जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम,रायगढ़(छ0ग0)
समक्षः सनमान सिंह, अध्यक्ष प्रकरण क्रमांक-43/2014
सुभाष पाण्डेय, सदस्य संस्थित दिनांक-04.04.2014
डा.हेमलता सिंह, सदस्या
मनोज कुमार पटेल आ0 श्री श्याम लाल पटेल,
निवासी-कांदूरपाली, बरमकेला
तह0 बरमकेला जिला रायगढ़ (छ0ग0) ....... ......आवेदक/परिवादी
//वि रू द्ध//
1 चोला मण्डलम एम.एस.जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमि0
द्वारा-शाखा प्रबंधक,
चोला मण्डलम एम.एस.जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमि0
राहुल काम्पलेक्स, प्रथम तल ऐक्सिस बैंक के ऊपर
ढिमरापुर चैक, रायगढ़ (छ0ग0)
2. चोला मण्डलम एम.एस.जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमि0
द्वारा-महाप्रबंधक,
चोला मण्डलम एम.एस.जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमि0
द्वितीय तल, डेयर हाऊस, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस रोड
चेन्नई-600001 .... ....अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण
आवेदक/परिवादी द्वारा श्री अभिजीत मल्लिक, अधिवक्ता।
अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा श्री ए0एम0राबरा, अधिवक्ता।
(आ दे श)
(आज दिनांक 27/02/2015 को पारित)
सनमान सिंह, अध्यक्ष
1/ आवेदक/परिवादी ने अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण के विरूद्ध वाहन क्र.सी0जी013-सी-2759 की मरम्मत राशि 1,25,138/-रूपये मय ब्याज, 10,000/-रूपये मानसिक क्षतिपूर्ति तथा वाद व्यय दिलाये जाने बाबत् धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत प्रस्तुत परिवाद का निवर्तन किया जा रहा है।
2/ आवेदक/परिवादी का परिवाद संक्षिप्त में इस प्रकार है कि आवेदक/परिवादी के वाहन क्र.सी0जी013-सी-2759 का बीमा दिनांक 25.05.2013 से 24.05.2014 अवधि के लिए अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा किया गया
(2)
था। जिसका बीमा पालिसी क्र.3362/00834749/000/00 है। बीमा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 द्वारा रायगढ़ में किया गया है। दिनांक 05.11.2013 को ग्राम खैरागढ़ी नाला के पास वाहन के सामने बैल आ जाने से बैल को बचाने के प्रयास में वाहन नाले में गिरकर नाले के पानी में डुब गया। जिसमें वाहन क्षतिग्रस्त हो गया, किन्तु कोई जनहानि नहीं हुई। दुर्घटना की सूचना तत्काल पुलिस थाना सरिया तथा अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण को दिया गया। अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा सर्वेयर से क्षतिग्रस्त वाहन का जांच करवाया था। दुर्धटना से संबंधित समस्त दस्तावेज अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण को प्रदान किया था। आवेदक/परिवादी क्षतिग्रस्त वाहन का मरम्मत महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा के अधिकृत डीलर आटो सेंटर, वैभव मोटर्स, देव मोटर्स, एवं मुनीर गैरेज में कराया। वाहन मरम्मत में 1,79,630/-रूपये व्यय हुआ। मरम्मत बिल की प्रति अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण के पास जमा कर दिया था। दिनांक 12.03.2014 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 की ओर से सूचित किया कि मरम्मत राशि का चेक तैयार है। आवेदक/परिवादी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के पास गया तो उसे चेक क्र.571175 राशि 54,492/-रूपये दिया गया, जबकि आवेदक/परिवादी वाहन मरम्मत में 1,79,630/-रूपये व्यय किया था। आवेदक/परिवादी कई बार अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण से शेष राशि की मांग किया, किन्तु भुगतान नहीं किया, तब आवेदक/परिवादी अपने अधिवक्ता के माध्यम से अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण को विधिक नोटिस प्रेषित किया। उसके बाद भी शेष मरम्मत राशि भुगतान नहीं किया गया, इसलिए उपरोक्त अनुतोष दिलाये जाने बाबत् यह परिवाद प्रस्तुत किया है।
3/ अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण की ओर से जवाब में बताया है कि आवेदक/परिवादी के वाहन क्र.सी0जी013-सी-2759 का बीमा किया गया था। दिनांक 05.11.2013 को ग्राम खैरागढ़ी नाला के पास बैल को बचाने में वाहन नाले में नहीं गिरा था और न ही नाले के पानी में डुब गया था और न ही आवेदक/परिवादी द्वारा पुलिस थाना सरिया में सूचना दिया था। अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा क्षतिग्रस्त वाहन का जांच नहीं कराया था। आवेदक/परिवादी महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा के अधिकृत डीलर आटो सेंटर, वैभव मोटर्स, देव मोटर्स, एवं मुनीर गैरेज में वाहन मरम्मत नहीं कराया था और न ही मरम्मत कराये जाने के संबंध में अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण को सूचित किया था और न ही आवेदक/परिवादी वाहन मरम्मत में 1,79,630/-रूपये व्यय किया था। वाहन मरम्मत बिल आवेदक/परिवादी द्वारा समयावधि में प्रस्तुत नहीं किया था। दिनांक 12.03.2014 को अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण ने वाहन मरम्मत राशि की चेक लेने के संबंध में कोई सूचना नहीं दिया था और न ही आवेदक/परिवादी द्वारा 54,492/-रूपये आपत्ति सहित चेक प्राप्त किया था। आवेदक/परिवादी की ओर से आटो सेंटर, खरसिया रोड रायगढ़ का वाहन मरम्मत रसीद दिनांक 09.11.2013, 11.12.2013, 23.12.2013 व 26.12.2013 प्रस्तुत किया था जो वाहन क्र.सी0जी013-सी-2759 से संबंधित नहीं है। वैभव मोटर्स का बिल दिनांक 25.11.2013 राशि 4300/-रूपये, देव मोटर्स का बिल दिनांक 13.01.2014 राशि 11,874/-रूपये तथा मुनीर गैरेज का बिल दिनांक 13.01.2014 राशि 36,500/-रूपये दुर्घटनाग्रस्त वाहन से संबंधित नहीं है। उक्त बिल फर्जी व बनावटी है। वाहन वर्ष 2008 की है। दुर्घटना 5 साल 3 माह बाद हुई है। वाहन के पार्टस इत्यादि के संबंध में बीमा शर्त के अनुसार 50 प्रतिशत ह्रास(डिप्रीशियेशन) काटा जाता हे। आवेदक/परिवादी वाहन म पुराने पार्टस बदलकर नये पार्टस
(3)
लगवाकर बिल तैयार करवाकर मरम्मत राशि प्राप्त करने का प्रयास किया है। अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण के सर्वेयर द्वारा क्षतिग्रस्त वाहन की जांच संस्था के कर्मचारी एवं आवेदक/परिवादी की उपस्थिति में करके 54,492/-रूपये क्षति का प्रतिवेदन दिया है। आवेदक/परिवादी 54,492/-रूपये का चेक पूर्ण संतुष्टि में प्राप्त किया है। आवेदक/परिवादी अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण से कोई भी अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है। परिवाद निरस्त किया जावे।
4/ उभयपक्ष की ओर से प्रस्तुत लिखित तर्क एवं दस्तावेजों का अवलोकन किया गया।
5/ आवेदक/परिवादी की ओर से विधिक नोटिस दिनांक 18.03.2014, डाक रसीद दिनांक 19.03.2014, आटो सेंटर का पेमेंट रसीद दिनांक 09.11.2013, 11.12.2013, 23.12.2013, 26.12.2013, आटो सेंटर का अंतिम बिल, वाहन की आर.सी.बुक, बीमा पालिसी, वाहन चालक का ड्रायविंग लायसंस, वैभव मोटर्स का बिल, देव मोटर्स का बिल, मुनीर गैरेज का बिल, थाना सरिया में दिया गया आवेदन, आटो सेंटर का बिल एवं क्षतिग्रस्त वाहन का फोटो प्रति सहित समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
6/ उक्त दस्तावेजों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदक/परिवादी को आटो सेंटर द्वारा 1,26,956/-रूपये का बिल दिया गया। आवेदक/परिवादी द्वारा दिनांक 09.11.2013 को 25,000/-रूपये, दिनांक 11.12.2013 को 25,000/-रूपये, दिनांक 23.12.2013 को 30,000/-रूपये एवं दिनांक 26.12.2013 को 46,956/-रूपये आटो सेंटर को भुगतान किया गया है । वैभव मोटर्स को दिनांक 25,11.2013 को 4300/-रूपये, देव मोटर्स को दिनांक 13.01.2014 को 11,874/-रूपये, मुनीर गैरेज को दिनांक 13.01.2014 को 36,500/-रूपये भुगतान किया गया है। आवेदक/परिवादी द्वारा दुर्घटना की सूचना थाना सरिया को दिनंाक 06.11.2013 को लिखित में दिया था।
7/ आवेदक/परिवादी की ओर से लिखित तर्क में बताया है कि वाहन क्र.सी0जी013-सी-2759 का बीमा अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा दिनांक 25.05.2013 से 24.05.2014 अवधि के लिए किया गया था। बीमा अवधि में ही दिनांक 05.11.2013 को उक्त वाहन ग्राम खैरागढ़ी नाला के पास बैल को बचाने मं नाले में गिर जाने से डुब गया। जिससे वाहन क्षतिग्रस्त हो गयी। दुर्घटना की सूचना पुलिस थाना सरिया तथा अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण को दिया था। आवेदक/परिवादी का यह भी तर्क है कि अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा सर्वेयर से क्षतिग्रस्त वाहन का जांच करवाया था। उसने वाहन दुर्धटना से संबंधित समस्त दस्तावेज अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण को दिया था। उसके द्वारा वाहन का मरम्मत महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा के अधिकृत डीलर आटो सेंटर, वैभव मोटर्स, देव मोटर्स, एवं मुनीर गैरेज में मरम्मत कराया। जिसमेेेेेेेे 1,79,630/-रूपये व्यय हुआ था। उक्त बिल अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण के पास जमा कर दिया था। आवेदक/परिवादी का यह भी तर्क है कि दिनांक 12.03.2014 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 की ओर से सूचित किया कि क्षतिपूर्ति राशि का चेक तैयार है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के कार्यालय में गया तो उसे 54,492/-रूपये भुगतान किया गया, जबकि उसके द्वारा वाहन मरम्मत में 1,79,630/-रूपये व्यय किया था। आवेदक/परिवादी शेष राशि अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण से दिलाये जाने का निवेदन किया है।
(4)
8/ अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण की ओर से सर्वेयर अभिषेक तिवारी का प्रतिवेदन, आवेदक/परिवादी द्वारा निष्पादित डिस्चार्ज व्हाउचर, सेटिसफेक्शन व्हाउचर तथा सर्वेयर अभिषेक तिवारी का शपथ पत्र सहित दस्तावेजों की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
9/ उक्त दस्तावेजों के अवलोकन से स्पष्ट है कि सर्वेयर अभिषेक तिवारी द्वारा क्षतिग्रस्त वाहन की जांच/निरीक्षण कर 54,492/-रूपये क्षति का आकलन किया था। अभिषेक तिवारी ने उक्त संबंध में शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। जिसके अनुसार उसने क्षति का आकलन 54,492/-रूपये किया था। उक्त राशि में साल्वेज काटा जाना है बताया था। आवेदक/परिवादी डिस्चार्ज व्हाउचर पर हस्ताक्षर कर 54,492/-रूपये प्राप्त किया है।
10/ अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण की ओर से लिखित तर्क में बताया है कि वाहन चालक के पास दुर्घटना दिनांक को प्रभावी ड्रायविंग लायसेंस नहीं था। आवेदक/परिवादी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के अनुसार वाहन की एक साइड ही क्षति हुई थी, जबकि आवेदक/परिवादी द्वारा सम्पूर्ण वाहन की क्षति होने के संबंध में फर्जी मरम्मत बिल प्रस्तुत किया है। वाहन 5 साल पुराना था बीमा शर्त के अनुसार 50 प्रतिशत ह्रास(डिप्रीशियेशन) काटा जाता है। आवेदक/परिवादी वाहन में पुराने पार्टस बदलकर नये पार्टस लगवाकर बिल तैयार करवाया है। सर्वेयर द्वारा क्षतिग्रस्त वाहन जांच/निरीक्षण संस्था के कर्मचारियों के समक्ष कर 54,492/-रूपये क्षति का आकलन किया था। जो वास्तविक क्षति है। आवेदक/परिवादी 54,492/-रूपये का चेक पूर्ण संतुष्टि में प्राप्त किया है। आवेदक/परिवादी अधिक क्षति राशि प्राप्त करने के आशय से झूठा परिवाद प्रस्तुत किया है। कोई भी अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है।
11/ अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण की ओर से प्रस्तुत सर्वेयर अभिषेक तिवारी का प्रतिवेदन/सर्वे रिपोर्ट से स्पष्ट है कि उसने क्षतिग्रस्त वाहन के पार्टस के संबंध में विस्तृत जांच/निरीक्षण कर क्षति का आकलन किया है। माननीय राष्ट्रीय आयोग एवं विभिन्न राज्य आयोग ने भी सर्वेयर रिपोर्ट को मान्य किया है। आवेदक/परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में 54,492/-रूपये आपत्ति सहित प्राप्त किया जाना बताया है, जबकि डिस्चार्ज व्हाउचर में किसी प्रकार की आपत्ति का उल्लेख नहीं है। जिससे स्पष्ट है कि सर्वेयर द्वारा आकलित राशि से आवेदक/परिवादी सहमत होकर पूर्ण संतुष्टि में राशि प्राप्त किया है। हम लोगों की राय में आवेदक/परिवादी अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण से कोई भी राशि पाने का अधिकारी नही है। अतः आवेदक/परिवादी का परिवाद निरस्त किया जाता है। उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
( सनमान सिंह ) (सुभाष पाण्डेय) (डाॅ.हेमलता सिंह)
अध्यक्ष सदस्य सदस्या
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण
फोरम रायगढ़ (छ0ग0) फोरम रायगढ़ (छ0ग0) फोरम रायगढ़ (छ0ग0)
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