(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1462/2008
सुकाम पावर सिस्टम लि0, 196, उद्योग विहार फेस-VI सेक्टर 37 गुरगांव 122001
बनाम
चिल्ड्रेन एकेडमिक सोसायटी, कमच्छा वाराणसी तथा एक अन्य
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आलोक सिन्हा।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 10.04.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-232/2006, चिल्ड्रेन एकेडमिक सोसायटी बनाम हरिओम ट्रेडर्स तथा एक अन्य में विद्वान जिला आयोग, वाराणसी द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 17.3.2008 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री आलोक सिन्हा को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से पर्याप्त सूचना के बावजूद कोई उपस्थित नहीं है।
2. विद्वान जिला आयोग ने सुकाम इन्वर्टर खराब होने पर इन्वर्टर की कीमत अंकन 91,300/-रू0 तथा इन्वर्टर की खराबी के कारण कम्प्यूटर खराब होने पर कम्प्यूटर की मरम्मत में खर्च राशि
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अंकन 45,650/-रू0 तथा मानसिक प्रताड़ना की मद में अंकन 5,000/-रू0 एवं वाद व्यय के रूप में अंकन 1,000/-रू0 10 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश पारित किया है।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने विपक्षी संख्या-1/विक्रेता से दिनांक 4.10.2004, 2.11.2004 एवं दिनांक 5.11.2004 को तीन सुकाम इन्वर्टर तथा दो लोकल इन्वर्टर क्रय किये, जिसे चलाने पर ज्ञात हुआ कि सभी उपकरण उचित व निर्मित विद्युत आपूर्ति नहीं कर रहे हैं, जिसकी शिकायत की गयी, परन्तु कोई कार्यवाही नहीं की गयी, जिसके कारण छ: कम्प्यूटर खराब हो गये, जिनकी मरम्मत में अंकन 45,650/-रू0 व्यय हुए।
4. विपक्षीगण की ओर से पंजीकृत डाक से तामील के बावजूद कोई लिखित कथन प्रस्तुत नहीं किया गया, इसलिए एकतरफा साक्ष्य पर विचार करते हुए विद्वान जिला आयोग द्वारा उपरोक्त वर्णित निर्णय/आदेश पारित किया गया।
5. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि परिवादी ने केवल 3 इन्वर्टर क्रय किये हैं, जबकि दो लोकल इन्वर्टर के खराब होने पर भी क्षतिपूर्ति मांगी गयी है। परिवाद पत्र में परिवादी ने अपीलार्थी से क्रय किये गये 3 इन्वर्टर एवं दो लोकल इन्वर्टर का उल्लेख अलग-अलग किया है। विद्वान जिला आयोग ने केवल अपीलार्थी से क्रय किये गये इन्वर्टर के संबंध में ही आदेश पारित किया है। विद्वान जिला आयोग ने अपने निर्णय में यह भी निष्कर्ष दिया है कि जो इन्वर्टर अपीलार्थी द्वारा विक्रय किये गये हैं, उनके दोष के कारण छ: कम्प्यूटर खराब हो गये, इसलिए अंकन 91,300/-
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रू0 इन्वर्टर की कीमत तथा कम्प्यूटर मरम्मत में खर्च राशि अंकन 45,650/-रू0 अदा करने का आदेश दिया गया है। परिवादी द्वारा जो रसीद प्रस्तुत की गयी है, वह रसीद क्रमश: अंकन 19020/-रू0, अंकन 16,920/-रू0 तथा अंकन 17,920/-रू0 के लिए है, जो दो लोकल इन्वर्टर खराब हो गये थे, उनकी रसीद भी पत्रावली पर मौजूद है, परन्तु लोकल इन्वर्टर बनाने वाली कंपनी को पक्षकार नहीं बनाया गया है, इसलिए अंकन 37,440/-रू0 लोकल इन्वर्टर के संबंध में जो आदेश पारित किया गया है, वह विधि विरूद्ध है। अपीलार्थी कंपनी से केवल तीन इन्वर्टर क्रय किये गये हैं, जिनकी कुल कीमत अंकन 53,860/-रू0 होती है। यह सभी इन्वर्टर क्रमश: 4.10.2004 एवं दिनांक 5.11.2004 को क्रय किये गये हैं, जबकि दिनांक 14.10.2006 को खराब होना कहा गया है, इसलिए इन्वर्टर के मूल्य में हा्स हो चुका था। अत: उपरोक्त इन्वर्टर में अंकन 5,000/-रू0 की कटौती करने के पश्चात क्षतिपूर्ति का आदेश दिया जाना चाहिए था। इस प्रकार उपरोक्त इन्वर्टर में कुल 15,000/-रू0 की कटौती के पश्चात इन्वर्टर का कुल मूल्य अंकन 38,860/-रू0 निकलता है। इसी प्रकार छ: कम्प्यूटर खराब होना कहा गया है। परिवादी के स्तर से केवल तीन इन्वर्टर अपीलार्थी कंपनी से क्रय किये गये हैं। इन्वर्टर से केवल तीन कम्प्यूटर चलाए जा सकते हैं। अत: केवल तीन कम्प्यूटर खराब होने की मद में केवल 50 प्रतिशत की क्षतिपूर्ति की राशि दिलायी जा सकती थी, इसलिए अंकन 45,650/-रू0 के स्थान पर अंकन 22,825/-रू0 क्षतिपूर्ति का आदेश दिया जाना चाहिए तथा
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ब्याज भी अत्यधिक उच्च दर से अधिरोपित किया गया है। ब्याज की दर 10 प्रतिशत के स्थान पर 07 प्रतिशत किया जाना उचित है। तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
6. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 17.03.2008 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिवादी तीन इन्वर्टर खराब होने की मद में केवल 38,860/-रू0 (अड़तिस हजार आठ सौ साठ रूपये) प्राप्त करने के लिए अधिकृत है तथा तीन कम्प्यूटर खराब होने के कारण उसकी मरम्मत में खर्च राशि केवल 22,825/-रू0 (बाइस हजार आठ सौ पच्चीस रूपये) प्राप्त करने के लिए अधिकृत है। उपरोक्त दोनों राशियों पर ब्याज 07 प्रतिशत की दर से देय होगा। मानसिक प्रताड़ना तथा परिवाद व्यय की मद में पारित आदेश पुष्ट किया जाता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2