(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-415/2008
पवन कुमार सिंघानिया पुत्र श्री बजरंग लाल सिंघानिया, निवासी गांधी नगर, करनेल गंज, सिटी व जिला गोण्डा।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2
बनाम्
छोटे लाल तिवारी पुत्र श्री राज दत्त तिवारी, निवासी शाहपुर, परगना ग्वारिच, तहसील करनेल गंज, जिला गोण्डा तथा एक अन्य।
प्रत्यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-1
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आर.के. गुप्ता, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 13.02.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-197/1997, छोटे लाल तिवारी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक तथा एक अन्य में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, गोण्डा द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 31.01.2008 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री आर.के. गुप्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
2. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि उनके द्वारा परिवादी को इंजन विक्रय नहीं किया गया। परिवादी ने इंजन क्रय करने की कोई रसीद प्रस्तुत नहीं की, जो अनुतोष मांगा गया है, उसके विपरीत अनुतोष जारी कर दिया गया। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने इंजन को बदलने का आदेश पारित किया है, जबकि परिवाद में इंजन बदलने का
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अनुतोष नहीं मांगा गया था, अपितु केवल कृषि फसल को कारित हानि की पूर्ति के रूप में अंकन 50 हजार रूपये की मांग की गई थी। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि स्वंय परिवादी ने विद्वान जिला फोरम के समक्ष एक पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें कहा गया है कि विपक्षी संख्या-1 द्वारा समस्त दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिया जाए ताकी असली डीलर का पता चल सके। विद्वान जिला फोरम ने अपने निर्णय में दो सदस्यों के शपथ पत्र के आधार पर यह निष्कर्ष दिया है कि अपीलार्थी द्वारा ही यथार्थ में इंजन परिवादी को उपलब्ध कराया गया है। परिवादी द्वारा जो पता लिखा गया है, वह उस असली डीलर की जानकारी प्राप्त करने के लिए है, जिनका नाम पंजीकृत है। परिवादी का यह कथन प्रारम्भ से रहा है कि इंजन डीलर/अपीलार्थी द्वारा ही प्राप्त कराया गया है। विद्वान जिला फोरम का यह निष्कर्ष भी साक्ष्य पर आधारित है कि इंजन खराब रहा और खेती के समय पर सिंचाई नहीं कर सका। यद्यपि परिवादी द्वारा इंजन बदलने का अनुतोष नहीं मांगा गया, वहीं खेती में हुए नुकसान का अनुतोष मांगा गया है और विद्वान जिला फोरम द्वारा इंजन बदलने का अनुतोष जारी कर दिया गया, जबकि केवल खेती के नुकसान के संबंध में अनुतोष जारी करना चाहिए था। अत: विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम का यह निष्कर्ष अपास्त होने योग्य है तथा प्रकरण गुणदोष पर सुनवाई हेतु पुन: निस्तारण हेतु प्रतिप्रेषित होने योग्य है।
आदेश
3. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 31.01.2008 अपास्त किया जाता है तथा प्रकरण पुन: निस्तारण हेतु संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि वह परिवादी द्वारा मांगे गए अनुतोष के अनुसार प्रतिकर की राशि का निर्धारण करते हुए पुन: सुनवाई कर अधिकतम 03 माह में निर्णय पारित करें। यहां यह स्पष्ट किया जाता है कि चूंकि परिवादी इस आयोग में अनुपस्थित हैं, इसलिए जिला फोरम को निर्देश
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दिया जाता है कि वह परिवादी को सूचना देते हुए परिवाद का निस्तारण किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
उभय पक्ष दिनांक 20.03.2023 को जिला फोरम के समक्ष उपस्थित हों।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-3