Ashima Jauhari filed a consumer case on 12 Sep 2024 against Chief Medical officer in the Bareilly-I Consumer Court. The case no is CC/63/2021 and the judgment uploaded on 21 Sep 2024.
Uttar Pradesh
Bareilly-I
CC/63/2021
Ashima Jauhari - Complainant(s)
Versus
Chief Medical officer - Opp.Party(s)
12 Sep 2024
ORDER
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- प्रथम बरेली
उपस्थित- 1- राधेश्याम यादव अध्यक्ष
2- श्रीमती मुक्ता गुप्ता सदस्या
3- प्रशान्त मिश्रा सदस्य
परिवाद संख्या- 63 सन् 2021
आशिमा जौहरी पत्नी संजीव कुमार गौड, निवासी-म0नं0-335 कानून गोयान, जिला बरेली,उ0प्र0
प्रति
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, कर्मचारी राज्य बीमा निगम कार्यालय पता-सी0बी0गंज, बरेली।
क्षेत्रीय निदेशक, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, पंचदीप भवन, सर्वोदय नगर, जिला-कानपुर।
परिवाद संस्थित होने की तिथिः17-03-2021
निर्णय उद्घोषित करने की तिथिः12.09.2024
परिवादी के अधिवक्ता-1- श्री हरीश चन्द्र
परिवादिनी आशिमा जौहरी ने चिकित्सीय बीमा दावा की धनराशि रुपये 2,58,891/- एंव अन्य मद मे धनराशि को सम्मिलित करते हुए रुपये 4,08,891/- की ब्याज सहित धनराशि हेतु विपक्षीगण के विरुद्ध परिवाद संस्थित किया है।
परिवाद के संक्षिप्त कथानक के अनुसार रिलायन्स निप्पन लाइफ इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड मे परिवादिनी सन् 2016 से प्राइवेट नौकरी कर रही है। परिवादिनी ने स्वयं के तथा परिवार के स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु ई.एस.आई.सी. इम्प्लाई स्टेट इन्श्योरेन्स कार्पोरेशन से बीमा कराया था। परिवादिनी उक्त बीमा पालिसी की मासिक प्रीमियम प्रत्येक माह के वेतन से भुगतान करती रही। स्वास्थ्य बीमा पालिसी लेने के कुछ दिन के पश्चात परिवादिनी के पति अचानक गम्भीर रुप से बीमार हो गये। दिनांक 06/03/2019 को ई.सी.जी. जाँच करवाने पर परिवादिनी के पति को ह्रदयाघात से पीडित होना और ह्रदयवाहिनी मे 95 प्रतिशत ब्लाकेज होना पाया गया। परिवादिनी ने श्री नाथ मेडिसिटी अस्पताल मे दिनांक 06/03/2019 को अपने पति को भर्ती करवाया। परिवादिनी के पति का आपरेशन करके स्टेंट डाला गया और दिनांक 08/03/2019 को चिकित्सालय से डिस्चार्ज किया गया। परिवादिनी के पति के उपचार मे रुपये 1,58,891/- व्यय हुआ। परिवादिनी के पति के बीमारी और चिकित्सालय मे भर्ती होने पर परिवादिनी हतास एंव बदहवास हो गयी थी। परिवादिनी ने ब्याज पर उधार रुपये लेकर किसी तरह से पति का उपचार कराया। परिवादिनी एंव उसके पति द्वारा बार-बार आग्रह किये जाने के बावजूद भी उक्त चिकित्सालय से उपचार सम्बन्धी कोई भी पर्चा अथवा बिल, बाउचर नही दिया गया। परिवादिनी के पति का उपचार करने वाले चिकित्सालय द्वारा उपचार सम्बन्धी पर्चा एंव बिल बाउचर देने हेतु 20 प्रतिशत कमीशन की माँग की गयी। दिनांक 22/02/2019 एंव 30/03/2019 को परिवादिनी ने पंजीकृत डाक के माध्यम से विपक्षी संख्या-2 को पत्र प्रेषित किया, परन्तु न तो प्रत्युत्तर दिया गया और न ही चिकित्सीय दावा का भुगतान किया गया। परिवादिनी राज्य बीमा निगम की उपभोक्ता है। विपक्षी द्वारा परिवादिनी के चिकित्सीय दावा भुगतान न करके एंव परिवादिनी के पति के उपचार मे व्यय धनराशि की प्रतिपूर्ति न करके विहित सेवा मे त्रुटि की गई है। विपक्षीगण के कृत्य से परिवादिनी को शारीरिक कष्ट, मानसिक संताप एंव आर्थिक क्षति हुयी है। परिवादिनी ने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 11/01/2021 को विपिक्षीगण के नाम विधिक नोटिस निर्गत किया था। विपक्षीगण ने न तो विधिक नोटिस का प्रतियुत्तर दिया, और न ही चिकित्सीय व्यय की प्रतिपूर्ति किया। विपक्षीगण द्वारा की गई विहित सेवा मे त्रुटि हेतु परिवादिनी ने रुपये 4,08,891/- की धनराशि दिलाये जाने की याचना किया है।
परिवादिनी ने आधार कार्ड की छायाप्रति एंव बीमा पालिसी की छायाप्रति, पंजीकृत डाक लिफाफा तथा विधिक नोटिस की छायाप्रति कागज संख्या 5/1 लगायत 5/6 को प्रलेखीय साक्ष्य के रुप मे प्रस्तुत किया है। परिवादिनी ने शपथपत्र पर मौखिक साक्ष्य भी प्रस्तुत किया है।
विपक्षीगण पर नोटिस का तामिला होने के बावजूद भी कोई लिखित कथन प्रस्तुत नही किया गया। दिनांक 02/06/2022 को विपक्षी की अनुपस्थिति के कारण एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गई। दिनांक 29/07/2022 को परिवादिनी ने शपथपत्र पर मौखिक साक्ष्य प्रस्तुत किया। विपक्षी के निरन्तर अनुपस्थित रहने के कारण दिनांक 20/12/2022 को विपक्षी साक्ष्य का अवसर समाप्त किया गया। दिनांक 17/06/2023 को विपक्षी की लगातार अनुपस्थिति के दृष्टिगत रखते हुए एकपक्षीय तर्क हेतु तिथि नियत की गई। पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी की तरफ से कोई उपस्थित न होने के कारण परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क एकपक्षीय रुप से सुना गया।
परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता के तर्क के अनुसार परिवादिनी ने स्वास्थ्य बीमा के मासिक प्रीमियम का नियमित रुप से भुगतान किया था। परिवादिनी के पति को श्रीनाथ मेडिसिटी चिकित्सालय में भर्ती रखकर उपचार कराये जाने के बावजूद भी उक्त चिकित्सालय से कोई चिकित्सीय प्रपत्र अथवा बिल, बाउचर नही दिया गया। विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी के चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावा का भुगतान न करके विहित सेवा मे त्रुटि की गई है।
परिवादिनी के पति की चिकित्सीय जाँच, चिकित्सालय मे भर्ती होने एंव उपचार कराये जाने के बावत कोई भी प्रपत्र प्रस्तुत नही किया गया है। चिकित्सीय परामर्श पत्र, ई.सी.जी. अथवा अन्य जाँच एंव चिकित्सालय में भर्ती होने या डिस्चार्ज किये जाने तथा परिवादिनी के पति के उपचार मे व्यय धनराशि की पुष्टि हेतु कोई बिल बाउचर, उपलब्ध न होने के कारण तत्सम्बन्धी व्यय के बावत किसी प्रकार की कोई अवधारणा व्यक्त किया जाना समीचीन नही है। परिवाद के कथानक को सम्पुष्ट कराये जाने का दायित्व परिवादिनी पर सन्निहित है। परिवाद में अभिकथित तथ्य की सम्पुष्ट हेतु चिकित्सीय प्रपत्र एंव बिल बाउचर प्रस्तुत करने मे परिवादिनी सर्वथा विफल रही है।
परिवाद का कथानक सम्पुष्टि कर पाने मे परिवादिनी की विफलता के कारण परिवादिनी के पक्ष मे कोई भी अनुतोष पारित किया जाना कदाचित न्यायोचित नही है। परिवादिनी द्वारा संस्थित परिवाद तदनुसार एकपक्षीय रुप से निरस्त किये जाने योग्य है।
परिवादिनी आशिमा जौहरी द्वारा संस्थित परिवाद एकपक्षीय रुप से निरस्त किया जाता है।