Uttar Pradesh

Faizabad

CC/03/2010

PAVAN CHORASIA - Complainant(s)

Versus

CYBER JOAN - Opp.Party(s)

03 Jun 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
Judgement of Faizabad
 
Complaint Case No. CC/03/2010
 
1. PAVAN CHORASIA
RES-HARDWARI BAJAR CITY AYODHAYA PAR. HAWELI AVADH TEH SADAR DIS FZD
...........Complainant(s)
Versus
1. CYBER JOAN
8/1/11CIVIL LINE STATION ROAD FZD
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA MEMBER
 HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।

 

उपस्थित -     (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
        (2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य

              परिवाद सं0-03/2010

               
श्री पवन चैरसिया आयु लगभग 38 साल पुत्र श्री राम कुमार निवासी हरद्वारी बाजार षहर अयोध्या परगना हवेली अवध तहसील सदर जिला फैजाबाद।         .............. परिवादी                                                          
बनाम
मेसर्स साइबर जोन आई0 टी0 कम्यूनिकेषन 8/1/11 सिविल लाइन स्टेषन रोड फैजाबाद द्वारा प्रो0 अमित चैरसिया।                                              ...........विपक्षी 
निर्णय दिनाॅंक 03.06.2015            
उद्घोषित द्वारा: श्रीमती माया देवी षाक्य, सदस्या।                  
                                        निर्णय 
परिवादी के परिवाद का संक्षेप इस प्रकार है कि परिवादी ने मेसर्स साइबर जोन आई0 टी0 कम्यूनिकेषन 8/1/11 सिविल लाइन स्टेषन रोड फैैजाबाद के प्रो0 अमित चैरसिया से दिनांक 19-02-2009 को एच. पी. प्रिंटर 5610 836 एफ 5195 कु0मु0 8500/- रूपये इनवाइस नं0 3027065633 खरीदा था। उपरोक्त प्रिन्टर / फैक्स मषीन दुकान में लगाने के एक सप्ताह के अन्दर ही खराब हो गयी। परिवादी ने विपक्षी को तुरन्त उसके दुकान पर जाकर अवगत कराया एवं अपने हो रहे व्यवसायिक नुकसान के बारे में भी बताया किन्तु विपक्षी ने दुकान पर आदमी न होने का बहाना करते हुये कहा कि आपके यहाॅ आदमी जाकर मषीन प्रिन्टर ठीक कर देगा। परिवादी दो माह तक इंतजार करता रहा मगर कोई नहीं आया। तब परिवादी विपक्षी की दुकान पर प्रिंटर लेकर गया तो विपक्षी ने कहा कि एक सप्ताह के लिये प्रिंटर छोड़ना पड़ेगा। परिवादी एक सप्ताह बाद गया तो विपक्षी ने एक दूसरा प्रिंटर परिवादी को दे दिया और कहा कि अभी परिवादी का पिं्रटर ठीक नहीं हुआ है तब तक परिवादी दूसरे प्रिंटर से काम चलाये और परिवादी दूसरा प्रिंटर लेकर चला आया। परिवादी ने जब प्रिन्टर / फैक्स मषीन को लाकर अपने दुकान पर लगाया तो उसे मालूम हुआ कि 4580 की कार्य कुषलता व कार्य क्षमता एच0 पी0 -5610 की अपेक्षा काफी कम व दोशपूर्ण है और सुचारू रूप से कार्य नहीं कर रहा है। परिवादी ने विपक्षी को नये प्रिंटर का मूल्य दिया था लेकिन विपक्षी ने परिवादी को पुराना प्रिंटर पकड़ा दिया। परिवादी ने जब विपक्षी से नया प्रिंटर देने को कहा तो विपक्षी परिवादी पर आग बबूला हो गया और परिवादी को अपनी दुकान से भगा दिया। इसलिये परिवादी को यह परिवाद दाखिल करना पड़ा। परिवादी ने विपक्षी से क्षतिपूति रुपये 92,000/- 9 प्रतिषत ब्याज के साथ दिलाये जाने हेतु यह परिवाद योजित किया है। 
विपक्षी ने अपना उत्तर पत्र प्रस्तुत किया है तथा परिवादी के परिवाद के तथ्यों से जानकारी से इन्कार किया है। प्रतिवादी उत्तरदाता मेसर्स साइबर जोन आई0टी0 कम्यूनिकेषन का प्रोपराइटर कतई नहीं है न ही परिवादी ने विपक्षी से दिनंाक 19.02.20001 को एच0पी0 5610 836 एफ 5195 मु0 8500/- इनवाइस नं0 3027065633 खरीदा था। उक्त वर्णित साइबर जोन के प्रोपराइटर जो परिवादी द्वारा अभिकथित किया गया है कि प्रतिवादी उत्तरदाता है। वह उक्त फार्म का प्रोराइटर कत्तई नहीं है और न ही श्रम विभाग अथवा वाणिज्य कर विभाग में उक्त फर्म के प्रापेराइटर की हैसियत से रजिस्ट््रेषन है। प्रतिवादी उत्तरदाता कभी भी उक्त उल्लिखित फर्म मेसर्स साइबर जोन आई0टी0 कम्यूनिकेषन का प्रोराइटर कभी भी नही था और न वर्तमान समय में ही है। न ही श्रम विभाग अथवा वाणिज्य कर विभाग से प्रतिवादी उत्तरदाता के नाम उपरोक्त वर्णित फर्म का रजिस्टे््रषन न कभी था और न ही वर्तमान समय में हैं। इस प्रकार परिवाद पत्र अपने में ही भ्रामक है, इस कारण भी पोशणीय व ग्राहय नही है। इस प्रकार सम्पूर्ण तथ्यों को देखते हुए प्रतिवादी उत्तरदाता के विरूद्व प्रष्नगत परिवाद ग्राहय, मेन्टेनेबुल, व पोशणीय नहीं है। इस कारण प्रारम्भिक स्तर पर खारिज होने योग्य है। परिवादी द्वारा जो इस परिवाद के साथ कथित सेल इनवाइस दिनांक 19-02-2009 का दाखिल किया गया है उसमें वाणिज्य कर विभाग का टिन नं0 096218025 7 अंकित है जिससे परिवादी उपरोक्त नम्बर के द्वारा वर्णित प्रतिश्ठान का प्रोपराइटर की जानकारी कर सकता था परन्तु उसने ऐसा न करके प्रतिवादी उत्तरदाता के विरूद्व प्रष्नगत परिवाद गलत तथ्यों के अधार पर प्रस्तुत कर दिया इस कारण प्रतिवादी/ उत्तरदाता परिवादी से विषेश क्षतिपूति पाने का अधिकारी है। प्रष्नगत वाद मेन्टेनेबुल नही है और परिवादी का परिवाद खारिज होने योग्य है। 
    परिवादी की बहस सुनी। विपक्षी की ओर से बहस के लिये कोई उपस्थित नही हुआ पत्रावली काफी पुरानी है इसलिए परिवाद का निर्णय पत्रावली का भलि भाॅति परिषीलन करने के बाद गुण दोश के आधार पर परिवाद का निर्णय किया, निर्णय के पूर्व तक विपक्षी को बहस के लिये समय दिया गया मगर बहस के लिये उपस्थित नही हुए। परिवादी ने अपने पक्ष के सर्मथन में षपथ पत्र एवं साक्ष्य दाखिल किया है।, लिखित बहस भी दाखिल की है। जो षामिल पत्रावली है। विपक्षी ने अपने पक्ष के सर्मथन में लिखित कथन एंव लिखित बहस दाखिल किया है। जो षामिल पत्रावली है। परिवादी ने विपक्षी की दुकान से दूसरा प्रिंटर ले जा चुका है जिससे कि वह अपनी दुकान का समस्त व्यवसायिक कार्य संचालित कर रहा है परिवादी को किसी प्रकार की क्षति नहीं इुई है। परिवादी ने अपने दुकान के लिये प्रिंटर लिया था और परिवादी कामर्षियल कार्य कर रहा था इस प्रकार परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है। परिवादी किसी दषा में उपभोक्ता नही है परिवादी का परिवाद खारिज हाने योग्य है। 
आदेश
    परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है। 
          (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)             (चन्द्र पाल)              
              सदस्य                  सदस्या                   अध्यक्ष      
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 03.06.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।

          (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)             (चन्द्र पाल)           
              सदस्य                  सदस्या                    अध्यक्ष

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY]
MEMBER

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