जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
सुधा यादव.....................................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-258/2010
लाखन सिंह यादव पुत्र स्व0 रामदीन यादव, निवासी मकान नं0-218 यदव नगर, अहिरवां, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
1. सिटी बैंक लि0, द्वारा डायरेक्टर मुख्यालय ए-25, मोहन कोआपरेटिव मथुरा रोड, नई दिल्ली।
2. मेसर्स अनिल विद्यार्थी एसोसिएट स्थित 113/207 स्वरूप नगर, कानपुर नगर।
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिला तिथिः 02.04.2010
निर्णय तिथिः 07.03.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी सं0-1 व 2 से, संयुक्त रूप से या प्रथक-प्रथक रूप से रू0 1,00,000.00 मय 24 प्रतिषत ब्याज व हर्जा-खर्चा वसूल होने की तिथि तक दिलाया जाये तथा परिवाद व्यय दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने एक मारूती वैन सं0-यू0पी0-78 यू-9515 का लोन सिटी बैंक क्षेत्रीय कार्यालय कानपुर नगर से लिया था, जिसका लोन नं0-सी.ई.यू. 3130307194 था, जिसका संपूर्ण भुगतान परिवादी द्वारा किया जा चुका है। परिवादी द्वारा संपूर्ण ऋण की अदायगी विपक्षी सं0-2 के माध्यम से विपक्षी सं0-1 को की जा चुकी है। दिनांक 23.06.09 को रसीद सं0-21238 के माध्यम से रू0 48000.00 जमा किया जा चुका है। विपक्षी सं0-2, विपक्षी सं0-1 की वसूली की संस्था है। विपक्षी सं0-2 ने अपनी रसीद की पृश्ठ पर यह लिख दिया है कि उपरोक्त लोन के बावत कुछ भी लेना-देना षेश
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नहीं है, एन0ओ0सी0 आपको दे दी जायेगी। किन्तु आज तक एन0ओ0सी0 प्रमाण पत्र नहीं भेजा है। परिवादी द्वारा व्यक्तिगत रूप से संपर्क करने, पत्राचार करने तथा विधिक नोटिस भेजने के बावजूद, विपक्षीगण के द्वारा अदेयता प्रमाण पत्र परिवादी को नहीं दिया गया। प्रष्नगत वाहन, परिवादी 2004 से अदेयता प्रमाण पत्र न होने के कारण विक्रय नहीं कर सका। फलस्वरूप प्रष्नगत वाहन की कीमत रू0 1,00,000.00 का नुकसान परिवादी को हो चुका है। अतः विवष होकर परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षीगण की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि उत्तरदाता विपक्षी के द्वारा परिवादी को दिनांक 30.11.09 को ।ॅठ रु 42748711821 ब्लू डार्ट कोरियर के माध्यम से अनापत्ति प्रमाण पत्र भेजा जा चुका है। परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में किये गये कथन असत्य, निराधार तथा मनगढंत तथ्यों पर आधारित करके प्रस्तुत किया गया है। जिससे परिवाद चलने योग्य नहीं है। अतः परिवाद खारिज किया जाये।
4. परिवादी की ओर से जवाबुल जवाब प्रस्तुत करके जवाब दावा के प्रस्तर 1 लगायत 10 का खण्डन किया गया है। अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवादी का वाहन सं0-यू0पी0-78 यू-9515 मारूती वैन का लोन विपक्षीगण से हुआ था, जिसे विपक्षीगण ने भी स्वीकार किया है एवं ऋण का संपूर्ण भुगतान परिवादी द्वारा उक्त गाड़ी के बावत किया जा चुका है। जिसे विपक्षीगण ने स्वीकार किया है। किन्तु अभिकथित ब्लू डार्ट के माध्यम से प्रेशित एन0ओ0सी0 परिवादी को आज तक प्राप्त नहीं हुई है। विपक्षी ने अपने कथन के समर्थन में कोई पावती रसीद, जारी किये जाने की रसीद, पते का ब्यौरा नहीं दिया गया है। अतः जवाब दावा खारिज करके परिवाद पत्र स्वीकार किया जाये।
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परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 03.04.10, 15.06.11 एवं 27.04.12 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में कागज सं0-1 व 2 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5. विपक्षीगण ने अपने कथन के समर्थन में षक्ती श्रीवास्तव, अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता का षपथपत्र दिनांकित 25.10.10 व 29.01.13 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-2 के साथ संलग्न कागज सं0-2/1 लगातय् 2/3 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
निष्कर्श
7. फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं उभयपक्षों की ओर से प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में प्रमुख विचारणीय बिन्दु यह है कि क्या विपक्षीगण के द्वारा प्रष्नगत एन0ओ0सी0 परिवादी को उपलब्ध करायी गयी है?
उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के सम्बध में उभयपक्षों की ओर से प्रस्तुत अभिलेखीय साक्ष्य के अवलोकन किया गया। इस विचारणीय बिन्दु को साबित करने का भार विपक्षीगण का है। परिवादी द्वारा यह कथन किया गया है कि विपक्षीगण द्वारा प्रष्नगत एन0ओ0सी0 परिवादी को उपलब्ध कराये जाने से सम्बन्धित कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि विपक्षी सं0-1 की ओर से अभिकथित एन0ओ0सी0 की छायाप्रति पत्रावली पर रखी गयी है, किन्तु ब्लू डार्ट के माध्यम से अथवा अन्य किसी माध्यम से परिवादी को उक्त एन0ओ0सी0 उपलब्ध कराये जाने से सम्बन्धित कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। पक्षकारों की ओर से अन्य प्रस्तुत सम्बन्धित साक्ष्यों का उल्लेख नहीं किया जा रहा है- क्योंकि अन्य साक्ष्य उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के निस्तारण के लिये सम्बन्धित ;त्मसमअंदजद्ध नहीं है।
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उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों व उपरोक्तानुसार, उपरोक्त विचारणीय बिन्दु पर दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद, परिवादी को एन0ओ0सी0 दिलाये जाने तथा परिवाद व्यय दिलाये जाने हेतु स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
8. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी को प्रष्नगत वाहन से सम्बन्धित एन0ओ0सी0 प्रमाण पत्र प्राप्त करायें तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय अदा करें।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।