राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील सं0- 930/2014
Gulab Chandra Upadhyay S/o Sriram Upadhyay R/o Village- Sari Kala, Police Station-Sujanpur, District-Jaunpur.
………..Appellant
Versus
Manager, Moti Cold Storage and Ice Factory. Sigramau District Jaunpur.
……….Respondent
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री के0एम0 त्रिपाठी एवं श्री राहुल
श्रीवास्तव, विद्वान अधिवक्तागण।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री राजीव कुमार सिंह,
विद्वान अधिवक्ता
दिनांक:- 23.01.2023
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0- 306/2008 गुलाब चन्द्र उपाध्याय बनाम प्रबंधक (स्वामी) मोती कोल्ड स्टोरेज एण्ड आइस फैक्ट्री में जिला उपभोक्ता आयोग, जौनपुर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 13.08.2013 के विरुद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है।
2. हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्तागण श्री के0एम0 त्रिपाठी एवं श्री राहुल श्रीवास्तव और प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री राजीव कुमार सिंह को सुना। प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परिशीलन किया।
3. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि स्वयं प्रत्यर्थी/विपक्षी ने स्वीकार किया है कि 190 कि0ग्रा0 छींट यानि आलू के टुकड़े उनके पास बचे हुए हैं, इसलिए न्यूनतम इस आलू की कीमत अदा किए जाने का आदेश दिया जाना चाहिए था।
4. प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि इस आशय की कोई रसीद उनके द्वारा जारी नहीं की गई है। परिवाद पत्र में भी इस तथ्य का कोई उल्लेख नहीं है कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा आलू के निकासी के समय इस आशय की कोई रसीद जारी की गई है कि 190 कि0ग्रा0 छींट (खुला आलू) उनके पास है। जिस तथ्य का उल्लेख स्वयं परिवाद पत्र में न किया गया हो उस नए तथ्य को अपील के ज्ञापन में वर्णित नहीं किया जा सकता। यदि यथार्थ में 190 कि0ग्रा0 छींट बकाया थी तब स्वयं परिवाद पत्र में उल्लेख किया जाना चाहिए था तथा इस तथ्य को जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष साबित किया जा सकता था। इसलिए जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार प्रतीत नहीं होता है। तदनुसार अपील खारिज किए जाने योग्य है।
आदेश
5. अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0, कोर्ट नं0- 3