Uttar Pradesh

StateCommission

A/1998/543

Smt Santosh Trivedi - Complainant(s)

Versus

Chied Medical officer - Opp.Party(s)

Anil Kumar Mishra

05 May 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1998/543
( Date of Filing : 02 Mar 1998 )
(Arisen out of Order Dated 14/01/1998 in Case No. C/184/1997 of District Shahjahanpur)
 
1. Smt Santosh Trivedi
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Chied Medical officer
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 05 May 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-543/1998

(मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, शाहजहॉंपुर द्वारा परिवाद संख्‍या 184/1997 में पारित आदेश दिनांक 14.01.1998 के विरूद्ध)

श्रीमती संतोष त्रिवेदी पत्‍नी श्री महेश चन्‍द्र निवासी-तहबर गंज- मिश्रीपुर, जिला-शाहजहॉंपु                   ........................अपीलार्थी/परिवादिनी

बनाम

1. चीफ मेडिकल आफिसर, जिला- शाहजहॉंपुर

2. डा0 एस0के0 नन्‍दा, सी0एच0सी0 हास्पिटल, पुवायां, जिला-शाहजहॉंपुर

3. उ0प्र0 सरकार द्वारा कलेक्‍टर, जिला-शाहजहॉंपुर

                               ...................प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य। 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अनिल कुमार मिश्रा,  

                            विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक: 05.05.2022

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील अपीलार्थी श्रीमती संतोष त्रिवेदी द्वारा इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता आयोग, शाहजहॉंपुर द्वारा परिवाद संख्‍या-184/1997 श्रीमती संतोष त्रिवेदी बनाम सी0एम0ओ0 शाहजहॉंपुर तथा दो अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 14.01.1998 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी।

प्रश्‍नगत निर्णय और आदेश के द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग ने उपरोक्‍त परिवाद निरस्‍त किया है।

हमने अपीलार्थी/परिवादिनी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता                  श्री अनिल कुमार मिश्रा को सुना तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया। प्रत्‍यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

 

 

-2-

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि अपीलार्थी/परिवादिनी द्वारा शासन द्वारा चलाई गयी योजना के अन्‍तर्गत नसबन्‍दी का आपरेशन दिनांक 12.11.1994 को प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-2 से कराया तथा अपीलार्थी/परिवादिनी को यह आश्‍वासन दिया गया कि उसे कोई सन्‍तान नहीं होगी, परन्‍तु कुछ समय उपरान्‍त अपीलार्थी/परिवादिनी को ज्ञात हुआ कि वह गर्भवती है, जिस हेतु उसके द्वारा अपना इलाज कराया गया, जिसमें उसका काफी पैसा खर्च हुआ।

अपीलार्थी/परिवादिनी का कथन है कि विपक्षी द्वारा उसका सही आपरेशन नहीं किया गया। अत: क्षुब्‍ध होकर अपीलार्थी/परिवादिनी द्वारा प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख योजित किया गया।

जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा परिवाद का विरोध करते हुए कथन किया कि अपीलार्थी/परिवादिनी द्वारा प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा दी गयी सेवा के लिए कोई प्रतिफल नहीं अदा किया गया, अत: अपीलार्थी/परिवादिनी उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आती है।

प्रत्‍यर्थी/विपक्षी का कथन है कि आपरेशन के पहले यह बता दिया जाता है कि कभी-कभी आपरेशन असफल भी हो सकता है और इस संबंध में कोई भी व्‍यक्ति उत्‍तरदायी नहीं होगा। अपीलार्थी/परिवादिनी द्वारा दुबारा नसबन्‍दी करायी जा सकती थी।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरान्‍त अपने निर्णय में विवेचना की कि अपीलार्थी/परिवादिनी को पहले से ही यह बात स्‍पष्‍ट थी कि कभी-कभी नसबन्‍दी का आपरेशन असफल हो सकता है तथा यह कि उस हालत में कोई भी व्‍यक्ति जिम्‍मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा यह भी विवेचना की कि अपीलार्थी/परिवादिनी द्वारा उक्‍त आपरेशन हेतु कोई फीस अदा नहीं की गयी, जिस कारण वह उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आती है। उपरोक्‍त आधार पर जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवाद निरस्‍त किया गया।

सम्‍पूर्ण तथ्‍यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए  तथा  पत्रावली

 

 

-3-

पर उपलब्‍ध प्रपत्रों एवं जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त हम इस मत के हैं कि

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों का सम्‍यक अवलोकन/परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया। अतएव, प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

      (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                (विकास सक्‍सेना)       

              अध्‍यक्ष                          सदस्‍य  

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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