(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2237/2008
Sageer Husain S/O Late Inaam Husain,
Versus
- Commercial Auto Sales Pvt. Ltd., 18, Kanpur road, Allahabad.
- Shubham Auto Service Station, 294, Harinagar Gaon Vithar, Post, Chorsand, Jaunpur, Aazamgarh Road, District Jaunpur.
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री इसार हुसैन, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :10.06.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-57/2006, सगीर हुसैन बनाम कामर्शियल आटो सेल्स व अन्य में विद्वान जिला आयोग, जौनपुर द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 19.09.2008 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गयी है। जिला उपभोक्ता मंच ने परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए कामर्शियल आटो सेल्स इलाहाबाद को निर्देशित किया है कि वाहन संख्या यू0पी0 62टी 0415 का रेडिएटर बदल दिया जाए तथा मानसिक प्रताड़ना के मद में 7,000/-रू0 अदा किये जाएं।
2. इस निर्णय एवं आदेश को स्वयं परिवादी द्वारा चुनौती दी गयी है और यह अनुरोध किया गया है कि परिवाद पत्र के अनुतोष संख्या “बी” जो जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा स्वीकार नहीं किया गया है। परिवाद पत्र के अवलोकन से जाहिर होता है कि अनुतोष “बी” में यह मांग की गयी है कि जब तक रेडिएटर नहीं बदल दिया जाता तब तक विपक्षी सं0 1 से किश्त माफ करायी जाए।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार विपक्षी सं0 1 से 25 मार्च 2005 को फाइनेंस कराने के बाद वाहन क्रय किया गया। वारण्टी अवधि के दौरान गाड़ी का रेडिएटर खराब हो गया। रेडिएटर खराब होने के कारण गाड़ी लम्बी अवधि तक खड़ी रही और परिवादी को नुकसान होता रहा। आगे उल्लेख किया गया है कि दिनांक 15.02.2006 से निरंतर घर पर खड़ी है, जिसके कारण नुकसान कारित हो रहा है, इसलिए इस अवधि की किश्त माफी का कोई अनुरोध परिवाद पत्र में नहीं किया गया है, जबकि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा अपने निर्णय मे केवल रेडिएटर की मरम्मत कराने का आदेश पारित किया है यथार्थ में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत दूरवर्ती क्षति के प्रदान किये जाने की कोई व्यवस्था नहीं है। दूरवर्ती क्षति दो पक्षकारों के मध्य निष्पादित संविदा पर भी विधि के अंतर्गत देय नहीं है। प्रस्तुत केस में भी यही स्थिति मौजूद है। रेडिएटर की मरम्मत कराने में देरी के कारण किश्त माफी का निर्देश दिया जाना उचित नहीं है। अत: इस संबंध में प्रस्तुत की गयी अपील खारिज होने योग्य है।
आदेश
अपील खारिज की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2