Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/03/2014

Shri Asif Ali Khan - Complainant(s)

Versus

Chola Mandalam M. S Insurance Pvt. Ltd. - Opp.Party(s)

30 May 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/03/2014
 
1. Shri Asif Ali Khan
R/0 Near Bhoop Singh Holi Chowk Jaspur Distt. Udham Singh Nagar
...........Complainant(s)
Versus
1. Chola Mandalam M. S Insurance Pvt. Ltd.
Office First Floor Yes Bank Building Rastogi Complex I.D.B.I Bank Majhola Delhi Road Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

                   

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने अनुरोध किया है कि उसकी लूट ली गई गाड़ी की बीमा राशि 7,26,750/- रूपया 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित विपक्षीगण से उसे दिलायी जाऐ। मानसिक कष्‍ट एवं आर्थिक क्षति की मद में 20,000/- रूपया और परिवाद व्‍यय विपक्षीगण से परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगा है।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार है कि महिन्‍द्रा एण्‍ड महिन्‍द्रा फाईनेन्शियल सर्विसेज से ऋण लेकर परिवादी ने दिनांक 19/9/2012 को 7,65,000/- रूपया में एक महिन्‍द्रा जायलो गाड़ी विपक्षी सं0-3 से खरीदी। सुरक्षा की दृष्टि से परिवादी ने इस गाड़ी का बीमा विपक्षी सं0-1 व 2 से कराया उन्‍होंने बीमा कवरनोट संख्‍या-8980546 परिवादी को जारी किया। बीमित राशि 7,26,750/- रूपया तथा बीमा अवधि दिनांक 21/9/2012 से 20/9/2013 तक थी। इस वाहन की पंजीकरण सं0- यू0के0-06वाई/ 0336 थी। दिनांक 10/12/2012 को परिवादी की उक्‍त गाड़ी थाना बनियाठेर जिला सम्‍भल के क्षेत्रान्‍तर्गत बदमाशों ने लूट ली। लूट की इस घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट गाड़ी के चालक मौ0 सलीम ने दिनांक 10/12/2012 को ही थाना बनियाठेर में दर्ज करायी उसने इस घटना की सूचना परिवादी को भी दी, तत्‍काल परिवादी घटनास्‍थल पर गया। विपक्षीगण को वाहन लूटे जाने की सूचना दी गयी। विपक्षीगण ने समय-समय पर परिवादी से विभिन्‍न कागजात की मांग की और मामले की जॉंच हेतु जॉंचकर्ता श्री हिमांशु शर्मा को नियुक्‍त किया। श्री हिमांशु शर्मा ने दिनांक 05/8/2013 के पत्र द्वारा परिवादी से कुछ सूचनाऐं मांगी जो परिवादी ने दिनांक 17/8/2013 को विपक्षीगण को उपलब्‍ध करा दीं। परिवादी ने अनेकों बार विपक्षी सं0-1 व 2 से क्‍लेम राशि का भुगतान करने का अनुरोध किया, किन्‍तु वे यह कहकर टालते रहे कि मामले की जॉंच चल रही है औपचारिकताऐं पूर्ण होने के उपरान्‍त परिवादी को बीमा राशि का भुगतान कर दिया जाऐगा। विपक्षी सं0-1 व 2 ने रजिस्‍टर्ड पत्र द्वारा परिवादी का क्‍लेम अस्‍वीकृत कर दिया जबकि उन्‍हें बीमा अस्‍वीकृत करने का कोई अधिकार नहीं था। परिवादी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से प्रतिवाद पत्र  कागज सं0- 21/1 लगायत 21/4 दाखिल किया गया जिसमें परिवादी की गाड़ी विपक्षी सं0-1 व 2 से बीमित होने, बीमित राशि 7,26,750/- रूपया होने और दिनांक 10/12/2012 को परिवादी के ड्राईवर द्वारा गाड़ी बदमाशों द्वारा लूट लिऐ जाने की एफ0आई0आर0 थाना बनियाठेर में लिखाया जाना एवं परिवादी द्वारा विपक्षीगण को अभिकथित लूट की सूचना दिया जाना तो स्‍वीकार किया गया है किन्‍तु परिवाद के शेष कथनों से इन्‍कार किया गया। विपक्षीगण ने अग्रेत्‍तर कथन किया कि लूट की सूचना मिलने पर उन्‍होंने जॉंच हेतु श्री हिमांशु शर्मा को जॉंच अधिकारी नियुक्‍त किया जिन्‍होने जॉंचोपरान्‍त अपनी जॉंच रिपोर्ट विपक्षीगण को प्रेषित की। जॉंच में पाया गया कि अभिकथित लूट के समय परिवादी की गाड़ी का वाणिज्यिक प्रयोग किया जा रहा था जब कि कार का बीमा प्राईवेट यूज हेतु कराया गया था। विपक्षीगण की ओर से यह भी कहा गया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट में स्‍वत: यह उल्‍लेख है कि गाड़ी को भाड़े पर चलाया जा रहा था और अभिकथित घटना के समय इसे भाड़े पर 1800/- रूपया में बुक किया गया था। विपक्षी सं0-1 व 2 के अनुसार वाहन चालक सलीम के पास बैध ड्राईविंग लाईसेंस नहीं था। चॅूंकि गाड़ी का वाणिज्यिक प्रयोग कर परिवादी ने बीमा शर्तों का उल्‍लंघन किया था अत: पंजीकृत पत्र दिनांक 12/11/2013 द्वारा परिवादी का दावा अस्‍वीकार करते हुऐ उसकी सूचना परिवादी को दी गयी। विपक्षीगण के अनुसार परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत करके उन्‍होंने कोई त्रुटि नहीं की। परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने की उन्‍होंने प्रार्थना की।
  4.   विपक्षी सं0-3 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-11/1 लगायत 11/3 प्रस्‍तुत किया गया जिसमें परिवादी द्वारा जायलो कार खरीदा जाना और इस वाहन का विपक्षी सं0-1 व 2 से बीमा कराया जाना तो स्‍वीकार किया गया किन्‍तु परिवाद के शेष कथनों से इन्‍कार किया गया। विपक्षी सं0-3 की ओर से अग्रेत्‍तर कथन किया गया कि विपक्षी सं0-1 व 2 से उसका किसी प्रकार का कोई सम्‍बन्‍ध नहीं है। विपक्षी सं0-1 व 2 के किसी भी कृत्‍य के लिए वह जिम्‍मेदार नहीं है। महिन्‍द्रा एण्‍ड महिन्‍द्रा फाईनेन्शियल सर्विसेज से भी विपक्षी उत्‍तरदाता का कोई सम्‍बन्‍ध नहीं है। विपक्षी सं0-3 ने यह अभिकथन करते हुऐ कि उसे परिवाद में अनावश्‍यक पक्षकार बनाया गया है, परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गयी।
  5.   परिवादी ने साक्ष्‍य शपथ  पत्र कागज सं0-23/1 लगायत 23/4 दाखिल किया। विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से जिला मण्‍डलीय जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड के मैनेजर लीगल श्री अभिषेक गौड़ ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-26/1 लगायत 26/4 दाखिल किया। इस साक्ष्‍य शपथ पत्र के साथ विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से अपने इन्‍वेस्‍टीगेटर की जॉंच रिपोर्ट, परिवादी द्वारा थानाध्‍यक्ष बनियाठेर को दी गयी लूट सम्‍बन्‍धी रिपोर्ट, इस लूट के सम्‍बन्‍ध में थाना बनियाठेर पर परिवादी के ड्राईवर मौ0 सलीम की तहरीर के आधार पर दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट तथा रिपुडिऐशन लैटर दिनांक 12/11/2013 की प्रतियों को संलग्‍नक के रूप में दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-26/5 लगायत 26/14 हैं।
  6.   परिवाद योजित किऐ जाते समय परिवादी ने परिवाद के समर्थन में दाखिल साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-3/5 के साथ कुछ प्रपत्र दाखिल किऐ थे जिन पर कागज सं0-3/6 लगायत 3/18 डाला गया था। बहस से पूर्व यह संज्ञान में आया कि प्रपत्र कागज सं0-3/6 लगायत 3/18 इस मामले से सम्‍बन्धित नहीं हैं। परिवादी ने दिनांक 19/5/2015 को उक्‍त आशय का एक प्रार्थना पत्र कागज सं0-29/1 भी पत्रावली में दाखिल किया। परिवादी ने अपने शपथ  पत्र कागज सं0-29/2 के माध्‍यम से इस प्रकरण से सम्‍बन्धित प्रपत्रों की नोटरी द्वारा प्रमाणित फोटो प्रतियों को दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-29/3 लगायत 29/13 हैं। कागज सं0-29/3 प्रश्‍नगत गाड़ी की सेल इनवाइस, 29/4 बीमा कवरनोट, 29/5 गाड़ी की आर0सी0,29/6 गाड़ी चालक मौ0 सलीम के ड्राईविंग लाईसेंस, 29/7 थाना बनियाठेर पर धारा-392 आई0पी0सी0 के अधीन दर्ज एफ0आई0आर0, 29/8 गाड़ी लूट के मामले में विवेचना के उपरान्‍त विवेचक द्वारा न्‍यायालय में प्रेषित अन्तिम रिपोर्ट, 29/9 अभिकथित लूट के स्‍थल का नक्‍शा नजरी, 29/10 जॉंच के दौरान बीमा कमपनी के जॉंचकर्ता द्वारा मांगी गयी सूचना विषयक पत्र, इस पत्र के सापेक्ष परिवादी द्वारा जॉंचकर्ता को उपलब्‍ध करायी गयी जानकारी 29/11 तथा 29/12 ता 29/13 एफ0आर0 अस्‍वीकृत किऐ जाने से सम्‍बन्धित न्‍यायालय के आदेश की नोटरी द्वारा प्रमाणित प्रतियॉं हैं।
  7.   परिवादी और विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से लिखित बहस दाखिल की गयी। विपक्षी सं0-3 की ओर से कोई साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं हुआ और न ही लिखित बहस दाखिल हुई।
  8.   हमने परिवादी तथा विपक्षी सं0-1 व 2 के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। 
  9.   इस बिन्‍दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवादी आसिफ अली खान परिवाद में उल्लिखित जायलो कार सं0- यू0के0 06 वाई/0336 का पंजीकृत स्‍वामी है। यह कार विपक्षी सं0-1 व 2 से दिनांक 21/9/2012 से 20/9/2013 तक की अवधि हेतु बीमित थी। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता के अनुसार दिनांक 10/12/2012 को उसकी जायलो कार अज्ञात बदमाशों ने लूट ली घटना के समय कार को चालक मौ0 सलीम चला रहा था। मै0 सलीम ने तत्‍काल लूट की घटना की रिपोर्ट थाना बनियाठेर जिला सम्‍भल में दर्ज करायी। पुलिस ने विवेचना के उपरान्‍त मामले में फाइनल रिपोर्ट प्रेषित की क्‍योंकि बदमाशों और गाड़ी का कोई पता नहीं लग पाया। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह भी कथन है कि लूट की घटना के तुरन्‍त बाद इस घटना की सूचना उन्‍होंने विपक्षी सं0-1 व 2 को दे दी थी जिस पर उन्‍होंने अपने इन्‍वेस्‍टीगेटर श्री हिमांशु शर्मा को नियुक्‍त किया। परिवादी ने समस्‍त औपचारिकताऐं पूर्ण कीं किन्‍तु विपक्षी सं0-1 व 2 ने पत्र दिनांक 12 नवम्‍बर, 2013 द्वारा परिवादी का क्‍लेम अस्‍वीकृत कर दिया, आधार यह लिया कि परिवादी की जायलो कार प्राईवेट कार के रूप में बीमित थी किन्‍तु अभिकथित लूट के समय इसे टैक्‍सी के रूप में प्रयुक्‍त होना पाया गया और इस प्रकार परिवादीने बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन किया। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि बीमा के मामले में वाहन किस हेतु प्रयुक्‍त हो रहा था यह तथ्‍य सुसंगत है। विपक्षी सं0-1 व 2 ने परिवादी का क्‍लेम अस्‍वीकृत करके सेवा में कमी की है और विधिक त्रुटि की है
  10.   प्रत्‍युत्‍तर में विपक्षी  सं0-1 व 2 के विद्वान  अधिवक्‍ता ने बीमा कम्‍पनी के इन्‍वेस्‍टीगेटर हिमांशु शर्मा की जॉंच रिपोर्ट कागज सं0-26/5 लगायत 26/14 की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित किया और कहा कि जॉंच में इस बात की पुष्टि हुई है कि कथित लूट के समय परिवादी की जायलो कार टैक्‍सी के रूप में इस्‍तेमाल हो रही थी जबकि इसका प्राईवेट कार के रूप में कराया गया था, परिवादी ने चॅूंकि बीमा की शर्तो का उल्‍लंघन किया है अत: परिवादी का दावा अस्‍वीकृत करके विपक्षी सं0-1 व 2 ने कोई त्रुटि नहीं की। हम विपक्षी सं0-1 व 2 के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों से सहमत नहीं हैं।
  11.   विपक्षीगण के इन्‍वेस्‍टीगेटर ने अपनी जॉंच रिपोर्ट में परिवादी की जाइलो कार दिनांक 10/12/2012 को अज्ञात बदमाशों द्वारा लूट लिऐ जाने की पुष्टि की है। जॉंच रिपोर्ट में यह भी उल्‍लेख है कि इस मामले में कार के चालक मौ0 सलीम ने थाना बनियाठेर में घटना की रिपोर्ट लिखाई थी और पुलिस ने विवेचना के उपरान्‍त इस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाई। फाइनल रिपोर्ट के साथ एफ0आई0आर0 की फोटो कापी भी संलग्‍न है जिसमें उल्‍लेख है कि लूट की घटना के समय जायलो कार को 1800/- रूपया भाड़े पर ले जाया जा रहा था। कहने का आशय यह है कि पत्रावली पर इस बात का पर्याप्‍त साक्ष्‍य है कि अभिकथित लूट के समय जायलो कार टैक्‍सी के रूप में प्रयुक्‍त हो रही थी। पत्रावली में अवस्थित बीमा कवरनोट के अनुसार अभिकथित लूट के समय कार विपक्षी सं0-1 व 2 से बीमित थी और इसका बीमा प्राईवेट कार के रूप में था। इन्‍वेस्‍टीगेर ने अपनी रिपोर्ट में यह लिखा है कि लूट की घटना के समय परिवादी के चालक मौ0 सलीम का ड्राईविंग लाईेसेस बैध नहीं था किन्‍तु पत्रावली में अवस्थित मौ0 सलीम के ड्राईविंग लाईसेंस की नकल कागज सं0- 29/6 के अवलोकन से प्रकट है कि उसका ड्राइर्विंग लाईसेंस दिनांक 21/3/2015 तक के लिए बैध था और वह लाइट मोटर व्‍हीकल तथा ट्रांसपोर्ट व्‍हीकल चालाने हेतु अधिकृत था इस प्रकार हम निष्‍कर्षित करते हैं कि अभिकथित लूट की घटना के समय चालक मौ0 सलीम का ड्राईविंग लाईसेंस बैध एवं प्रभावी था।
  12.   अब देखना यह है कि क्‍या विपक्षीगण द्वारा परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत किया जाना विधानत: सही था अथवा नहीं ? इस सन्‍दर्भ में (2008) ।। एस0सी0सी0 पृठ-256 नेशनल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड बनाम नितिन खण्‍डेलवाल के मामले में मा0 सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा दी गई निर्णयज विधि का उल्‍लेख करना हम आवश्‍यक समझते हैं। इस निर्णय विधि के तथ्‍य वर्तमान मामले के तथ्‍यों पर पूरी तरह लागू होते हैं। मा0 सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा नितिन खण्‍डेलवाल के उक्‍त मामले में निम्‍न व्‍यवस्‍था दी गयी है :-

  “ In the case of theft of vehicle, the breach of condition is not germane.”

13 – नितिन खण्‍डेलवाल के उपरोक्‍त मामले में तथ्‍य यह थे कि गाड़ी प्राईवेट कार के रूप में बीमित थी। कार को ग्‍वालियर से करौली जाते समय रास्‍ते में बदमाशों ने लूट लिया। लूट की घटना के समय कार को टैक्‍सी के रूप में इस्‍तेमाल किया जा रहा था और इसमें भाड़े पर यात्री ले जाऐ जा रहे थे। बीमा कम्‍पनी ने इस आधार पर गाड़ी मालिक का बीमा दावा अस्‍वीकृत कर दिया कि कार प्राईवेट यूज हेतु बीमित थी किन्‍तु लूट के समय इसे टैक्‍सी के रूप में इस्‍तेमाल किया जा रहा था। अत:  बीमित ने बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन किया था। मा0 सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने बीमा कम्‍पनी द्वारा बीमा दावा को अस्‍वीकृत किया जाना विधि विरूद्ध पाया और यह व्‍यवस्‍था दी कि वाहन चोरी के मामले में बीमा पालिसी की शर्तों का कथित उल्‍लंघन सुसंगत नहीं होता।

14 -      नितिन खण्‍डेलवाल की उपरोक्‍त निर्णयज विधि वर्तमान मामले के तथ्‍यों पर चॅूंकि पूर्णत: लागू होती है अत: इस निर्णयज विधि के दृष्टिगत हमें यह निष्‍कर्षित करने में तनिक भी संकोच नहीं है कि पत्र दिनांकित 12 नवम्‍बर, 2013 ( पत्रावली का कागज सं0- 26/14) द्वारा विपक्षी सं0-1 व 2 ने परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत कर त्रुटि की और सेवा में कमी की है। परिवादी की जाइलो कार की बीमित राशि 7,26,750/- (सात लाख छब्‍बीस हजार सात सौ पचास रूपया) है। परिवादी को यह राशि विपक्षी सं0-1 व 2 से 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित दिलाया जाना हम न्‍यायोचित समझते हैं। विपक्षी सं0-1 व 2 द्वारा परिवादी का दावा विधि विरूद्ध तरीके से अस्‍वीकृत कर दिऐ जाने से परिवादी को मानसिक कष्‍ट हुआ इस मद में उसे 10,000/- रूपया (दस हजार) क्षतिपूर्ति के रूप  में तथा 2,500/- रूपया (दो हजार पॉंच सौ) परिवाद व्‍यय के रूप में अतिरिक्‍त दिलाया जाना हम उपयुक्‍त समझते हैं। तदानुसार परिवाद स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

  परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित 7,26,750/- रूपया (सात लाख छब्‍बीस हजार सात सौ पचास रूपया) की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादी के पक्ष में, विपक्षी सं0-1 व 2 के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। इसके अतिरिक्‍त परिवादी विपक्षी सं0- 1 व 2 से क्षतिपूर्ति की मद में 10,000/- रूपया (दस हजार) और परिवाद व्‍यय की मद में 2,500/- रूपया (दो हजार पॉंच सौ) अतिरिक्‍त पाने का अधिकारी होगा। इस आदेशानुसार धनराशि का भुगतान परिवादी को आज की तिथि से एक माह में किया जाय।  

 

                                        (सुश्री अजरा खान)              (पवन कुमार जैन)

                                                सदस्‍य                       अध्‍यक्ष

                           जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद            जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

                                       30.05.2015                        30.05.2015

     हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 30.5.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

                                  (सुश्री अजरा खान)               (पवन कुमार जैन)

                                           सदस्‍य                                अध्‍यक्ष

  •                   0उ0फो0-।। मुरादाबाद           जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

                                    30.05.2015                        30.05.2015

 

 

 

 

 

 

 

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