बिल की प्रति देकर कानपुर जाकर तेल बदलने का सुझाव दिया । परिवादी का कहना है कि वह बहुत सालो से उक्‍त तेल का प्रयोग करता चला आ रहा है। विपक्षी संख्‍या 01 के विज्ञापनों व प्रचार से प्रभावित होकर उसने तेल खरीदा था लेकिन प्रत्‍यर्थी संख्‍या 01 धोखाधडी करके मिलावटी व जहरीला तेल का निर्माण कर रहा है एवं प्रत्‍यर्थी संख्‍या 02 उसे वितरित कर रहा है जिसे जनहित में निर्माण व वितरण बन्‍द कराने तथा क्षतिपूर्ति एवं वादव्‍यय आदि के मद में कुल 1,06,024.00 रू0 दिलाए जाने हेतु जिला मंच में परिवाद दाखिल किया।

जिला मंच के समक्ष प्रत्‍यर्थीगण की ओर से प्रस्‍तुत अपने लिखित कथन में उल्लिखित किया गया कि कम्‍पनी द्वारा तैयार किए गए माल की शुद्धता परीक्षण करने के बाद ही सुचारू रूप से पैक करके बाजार में उपभोक्‍ता के लिए छोड़ा जाता है तथा ड्रग्‍स एवं कासमेटिक अधिकारियों की देखरेख मे ही बनाया जाता है। यदि तैयार किए गए तेल की बोतल में चींटा तैरता हुआ पाया गया तो यह महज आकस्मिक दुर्घटना बस ही है जिससे तेल की शुद्धता एवं गुणवत्‍ता पर कोई असर नहीं आता। प्रत्‍यर्थीगण द्वारा विवादित बोतल बदलने के लिए भी तैयार हैं लेकिन अपीलकर्ता द्वारा अवैधानिक हितलाभ पाने के लिए परिवाद दाखिल कर दिया है।

जिला मंच ने उभय पक्ष के साक्ष्‍य एवं अभिवचनों के आधार पर परिवादी का परिवाद उसके द्वारा समुचित रूप से सिद्ध न करने के कारण निरस्‍त कर दिया, जिससे क्षुब्‍ध होकर प्रस्‍तुत अपील योजित की गयी है।

अपील के आधारों में कहा गया है कि जिला मंच का प्रश्‍नगत निर्णय विधिपूर्ण नहीं है तथा तथ्‍यों को संज्ञान में लिए बिना प्रश्‍नगत निर्णय पारित किया गया है जो अपास्‍त किए जाने योग्‍य है।

      हमने प्रत्‍यर्थी सं0 1 व 2 के विद्वान अधिवक्‍ता श्री वी0के0 सक्‍सेना की बहस विस्‍तार से सुनी तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का सम्‍यक् अनुशीलन किया। बहस हेतु अपीलकर्ता की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।

पत्रावली का अवलोकन करने से स्‍पष्‍ट होता है कि परिवादी ने प्रत्‍यर्थी संख्‍या 01 डेज मेडिकल स्‍टोर मैनुफैक्‍चरिंग यू0पी0 लि0 2/बी, बेली रोड, इलाहाबाद द्वारा निर्मित कियोकार्पिन हेयर आयल दिनांक 24.08.2003 को प्रत्‍यर्थी संख्‍या 05 सुनील गुप्‍ता प्रो0 राजन जनरल स्‍टोर, कर्वी, जिला चित्रकूट से क्रय किया था। घर में आकर देखने पर पता चला कि उक्‍त तेल की शीशी में चींटा तैर रहा था। परिवादी ने नकली माल होने इसकी शिकायत विपक्षी संख्‍या -05 से की जिसने अन्‍य अपने को निर्माता नहीं बताया। परिवादी इस संबंध में प्रत्‍यर्थी संख्‍या 03 से मिला जिसने अपीलकर्ता को अपने द्वारा क्रय किए गए बिल की प्रति देकर कानपुर जाकर तेल बदलने का सुझाव दिया । परिवादी का कहना है कि वह बहुत सालो से वह उक्‍त तेल का प्रयोग करता चला आ रहा है। विपक्षी संख्‍या 01 के विज्ञापनों व प्रचार से प्रभावित होकर उसने तेल खरीदा था लेकिन प्रत्‍यर्थी सं0 01 धोखाधडी करके मिलावटी व जहरीला तेल का निर्माण कर रहा है एवं प्रत्‍यर्थी संख्‍या 02 उसे वितरित कर रहा है जिसे जनहित में निर्माण व वितरण बन्‍द कराने तथा क्षतिपूर्ति हेतु कुल 1,06,024.00 रू0 दिलाए जाने हेतु परिवादी ने जिला मंच में परिवाद दाखिल किया था लेकिन जिला मंच ने परिवादी का परिवाद उसके द्वारा समुचित रूप से सिद्ध न करने के कारण निरस्‍त कर दिया।

पत्रावली का अवलोकन दर्शाता है कि अपीलकर्ता द्वारा क्रय किए गए कियोकार्पिन हेयर आयल से परिवादी को कोई नुकसान नहीं हुआ है। यह सत्‍य है कि उक्‍त हेयर आयल की शीशी में चींटा तैर रहा था। अपीलकर्ता का कथन है कि हेयर आयल की शीशी में चींटा होने के कारण तेल जहरीला हो सकता है। परिवादी ने इस बावत कोई जांच रिपोर्ट प्रस्‍तुत नहीं की है कि तेल जहरीला हो गया था तथा उसके प्रयोग से उसे नुकसान हुआ है। इस संबंध में अपना पक्ष रखने हेतु अपीलकर्ता की ओर से कोई उ‍पस्थित भी नहीं है। पत्रावली के अवलोकन से स्‍पष्‍ट होता है कि प्रत्‍यर्थीगण उक्‍त हेयर आयल की शीशी को बदलने के लिए भी तैयार थे परन्‍तु अपीलकर्ता द्वारा जनहित में परिवाद जिला मंच में दाखिल करके क्षतिपूर्ति दिलाए जाने की मांग की है।

पत्रावली में उपलब्‍ध साक्ष्‍य एवं अभिलेख का भलीभांति परिशीलन करने के पश्‍चात हम यह पाते हैं कि जिला मंच द्वारा साक्ष्‍यों की पूर्ण विवेचना करते हुए प्रश्‍नगत परिवाद में विवेच्‍य निर्णय पारित किया है, जो कि विधिसम्‍मत है एवं उसमें हस्‍तक्षेप करने की कोई आवश्‍यकता नहीं है। तद्नुसार प्रस्‍तुत अपील खारिज किए जाने योग्‍य है।

आदेश

      प्रस्‍तुत अपील खारिज की जाती है।

      पक्षकारान अपना-अपना अपील व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

 

 

 

(उदय शंकर अवस्‍थी)                         (गोवर्धन यादव)

  पीठासीन सदस्‍य                                                             सदस्‍य

    कोर्ट-3

 (S.K.Srivastav,PA)

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER

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