जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 980/2019 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-17.09.2019
परिवाद के निर्णय की तारीख:-17.12.2022
1. Malti Tiwari aged about 56 years W/o Sri Vishwanath Tewari.
2. Vishwanath Tewari aged about 63 years, S/o Vashishthnath Tewari, Both Resident of H.N. ES-1/102 Sector-A Sitapur Road Yojana, Aliganj, Lucknow.
.................COMPLAINANT.
VERSUS
Uttar Pradesh Bank Employees Credit Co-Operative Society Limited, Lucknow through Chairman/Secretary/Managing Director, office at Com. R.P. Singh-U.C. Bajpai Bhawan, Awadh Trade Centre, 32,/19K, Balmiki Marg, Lalbagh, Lucknow.
.............OPPOSITE PARTY.
परिवादिनी के अधिवक्ता का नाम:-श्री शशीकान्त यादव।
विपक्षीगण के अधिवक्ता का नाम:-कोई नहीं।
आदेश द्वारा-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
निर्णय
1. परिवादिनी ने प्रस्तुत परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत विपक्षी से 2,00,000.00 रूपये 18 प्रतिशत ब्याज सहित, एवं 20,000.00 रूपये क्षतिपूर्ति एवं 11,000.00 रूपये वाद व्यय सहित दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादिनी ने 2,00,000.00 रूपये दिनॉंक 14.01.2019 को 24 महीने के लिये डिपॉजिट किया था, जिसमें 10.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज प्रति तिमाही देय था। दिनॉंक 31.07.2019 को परिवादिनी ने विपक्षी को एक नोटिस दिया जिसमें यह कहा गया कि धनराशि पर ब्याज की द्वितीय किश्त उनको नहीं दिया गया है। इस संबंध में परिवादिनी ने विपक्षी से संपर्क स्थापित किया गया। दिनॉंक 26.08.2019 को इस संबंध में विधिक नोटिस दिया गया।
3. परिवाद का नोटिस विपक्षी को भेजा गया, परन्तु विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही कोई उत्तर पत्र प्रस्तुत किया गया। अत: दिनॉंक 20.03.2020 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।
4. परिवादिनी द्वारा अपने कथानक के समर्थन में शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में नोटिस की प्रति एवं एफ0डी0 की प्रति दाखिल की गयी है।
5. मैने परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता को सुना, तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया।
6. परिवादिनी का कथानक है कि परिवादिनी द्वारा 2,00,000.00 रूपये विपक्षी के यहॉं दिनॉंक 14.01.2019 को फिक्स डिपॉजिट किया था जिसमें 10.5 प्रतिशत ब्याज प्रति तिमाही परिवादिनी के बचत खाता संख्या SB A/C नम्बर 018510024910 देना बैंक हजरतगंज शाखा में देय था, परन्तु परिवादिनी को समय से ब्याज प्राप्त नहीं हुआ। परिवादिनी ने अपने कथानक की पुष्टि अपने साक्ष्य द्वारा किया है। परिवादिनी ने विपक्षी को दिनॉंक 31.07.2019 को नोटिस भेजा जिसके तहत यह कहा गया कि सेकेन्ड क्वाटर का ब्याज उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है। अत: परिवादिनी ने याचना की है।
7. परिवादिनी द्वारा दाखिल दस्तावेजी साक्ष्य के परिशीलन से विदित है कि दिनॉंक 14.01.2019 को दो वर्ष के लिये 10.5 प्रतिशत ब्याज के लिये परिवाद संस्थित किया गया था, जिसकी परिपक्वता दिनॉंक 13.01.2021 को होनी थी। जैसा कि परिवादिनी का कथानक है कि उसको पत्र दिनॉंक 31.07.2018 में अवगत कराया गया है कि तिमारी ब्याज प्रथम किश्त के रूप में रू0 5250 दिनॉंक 22.04.2019 को प्राप्त हुआ एवं द्वितीय समेस्टर का ब्याज नहीं दिया गया है और मात्र इसी विवाद के संबंध में उनके द्वारा नोटिस दिया गया है। चॅूंकि प्रस्तुत प्रकरण दिनॉंक 17.09.2019 को दाखिल किया गया है और उक्त बाण्ड की परिपक्वता दिनॉंक 13.01.2021 को होनी थी।
8. परिवादिनी द्वारा अपने कथानक की पुष्टि उनके द्वारा प्रस्तुत नोटिस एवं साक्ष्य से होती है कि उन्हें द्वितीय समेस्टर का ब्याज नहीं मिला है और पत्रावली पर कोई अन्य साक्ष्य भी नहीं है, जिससे परिवादिनी के कथनों पर अविश्वास प्रकट किया जा सके। ऐसी परिस्थिति में परिवादिनी द्वितीय समेस्टर का ब्याज पाने की अधिकारी है। यह परिवाद 17.09.2019 में दाखिल किया गया है, जबकि परिपक्वता अवधि 31.01.2021 को पूर्ण होती। परिवाद स्कीम की परिपक्वता अवधि से पहले दाखिल किया गया है। ऐसी परिस्थिति में रू0 2,00,000.00 के भुगतान के संबंध में कहा गया है। ऐसी परिस्थिति में मेरे विचार से उक्त द्वितीय समेस्टर के ब्याज के भुगतान के संबंध में आदेश पारित किया जाना न्यायसंगत प्रतीत होता है तथा शेष धनराशि के संबंध में परिवादिनी स्वयं चाहे तो नियमानुसार कार्यवाही विपक्षी बैंक के विरूद्ध उक्त भुगतान के संबंध में कर सकती है। पत्रावली पर कोई ऐसा साक्ष्य नहीं है, जिससे परिवादिनी के कथनों पर अविश्वास किया जा सके।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा बैंक को निर्देशित किया जाता है कि द्वितीय किश्त का ब्याज 09 प्रतिशत के हिसाब से परिवादिनी को भुगतान करें।
निर्णय की प्रति उभयपक्ष को नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक-17.12.2022