Chhattisgarh

Rajnandgaon

CC/01/131

Ramchand Gupta - Complainant(s)

Versus

Commissioner Nagar Palika Nigam Rajnandgaon - Opp.Party(s)

Shri Mahesh Gupta

09 Apr 2002

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
RAJNANDGAON (C.G.)
 
Complaint Case No. CC/01/131
 
1. Ramchand Gupta
S/o lt s.p. gupta add. nandai chowk rajnandgaon
...........Complainant(s)
Versus
1. Commissioner Nagar Palika Nigam Rajnandgaon
Rajnandgaon
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. श्री जी.मिन्हाजुद़दीन PRESIDENT
 HON'BLE MR. जीवनलाल गोमास्ता MEMBER
 HON'BLE MS. कु. लतिका चौबे MEMBER
 
For the Complainant:Shri Mahesh Gupta, Advocate
For the Opp. Party:
Dated : 09 Apr 2002
Final Order / Judgement

अनावेदक अनुपस्थित। पूर्व से एकपक्षीय।

         परिवादी ने अनावेदक द्वारा उसकी भविष्‍य निधि पांचवां वेतनमान मे परिवादी को प्राप्‍त होने वाली राशि एवं समर्पित अवकाश नगदीकरण की राशि 1,50,303 रूपये प्रदान नहीं किये जाने को अनावेदक द्वारा परिवादी उपभोक्‍ता के प्रति सेवा में कमी किया जाना बतलाते हुए उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के तहत परिवाद पेश किया है।

         परिवाद के लंबित रहने के दौरान दिनांक 15/02/2002 को एक आवेदन पेश कर परिवादी के भविष्‍य निधि एवं अन्‍य राशियों से संबंधित दस्‍तावेज जो कि अनावेदक के अधिपत्‍य में है, को पेश करने के लिए अनावेदक को आदेशित किये जाने की मांग की है।

         वर्तमान प्रकरण में परिवादी कर्मचारी भविष्‍य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम 1952 एवं उसके तहत बनाई गई योजनाओं से ना तो शासित होता है और ना ही उसका सदस्‍य है बल्कि वर्तमान परिवादी सामान्‍य भविष्‍य निधि अधिनियम 1952 एवं उसके तहत बनाई गई योजनाओं से शासित होता है। बतौर प्रशासनिक शुल्‍क अथवा प्रतिफल कोई भी राशि सदस्‍य अथवा राज्‍य शासन अथवा नगर निगम द्वारा भविष्‍य निधि खाते के संधारण हेतु नहीं दी जाती है। एेसी स्थिति में एवं माननीय मध्‍य प्रदेश राज्‍य आयोग तथा माननीय उत्‍तर प्रदेश राज्‍य आयोग द्वारा उपर दर्शाए गए न्‍याय द़श्‍टांतों में प्रतिपादित सिद्धांत के आधार पर परिवादी के उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के तहत उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आने से वर्तमान परिवाद इस फोरम के समक्ष प्रतिपालनीय नहीं है। ऐसी स्थिति में अब परिवादी द्वारा दिनांक 15/02/2002 को पेश किये गये आवेदन का निराकरण किये जाने की आवश्‍यकता नहीं है। अत: परिवादी द्वारा पेश किया गया परिवाद प्रतिपालनीय नहीं होने से निरस्‍त किया जाता है।

 
 
[HON'BLE MR. श्री जी.मिन्हाजुद़दीन]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. जीवनलाल गोमास्ता]
MEMBER
 
[HON'BLE MS. कु. लतिका चौबे]
MEMBER

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