राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-340/2005
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्या-1253/2000 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 15-01-2003 के विरूद्ध)
Alok Ranjan, 13/190 Indira Nagar, Lucknow.
अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1.M/s Dangawal Gas Service, 18/254, Ring Road, Indira Nagar, Lucknow.
2- Chief Divisional Manager, Indian Oil Corporation Ltd. B-1/37, Sector-B, Aliganj, Lucknow.
प्रत्यर्थी/विपक्षीगण
समक्ष :-
1- मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
2- मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
1- अपीलार्थी की ओर से उपस्थित - कोई नहीं।
2- प्रत्यर्थी संख्या-1 की ओर से उपस्थित - श्री एस0एस0 रावत।
दिनांक :31-07-2015
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित निर्णय :
अपीलकर्ता की ओर से कोई उपस्थित नहीं। प्रत्यर्थी संख्या-1 की ओर से श्री एस0एस0 रावत उपस्थित।
पत्रावली के अवलोकन से यह विदित होता है कि आदेश दिनांक 26-03-2015 द्वारा अपीलकर्ता को निर्देशित किया गया था कि प्रत्यर्थी संख्या-2 को आपत्ति योजित करने हेतु पंजीकृत डाक के माध्यम से नोटिस भेजे जाने हेतु पैरवी की जाए, किन्तु अपीलकर्ता द्वारा प्रत्यर्थी संख्या-2 को नोटिस भेजे जाने हेतु कोई पैरवी नहीं की गयी है। प्रत्यर्थी संख्या-1 की ओर से इस अपील के संदर्भ में अपनी आपत्ति प्रस्तुत की गयी है। प्रत्यर्थी संख्या-1 की ओर से श्री एस0एस0 रावत को सुना गया एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। यह अपील प्रश्नगत आदेश दिनांकित 15-01-2003 के विरूद्ध दिनांक 21-01-2005 को योजित की गयी है। इस प्रकार यह अपील लगभग 1 वर्ष 10 माह विलम्ब से योजित की गयी है, किन्तु इस विलम्ब को क्षमा करने हेतु कोई प्रार्थना पत्र अपीलकर्ता की ओर से दाखिल नहीं किया गया है, जबकि इस तथ्य का उल्लेख आयोग द्वारा पारित आदेश दिनांक 26-03-
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2015 को किया गया है। अत: अपील कालबाधित है। प्रश्नगत निर्णय के अवलोकन से यह भी विदित होता है कि विद्धान जिला मंच के समक्ष अपने परिवाद के समर्थन में परिवादी द्वारा कोई साक्ष्य प्रस्तुत न करने के कारण परिवाद निरस्त किया गया है। अपील के आधारों में अपीलकर्ता द्वारा यह स्पष्ट भी नहीं किया गया है कि कौन से ऐसे अभिलेख थे जो परिवाद के निस्तारण में उपयोगी थे और जिन पर विद्धान जिला मंच द्वारा विचार नहीं किया गया।
अपील स्पष्ट रूप से कालबाधित है एवं अंगीकृत किये जाने योग्य भी नहीं है। अत: प्रस्तुत अपील अंगीकरण के स्तर पर ही निरस्त किये जाने योग्य हैं।
आदेश
अपील निरस्त की जाती है। विद्धान जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्या-1253/2000 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 15-01-2003 की पुष्टि की जाती है।
उभयपक्ष अपना-अपना अपीलीय व्ययभार स्वंय वहन करेंगे।
( उदय शंकर अवस्थी ) ( बाल कुमारी )
पीठासीन सदस्य सदस्य
कोर्ट नं0-4
प्रदीप मिश्रा