Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/48/2014

Shri Sunil Kumar - Complainant(s)

Versus

Clifton Banquet - Opp.Party(s)

12 Jun 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/48/2014
 
1. Shri Sunil Kumar
R/0 Tiwari Sarai Tehsil & Distt. Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Clifton Banquet
Office- Ram Ganga Vihar Phase-II Near Sales Tax Office Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी द्वारा अनुरोध किया गया है कि 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित विपक्षी से उसे एडवांस दिऐ गऐ 10,000/- (दस हजार रूपया) वापस दिलाऐ जाऐ। मानसिक कष्‍ट एवं आर्थिक क्षति की मद में परिवादी ने 10,000/- (दस हजार रूपया) अतिरिक्‍त दिलाऐ जाने की भी प्रार्थना की।
  2.   परिवाद कथन संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी की पुत्री का विवाह दिनांक 13 व 14 अप्रैल, 2012 को सम्‍पन्‍न होना था। इस हेतु उसने दिनांक 18 फरवरी, 2012 को विपक्षी के निदेशक से उसके वेंकट हाल में कमरों, डारमेटरी, दो हाल एवं लान की बुकिंग के लिए सम्‍पर्क किया। परिवादी को 1,30,000/- (एक लाख तीस हजार रूपया) किराया बताया गया जिस पर परिवादी तैयार हो गया। परिवादी ने उसी दिन 10,000/- (दस हजार रूपया) एडवांस विपक्षी के पास जमा कर दिया। विपक्षी ने परिवादी की पुत्री के विवाह के लिए दो हाल, लान, 8 कमरे और दो डारमेटरी बुक कर दीं। परिवादी का अग्रेत्‍तर कथन है कि शादी से एक सप्‍ताह पूर्व विपक्षी ने परिवादी को अवगत कराया कि कमरे इत्‍यादि की साज-सज्‍जा चॅूंकि पूरी नहीं हो पायी है अत: शादी हेतु वह तयशुदा शर्तों के अनुसार कमरे, हाल इत्‍यादि उपलब्‍ध नहीं करा सकता। मजबूरन शादी की तिथि में परिवर्तन करते हुऐ रेड सफायर होटल में परिवादी को अपनी पुत्री का विवाह दिनांक 18/04/2012 को आयोजित करना पड़ा। शादी के बाद परिवादी विपक्षी से मिला और उसने अग्रिम जमा 10,000/- (दस हजार रूपया) की मांग की जिस पर विपक्षी के प्रबन्‍धक ने परिवादी से कहा कि अग्रिम राशि वापिस नहीं की जाऐगी। परिवादी के अनुसार मजबूरन उसे यह परिवाद योजित करना पड़ा। उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष विपक्षी से दिलाये जाने की प्रार्थना की।
  3.   विपक्षी पर दिनांक 28/08/2014 के आदेश से तामीला पर्याप्‍त मानी गयी। वह उपस्थित नहीं हुआ। उसकी ओर से कोई प्रतिवाद पत्र भी दाखिल नहीं किया गया। दिनांक 23/09/2014 के आदेश से परिवाद की सुनवाई विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय की गयी।
  4.   एकपक्षीय साक्ष्‍य में परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-7/1 लगायत 7/2 दाखिल किया। अभिलेखीय साक्ष्‍य में परिवादी ने सूची कागज सं0- 7/3 के माध्‍यम से रेड सफायर होटल की बुकिंग का कन्‍फर्मेशन फार्म तथा विपक्षी द्वारा दी गई बुकिंग स्लिप को दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0- 7/4 लगायत 7/5 हैं।
  5.   हमने परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुऐ। 
  6.   परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने परिवादी के साक्ष्‍य शपथ पत्र और सूची कागज सं0- 7/3 के माध्‍यम से दाखिल प्रपत्रों की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित करते हुऐ तर्क दिया कि परिवादी ने अपने परिवाद कथनों को एकपक्षीय रूप से सिद्ध कर दिया है अत: परिवादी को परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने चाहिऐ।
  7.   परिवादी के साक्ष्‍य शपथ पत्र तथा परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा इंगित प्रपत्रों कागज सं0- 7/4 एवं 7/5 के अवलोकन से प्रकट है कि परिवादी ने अपनी पुत्री के विवाह के लिए 13 एवं 14 अप्रैल, 2012 की तिथि हेतु विपक्षी  का वेंकट आरक्षिति किया था। कागज सं0 7/5 में उल्‍लेख है कि परिवादी ने 10,000/- (दस हजार रूपया) एडवांस विपक्षी के पास जमा किऐ थे। परिवादी ने सशपथ यह कथन किया है कि विवाह की निर्धारित तिथि से एक सप्‍ताह पूर्व विपक्षी ने विवाह हेतु आरक्षिति कमरे, लान व हाल इत्‍यादि उपलब्‍ध कराने में असमर्थता व्‍य‍क्‍त कर दी​जिसकी बजह से परिवादी को तिथि परिवर्तित करके रेड सफायर होटल में विवाह आयोजित करना पड़ा। पत्रावली पर कोई ऐसा प्रपत्र नहीं है जिससे प्रकट हो कि विपक्षी ने परिवादी द्वारा जमा की गई एडवांस धनराशि 10,000/- (दस हजार रूपया) परिवादी को वापिस कर दी थी। ऐसी दशा में परिवादी के इस सशपथ कथन पर अविश्‍वास किऐ जाने का कोई कारण नहीं है कि परिवादी के अनुरोध के बावजूद विपक्षी ने उसे एडवांस जमा की गई धनराशि वापिस नहीं की। कागज सं0-7/4 से परिवादी के इस कथन की पुष्टि होती है कि उसने अपनी पुत्री का विवाह दिनांक 18/04/2012 को रेड सफायर होटल में सम्‍पादित किया। विपक्षी द्वारा परिवादी की एडवांस राशि परिवादी को वापिस न करके अनुचित व्‍यापार प्रथा अपनायी गई और सेवा में कमी की गयी।
  8.   हम इस मत के हैं कि परिवादी अपने परिवाद कथनों को एकपक्षीय सिद्ध करने में सफल रहा है। अत: उसे एडवांस जमा की गयी धनराशि 10,000/- (दस हजार रूपया) 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित वापिस दिलाऐ जाने के साथ-साथ विपक्षी द्वारा अनुचित व्‍यपार प्रथा अपनाये जाने के कारण उससे परिवादी को क्षतिपूर्ति के रूप में 10,000/- (दस हजार रूपया) अतिरिक्‍त दिलाऐ जाने चाहिऐ। तदानुसार परिवाद एकपक्षीय स्‍वीकार किया जाना हमारे अभिमत में उचित दिखायी देता है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                       परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित 10,000/- (दस हजार रूपया) की वसूली हेतु यह परिवाद विपक्षी के विरूद्ध, परिवादी के पक्ष में एकपक्षीय निर्णीत किया जाता है। इसके अतिरिक्‍त परिवादी क्षतिपूर्ति की मद में 10,000/- (दस हजार रूपया) तथा परिवाद व्‍यय की मद में 2,500/- (दो हजार पॉंच सौ रूपया) अतिरिक्‍त पाने का अधिकारी होगा।

 

    (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)     (सुश्री अजरा खान)     (पवन कुमार जैन)

   सदस्‍य                                सदस्‍य                         अध्‍यक्ष

    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद                 जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद        जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     12.06.2015                              12.06.2015                            12.06.2015

 

 

 

     हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 12.06.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)     (सुश्री अजरा खान)     (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य                         सदस्‍य                             अध्‍यक्ष

    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद          जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद           जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

        12.06.2015                             12.06.2015                        12.06.2015

 

 

 

 

 

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