समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-24/2012 उपस्थित- श्री बाबूलाल यादव, अध्यक्ष,
डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य
कुलदीप जैन पुत्र स्व0अभय कुमार जैन निवासी-राजेन्द्रनगर,कबरई तहसील व जिला-महोबा
परिवादी
बनाम
1.चोला मण्डलम एम0एस0जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि0 जेड-7 जे.एस.वाई.टावर अपोजिट चार्टेड काम्पलेक्स जोन-1,एम.पी.नगर भोपाल म0प्र0 ।
2.प्रबंधक,संजय श्रीवास्तव, चोला मण्डलम एम0एस0जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि0 हेड आफिस,लखनऊ विपक्षीगण
निर्णय
श्री बाबूलाल यादव,अध्यक्ष द्वारा उदधोषित
परिवादी कुलदीप जैन ने यह परिवाद खिलाफ विपक्षीगण चोला मण्डलम एम0एस0जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि0 जेड-7 जे.एस.वाई.टावर अपोजिट चार्टेड काम्पलेक्स जोन-1,एम.पी.नगर भोपाल व प्रबंधक,संजय श्रीवास्तव, चोला मण्डलम एम0एस0जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि0 हेड आफिस,लखनऊ बाबत दिलाये जाने बीमित ध्नराशि व अन्य अनुतोष प्रस्तुत किया हैा
संक्षेप में परिवादी का कथन इस प्रकार है कि परिवादी ने एक जीप/जिप्सी नटराज आटोमोबाइल्स,झांसी से क्रय की थी,जिसका पंजीयन सं0यू0पी095 डी 2288 है और इस वाहन का कैशलेस बीमा 4,30,000/-रू0 का एजेंट के माध्यम से विपक्षीगण के माध्यम से कराया गया था,जो कि दिनांक:25.03.2011 से 24.03.2012 तक प्रभावी था,जिसका बीमा कवरनोट सं0 4278573 है । घटना दिनांक:26.10.2011 को समय लग्भग 9:30 बजे रात्रि की है । परिवादी की गाडी का अचानक एक्सीडेंट हो गय,जिसकी सूचना तत्काल विपक्षीगण व उनके एजेंट संजय अग्रवाल को दी गई तथा स्पाट सर्वे का निवेदन किया गया तो परिवादी से कहा गया कि स्पाट सर्वे की आवश्यकता नहीं है । परिवादी अधिक़त सर्विस सेंटर गाडी लेकर जाये और अपनी गाडी ठीक करा ले । तदनुसार परिवादी अपनी गाडी लेकर कानपुर गया और अधिक़त सर्विस सेंटर एक्सीलेंट सर्विस सेंटर में गाडी खडी कर दी और फोन से कस्टमर केयर को बताया कि उसकी गाडी एक्सीलेंट सर्विस सेंटर में खडी है । क़पया सर्वेयर भेजें,तो विपक्षीगण द्वारा सर्वेयर आशीष दुबे का मोबाइल नंबर दिया गया और उनसे बात करने को कहा गया,उनसे बात करने पर उनके द्वारा कहा गया कि वह अपनी गाडी एक्सीलेंट सर्विस सेंटर से हटाकर गाडी जैन मोटर्स में लगा दे । तदनुसार परिवादी अपनी गाडी लेकर जैन मोटर्स गया । वहां पर उससे क्लेम फार्म भरवाया गया । सर्वेयर आशीष दुबे ने फिर दूसरे दिने कहा कि गाडी पप्पू मिश्रा (प्राइवेट गैराज) में लगा दो । तब परिवादी ने वहां गाडी लगाने से मना कर दिया । इस पर आशीष दुबे ने कहा कि यदि गाडी जैन मोटर्स में बनवाओगे तो 10,000/-रू0 सुविधा शुल्क मुझे देना होगा,जिससे परिवादी ने मना कर दिया । परिवादी की गाडी बनने में लगभग 87,061/-रू0 का बिल बना,जिसमें विपक्षीगण द्वारा मात्र 33,000/-रू0 सर्वेयर के द्वारा पास कराया गया । जब परिवादी ने कस्टमर केयर से शिकायत की तो उन्होंने परिवादी को दुबारा कानपुर बुलाया और 41,949/-रू0 का बिल संशोधित करके पास किया गया । जबकि परिवादी के वाहन का कैशलेस बीमा था । जब परिवादी ने इस संबंध में विपक्षीगण से बात की तो उनके द्वारा आश्वासन दिया गया कि परिवादी को यथाशीघ्र 42,500/-रू0 का चेक भेज दिया जायेगा । लेकिन जब उक्त धनराशि प्राप्त नहीं प्राप्त कराई गई तो परिवादी ने इसे विपक्षीगण की सेवा में त्रुटि मानते हुये मा0 फोरम के समक्ष यह परिवाद प्रस्तुत किया है ।
विपक्षीगण की ओर से जबाबदावा प्रस्तुत किया गया है,जिसमें उन्होनें परिवादी पर वाहन सं0 यू0पी095 डी 2288 का वाहन स्वामी साबित करने का भार बताया । उन्होंने कहा कि परिवादी ने विपक्षी बीमा कंपनी के कार्यालय को सूचना नहीं भेजी । कंपनी के सर्वेयर द्वारा वाहन का सर्वे किया गया तथा परिवादी ने स्वयं की इच्छा से अपनी गाडी जैन मोटर्स,कानपुर में बनवाने का प्रयास किया तथा बाद में वाहन कहां बनवाया इसे साबित करने का भार स्वयं परिवादी पर है । सर्वेयर द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर विपक्षीगण वर्तमान में 41,949/-रू0 देने को तैयार है तथा उन्होंने वाद व्यय माफ किये जाने की प्रार्थना की है ।
परिवादी ने अपने परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ पत्र कागज सं04ग प्रस्तुत किया है तथा अभिलेखीय साक्ष्य में वाहन पंजीयन प्रमाण पत्र की छायाप्रति कागज सं07ग,छायाप्रति बीमा कवरनोट कागज सं08ग,जैन मोटर वर्कशाप के बिल की छायाप्रति कागज सं09ग लगायत 10ग/3,वाहन चलाने के ड्राइविंग लाईसेंस की छायाप्रति कागज सं0 11ग दाखिल की गई है ।
विपक्षीगण की ओर से लीगल मैनेजर चोला मण्डलम एम0एस0जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि0 का शपथ-पत्र कागज सं018ग दाखिल किया गया है ।
उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को विस्त़त रूप से सुना गया तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
चूंकि विपक्षीगण स्वयं परिवादी को 41,949/-रू0 देने को तैयार है । ऐसी परिस्थिति में फोरम यह पाता है कि परिवादी विपक्षीगण से 42,000/-रू0 बतौर क्षतिपूर्ति,मानसिक क्षति के रूप में 5,000/-रू0 एवं वाद व्यय के रूप में 2,500/-रू0 पाने का हकदार है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद खिलाफ विपक्षीगण स्वीकार किया जाता है । परिवादी विपक्षीगण से 42,000/-रू0 बतौर क्षतिपूर्ति,मानसिक क्षति के रूप में 5,000/-रू0 एवं वाद व्यय के रूप में 2,500/-रू0 पाने का हकदार है । विपक्षीगण उपरोक्त धनराशि परिवादी को इस निर्णय के अंदर एक माह अदा करें अन्यथा परिवादी उक्त समेकित धनराशि पर विपक्षीगण से 9 प्रतिशत सालाना की दर ब्याज भी पाने का हकदार होगा ।
डा0सिद्धेश्वर अवस्थी श्रीमती नीला मिश्रा बाबूलाल यादव
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला फोरम,महोबा । जिला फोरम,महोबा । जिला फोरम,महोबा ।
16.01.2015 16.01.2015 16.01.2015