Rajasthan

Barmer

CC/176/12

ANNA RAM - Complainant(s)

Versus

CUSTOMER ASSISTANCE CENTER TATA MOTORS LTD. AND OTHER - Opp.Party(s)

MEGHA RAM

07 Jan 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, बाड़मेर (राजस्थान)
अध्यक्ष: श्री मिथिलेश कुमार शर्मा
सदस्या: श्रीमती ममता मंगल
सदस्य : श्री अशोक कुमार सिंधी

परिवाद संख्या 176/2012

परिवादी:
    अन्नाराम पुत्र हुकमाराम जाट
    निवासी सारणों की ढाणी (रूगपुरा),  
    तहसील चैहटन जिला बाड़मेर (राज.)
    
        बनाम
विप्रार्थीगण :
1.    ब्नेजवउमत ।ेेपेजंदबम ब्मदजमत ;।सस पदकपंद्ध
ज्ंजं डवजमते स्पउपजमक
ज्ममद भ्ंजी छंां
ळलंद ैंकींदं ब्वससमहमएैमतअपबम त्वंकए ज्ींदम ;डंींतंेजतंद्ध
2.    ब्ंतहव डवजवते च्अजण् स्जकण्
व्चचण् च्तंांेी च्मजतवस च्नउच
छण्भ्ण् छवण् 8ए टपससंहम . श्रंजंसचनतए
ज्मीेपस.क्मेबतवसएक्पेज.।ीमउकंइंक ;ळनरतंजद्ध
3.    डध्े श्रंपां ।नजवउवइपसमे - थ्पदंदबम स्जकण्
छण्भ्ण्.6ए ळण्म्ण् त्वंकए छमंत क्नतह ठल.चंेे त्वंक
क्पेजतपबज.त्ंरंदकहंवद ;ब्ण्ळण्द्ध
उपस्थित:-
1.    परिवादी की ओर से श्री मेघाराम चैधरी एडवोकेट।
2.    विप्रार्थी संख्या 1 की ओर से श्री पवन सिंघल एडवोकेट।
3.    विप्रार्थी संख्या 2 की ओर से श्री ओमप्रकाश विशनोई एडवोकेट।
4.    विप्रार्थी संख्या 3 की ओर से श्री काछबाराम खोथ एडवोकेट।

ःःनिर्णय:ः     दिनांक: 07.01.2015

1.    परिवादी ने यह परिवाद इन तथ्यों का पेश किया है कि वह मूल रूप से सारणों की ढाणी जिला बाड़मेर का रहने वाला है उसने एक वाहन चोलामण्डलम इन्वेस्टमेन्ट एण्ड फाईनेन्स कम्पनी बाड़मेर से फाईनेन्स करवाकर एक टाटा डीजल वाहन माॅडल स्च्ज् 3118 ज्ब् विप्रार्थी संख्या 2 से दिनांक 21.12.2010 को खरीद किया तथा वाहन डिलीवरी के समय विप्रार्थी संख्या 2 ने मेरे मुवकिल को पूर्ण रूप से आश्वस्त किया कि यह टाटा मोटर्स का डीजल वाहन है , जो सम्पूर्ण भारत में अपना कार्य करता है तथा सम्पूर्ण भारतवर्ष में जगह जगह आॅथोराईज्ड वर्कशाॅप है , जिसमें से एक अधिकृत वर्कशाॅप वीरप्रभु मार्केटिंग, रीको एरिया बाड़मेर में भी स्थित है व हर समय सेवा सुचारू रूप से चालू रहेगी तथा कभी भी आपका वाहन वारण्टी/गारण्टी पीरियड में कहीं पर भी कोई तकनीकी कमियों के कारण खराब हो जाता है तो तुरन्त आप मुझे ( विप्रार्थी संख्या 2 ) या विप्रार्थी संख्या 1 के टाॅल-फ्री नम्बर पर सम्पर्क करने पर आपकी समस्या का समाधान नजदीकी सर्विस सेन्टर द्वारा पूर्णरूपेण कम्पनी के निजी खर्चे से 24 घण्टे में जहां वाहन खराब होता है, वहीं पर दुरूस्त कर रवाना करवा दिया जायेगा तब परिवादी ने विप्रार्थी संख्या 2 के पूर्ण आश्वासन से आश्वस्त होकर उक्त वाहन को प्राप्त कर जिला परिवहन कार्यालय में रजिस्टेªशन करवाया, जिसके रजिस्टेªशन संख्या जी जे 12/ए जे 7372 है। और परिवाद में वर्णित अनुतोष चाहा है।
2.    विप्रार्थी संख्या 1 की ओर से जवाब पेश किया गया है जिसमें यह तथ्य वर्णित किये हेै कि पूरे देश में उसके अधिकृत सर्विस सेन्टरो का नेटवर्क है परिवादी ने वाहन का रजिस्टेªशन गुजरात में करवाया है। उसका वाहन अन्य राज्य में क्षतिग्रस्त हुआ है । इस मंच को सुनवाई का क्षैत्राधिकार नहीं है और वैधानिक आपति उठाते हुए परिवाद खारिज करने की प्रार्थना की है ।
3.    विप्रार्थी संख्या 2 की ओर से जवाब है कि वाहन संख्या 7372 में डीजल पम्प की खराबी थी उक्त वाहन की खराबी के तथ्यों छुपाकर मंच को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। वाहन का उपयोग व्यावसायिक कार्यो के लिए किया जा रहा है। और यह प्रार्थना है कि परिवाद खारिज किया जावे।  
4.    विप्रार्थी संख्या 3 की ओर से जवाब पेश किया गया है जिसमें यह वर्णित है कि वाहन सुधार हेतु उसके संस्थान में लाया गया था वाहन का डीजल इंजेक्शन पम्प खराब था। निर्माता कम्पनी बास्क माइको का टाटा से टाई-अप है। अन्य समस्त पार्टस की दुरूस्ती वारन्टी शर्तो के अनुसार की जाती है और यह प्रार्थना की है कि परिवाद खारिज किया जावे।
5.    उपरोक्त तथ्यों पर दोनों पक्षों को सुना गया। पत्रावली का अवलोकन किया।
6.    विद्धवान अभिभाषक परिवादी की दलील है कि जो तथ्य परिवाद में वर्णित किये गये है उनका समर्थन शपथ पत्र एवं दस्तावेजात से होता है और उसके आधार पर परिवाद स्वीकार करने की दलील दी।
7.    विद्धवान अभिभाषक विप्रार्थी की दलील है कि दुर्घटनाग्रस्त ट्रक का रजिस्टेªशन गुजरात का है उक्त ट्रक को अन्य राज्य की सीमाओं में चलाया जा रहा था। ट्रक खराब भी अन्य राज्य की सीमाओं में हुआ है इस कारण इस मंच को सुनवाई का क्षैत्राधिकार नहीं है और परिवाद खारिज करने की दलील दी। विद्ववान अभिभाषक विप्रार्थी की यह भी दलील है कि फ्यूल पम्प निर्माता कम्पनी को पक्षकार नहीं बनाया है व जवाब में वर्णित अन्य आधारों पर भी परिवाद खारिज करने की दलील ली।
8.    विद्धवान अभिभाषक परिवादी की जवाब में दलील है कि ट्रक बाड़मेर स्थित बैंक से फाइनेन्स करवाकर भुगतान बाड़मेर से किया गया था निर्माता कम्पनी का सर्विस सेन्टर समस्त भारत में होने के साथ-साथ बाड़मेर में भी है और विप्रार्थीगण के प्रतिनिधि सर्विस सेन्टर बाड़मेर में कार्यरत है इस कारण इस मंच को क्षैत्राधिकार होने की दलील दी और परिवाद स्वीकार करने की दलील दी।  
9.    उपरोक्त दलीलों के संदर्भ में हमने पत्रावली का अध्ययन किया तो पाया कि परिवादी ने जो ट्रक नम्बर जी जे 12/ए जे 7372 क्रय किया था उसे चोलामण्डल इन्वेस्टमेन्ट एण्ड फाईनेन्स कम्पनी बाड़मेर से फाईनेन्स करवाकर विप्रार्थी संख्या 2 से क्रय किया था और विप्रार्थी का अधिकृत वर्कशाॅप वीरप्रभु मार्केटिंग रिको एरिया बाड़मेर में ही स्थित है। उक्त तथ्य के समर्थन में परिवादी ने फाईनेन्स कम्पनी द्वारा फाईनेन्स की राशि वसूल करने के सम्बन्ध में स्टेटमेन्ट आॅफ एकाउन्ट की फोटो प्रति पेश की है और उक्त स्टेटमेन्ट आॅफ एकाउन्ट में ऋणी के रूप में परिवादी का नाम दर्शाया गया है।
10.    अन्य दस्तावेज में परिवादी ने वीरप्रभु मार्केटिंग लिमिटेड जी 216 फेज द्वितीय रिको इण्डस्ट्रीयल एरिया बाड़मेर में वह सम्पूर्ण भारत में विप्रार्थी के कस्टमर असिस्टेन्ट सेन्टर वर्णित होने की सूची पेश की है जिसमें यह वर्णित है कि
थ्व्त् ।छल् प्छथ्व्त्ड।ज्प्व्छ ध् ।ैैप्ैज्।छब्म्ए च्स्म्।ैम् ब्व्छज्।ब्ज् व्न्त् ब्न्ैज्व्डम्त् ।ैैप्ैज्।छब्म् ब्म्छज्त्म् ।ज् ज्भ्म् थ्व्स्स्व्ॅप्छळ ।क्क्त्म्ैैरू
उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट होता है कि विप्रार्थी का वर्कशाॅप बाड़मेर में है ट्रक की कीमत का भुगतान फाईनेन्स कम्पनी बाड़मेर द्वारा किया गया विप्रार्थी के प्रतिनिधि सर्विस सेन्टर पर बाड़मेर में कार्यरत है। परिवादी बाड़मेर जिले का मूल निवासी है अतः विप्रार्थी की इस मंच को क्षैत्राधिकार नहीं होने की आपति अस्वीकार की जाती है।
11.    जहाॅं तक फ्यूल पम्प निर्माता कम्पनी  को पक्षकार नहीं बनाने का प्रश्न है वारन्टी की शर्तो के अनुसार वारन्टी की शर्तो में यह वर्णित है कि -
ज्ीपे ॅंततंदजल वित जीम अमीपबसम ंे ं ूीवसम ेींसस इम वित 18 उवदजीे तिवउ जीम कंजम व िेंसम व िजीम अमीपबसम इल वनत ॅवतो वत वनत त्महपवदंस ैंसमे व्ििपबम वत वनत ंनजीवतपेमक कमंसमते वत 1ए50ए000 ाउे वत 2ए000 ीवनते व िवचमतंजपवदए ूीपबीमअमत पे मंतसपमतण्
यहां यह तथ्य भी गम्भीर रूप से विचारणीय है कि परिवादी ने उक्त ट्रक  21.12.2010 को खरीदा और 26.09.2011 को उक्त ट्रक की डीजल सप्लाई सिस्टम खराब हो गया जिसे विभिन्न स्थानों पर विप्रार्थी के सर्विस स्टेशनों पर ठीक करवाने का प्रयास किया गया जो ठीक नहीं हो सका और उसके लिए परिवादी को विभिन्न स्थानों पर व्यय भी करना पड़ा जिसके सम्बन्ध में बिल आदि की फोटो प्रतियां पेश है, उक्त फोटो प्रतियांे से यह स्पष्ट होता है कि परिवादी की और से प्रस्तुत बिलों के अनुसार 64,369/- रूपये (सौसठ हजार तीन सौ उनसतर रूपये)  राशि परिवादी द्वारा व्यय की है । जहां तक फ्यूल निर्माता कम्पनी को पक्षकार बनाये जाने का प्रश्न है वारन्टी की शर्तांे के अनुसार नया ट्रक चालू हालत में विप्रार्थी संख्या 2 से क्रय किया था ट्रक में ईन्जन व एसेसरीज संयुक्त रूप से कार्य करती है यदि अन्य कम्पनी द्वारा निर्मित पुर्जा खराब पाया जाता है तो ट्रक निर्माता कम्पनी उक्त पुर्जे की निर्माता कम्पनी से क्रय शर्तों के अनुसार वसूली कर सकती है उपभोक्ता को प्रत्येक कम्पनी के यहां जाना न तो औचित्यपूर्ण है और न ही तर्कसंगत अतः फ्यूल पम्प विप्रार्थी संख्या 2 ने लगाकर दी थी यदि वह त्रुटिपूर्ण थी तो वारन्टी पीरियड में उसे बदल कर नई फ्यूल पम्प लगाने की जिम्मेदारी विप्रार्थी की थी न कि फ्यूल निर्माता कम्पनी की । अतः फ्यूल पम्प निर्माता कम्पनी को पक्षकार नहीं बनाने से प्रकरण के तथ्यों पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है।
12.    जहां तक अन्य आपतियों का प्रश्न है परिवादी ट्रक का क्रेता है विप्रार्थी संख्या 2 विक्रेता है तथा विप्रार्थी संख्या 1 व 3 विप्रार्थी संख्या 2 से सम्बन्ध निर्माता व कार्यकर्ता है और विप्रार्थीगण की ओर से परिवादी द्वारा क्रय किये गये ट्रक को वारन्टी पीरियड में दुरूस्त न कर वारन्टी की सेवा शर्तों का उल्लंघन कर सेवादोष कारित किया है। अतः परिवादी का परिवाद स्वीकार किया जाने योग्य है।
   

ःः आदेष:ः

अतः परिवादी का परिवाद स्वीकार किया जाकर विप्रार्थीगण संख्या 1 को आदेशित किया जाता है कि वह ट्रक संख्या जी. जे. 12/ए. यू. 7372  में पुराने फ्यूल पम्प के स्थान पर नया फ्यूल पम्प बदलकर दे तथा उक्त फ्यूल पम्प को दुरूस्त करवाने में परिवादी द्वारा व्यय की गई राशि 64,369/- रूपये ( सौसठ हजार तीन सौ उनसतर रूपये) की राशि अदा करें। उक्त राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक 04.05.2012 से 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी अदा करे।
मानसिक संताप के 5000/- रूपये (पांच हजार रूपये) तथा परिवाद व्यय के 2500/- रूपये (दो हजार पांच सौ रूपये) भी विप्रार्थीगण संयुक्त व पृथक रूप से परिवादी को अदा करे।

                  
(श्रीमति ममता मंगल)        (श्री अशोककुमार सिंधी)    (श्री मिथिलेशकुमार शर्मा)
        सदस्या                  सदस्य                                   अध्यक्ष

 

निर्णय व आदेश आज दिनांक 07.01.2015 को खुले मंच पर लिखवाया जाकर सुनाया गया।  

 

(श्रीमति ममता मंगल)        (श्री अशोककुमार सिंधी)    (श्री मिथिलेशकुमार शर्मा)
   सदस्या                      सदस्य                                अध्यक्ष

 

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