Uttar Pradesh

StateCommission

A/3085/2016

Star Health alied Insurance Co. Ltd - Complainant(s)

Versus

Chetan Gautam - Opp.Party(s)

Shishir Pradhan

05 Oct 2018

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/3085/2016
( Date of Filing : 30 Dec 2016 )
(Arisen out of Order Dated 07/11/2016 in Case No. C/60/2016 of District Agra-II)
 
1. Star Health alied Insurance Co. Ltd
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Chetan Gautam
Agra
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 05 Oct 2018
Final Order / Judgement

सुरक्षि‍त

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

 

                                                                                   अपील संख्‍या- 3085/2016

 

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, द्धितीय आगरा द्वारा परिवाद संख्‍या- 60/2016 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 07-11-2016 के विरूद्ध)

 

स्‍टार हेल्‍थ एण्‍ड एलाइड इंश्‍योरेंश कम्‍पनी लि0, ई-12/8, सेकेण्‍ड फ्लोर, श्री वृन्‍दावन टावर, सजंचय प्‍लेस, आगरा द्वारा वाइस प्रेसीडेन्‍ट श्री आर०एस० सिंह, जोनल आफिस, 501 लेखराज मार्केट-3 फैजाबाद रोड, इन्दिरा नगर, लखनऊ।

                                                                                                                    अपीलार्थी/विपक्षी

                                                         बनाम  

चेतन गौतम, पुत्र स्‍व0 श्री जे०जी० गौतम, निवासी- 27,28 एल.आई.जी. कैलाशपुरी, मथुरा रोड, आगरा।

                                                                                                                   प्रत्‍यर्थी/परिवादी

मक्ष:-

 माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :  विद्वान अधिवक्‍ता श्री शिशिर प्रधान

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित :   विद्वान अधिवक्‍ता, श्री सुशील कुमार शर्मा

 

दिनांक:   22-11-2018

 

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

                                                                                                      निर्णय

 

परिवाद संख्‍या- 60 सन् 2016 चेतन गौतम बनाम स्‍टार हेल्‍थ एण्‍ड एलाइड इंश्‍योरेंश कम्‍पनी लि0 व एक अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, द्धितीय आगरा द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 07-11-2016 के विरूद्ध यह अपील धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

 

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आक्षे‍पि‍त निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद स्‍वीकार करते हुये निम्‍न आदेश पारित किया है:- ‍  

     " परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वह बीमा धनराशि 2,00,000/- रू० (दो लाख रूपया) मय 06 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से वास्‍तविक अदायगी तक एक माह के अन्‍दर परिवादी को अदा करें। इसके अतिरिक्‍त मानसिक कष्‍ट वेदना एवं वाद व्‍यय के रूप में 5000/- रू० (पांच हजार रूपया)  परिवादी को विपक्षीगण एक माह के अन्‍दर अदा करें।"   

जिला फोरम के निर्णय से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षी, स्‍टार हेल्‍थ एण्‍ड एलाइड इंश्‍योरेंश कम्‍पनी लि0 ने यह अपील प्रस्‍तुत की है।

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी/विपक्षीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री शिशिर प्रधान और प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री सुशील कुमार शर्मा उपस्थित आए हैं।

मैंने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है। मैंने उभय-पक्ष के लिखित तर्क का भी अवलोकन किया है।

अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम, द्धितीय आगरा के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि उसने अपनी माता श्रीमती शारदा गौतम के लिए मेडीक्‍लेम पालिसी विपक्षीगण से कुल 6,629/- रू० की प्रीमियम धनराशि जमा कर प्राप्‍त की थी जो दिनांक 22-01-2015 से दिनांक 21-01-2016 तक की अवधि के लिए प्रभावी थी। परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्‍यर्थी/परिवादी का कथन है कि विपक्षीगण ने मेडीक्‍लेम पालिसी जारी करने के पूर्व अपने पैनल डाक्‍टर से

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उसकी माता का पूर्ण चि‍कित्‍सीय परीक्षण कराया था और परीक्षण एवं जांच के उपरान्‍त सन्‍तुष्‍ट होकर उसकी माता को मेडीक्‍लेम पालिसी जारी की गयी थी जिसमें (Cardio vascular system) से संबंधित इलाज शामिल नहीं था। परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्‍यर्थी/परिवादी का कथन है कि उसकी माता दिनांक 06/07 फरवरी 2015 की रात में बाथरूम में पेट के बल गिर गयीं जिसके कारण उनके पेट में गम्‍भीर दर्द, घबराहट व उल्‍टी की शिकायत हुयी। अत: प्रत्‍यर्थी/परिवादी दिनांक 07-02-2015 को सुबह 10 बजे गोयल हास्पिटल, मानस नगर शाहगंज बोदला रोड, आगरा दिखाने के लिए ले गया जहॉं डा0 रवि गोयल ने उनका परीक्षण करके अपने हास्पिटल में भर्ती कर लिया और इलाज किया। उसके बाद दिनांक 08-02-2015 की शाम तक प्रत्‍यर्थी/परिवादी की माता को कोई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ न होने पर डा0 रवि गोयल ने उन्‍हें असोपा हास्पिटल आगरा में रिफर कर दिया। तब असोपा हास्पिटल में उन्‍हें दिनांक 08-02-2015 की रात में भर्ती किया गया और चिकित्‍सक की सलाह के अनुसार दिनांक       09-02-2015 को उनके पेट का आपरेशन किया गया जहॉ पर वे दिनांक     12-02-2015 तक भर्ती रहीं और उनका इलाज हुआ।

परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्‍यर्थी/परिवादी का कथन है कि असोपा हास्पिटल में इलाज के दौरान परिवादी को बताया गया कि उसकी माता श्रीमती शारदा गौतम के पेट के बल गिरने के कारण आंत में चोट आयी है और आंत क्षतिग्रस्‍त हो गयी है जिसके कारण सैप्टिक हो गया है। अत: अथक प्रयासों के बावजूद भी प्रत्‍यर्थी/परिवादी की माता को बचाया नहीं जा सका और दिनांक 15-02-2015 को उनकी मृत्‍यु हो गयी। उनकी मृत्‍यु का कारण        (Intestine perforation ) आंत क्षतिग्रस्‍त होना और उसमें सैप्टिक होना

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बताया गया है। परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्‍यर्थी/परिवादी का कथन है कि उसने अपनी माता की मृत्‍यु के बाद अपनी माता के इलाज में हुए व्‍यय की धनराशि 2,10,779/- रू० की क्षतिपूर्ति के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए क्‍लेम फार्म विपक्षी संख्‍या-2 के कार्यालय में प्रस्‍तुत किया। तब विपक्षी संख्‍या-2 ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी को सुनवाई का अवसर दिये बिना दिनांक 11-08-2015 को उसका बीमा दावा निरस्‍त कर दिया जो उचित नहीं है।

परिवाद पत्र में प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से कहा गया है कि उसका बीमा दावा विपक्षीगण ने इस आधार पर निरस्‍त कर दिया है कि उसकी माता अर्थात् बीमित व्‍यक्ति ने पूर्व बीमारी को छिपाकर बीमा पालिसी प्राप्‍त किया है, जबकि उसकी माता को बीमा कराने के पहले विपक्षीगण के पैनल डाक्‍टर ने उनका पूर्ण परीक्षण किया था जिसमें उनको पेट से संबंधित कोई बीमारी परिलक्षित नहीं हुयी है। परिवाद पत्र के अनुसार विपक्षीगण ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी का दावा गलत आधार पर निरस्‍त किया है। अत: क्षुब्‍ध होकर प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत कर प्रश्‍नगत मेडीक्‍लेम पालिसी के अन्‍तर्गत 2,00,000/- रू० 15 प्रतिशत ब्‍याज सहित विपक्षी बीमा कम्‍पनी से दिलाए जाने की मांग की है साथ ही 50,000/- रू० क्षतिपूर्ति एवं वाद व्‍यय भी मांगा है।

विपक्षीगण की ओर से जिला फोरम के समक्ष लिखित कथन प्रस्‍तुत किया गया है जिसमें कहा गया है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी की माता श्रीमती शारदा गौतम के नाम से मेडीक्‍लेम पालिसी दिनांक 22-01-2015 से दिनांक       21-01-2016 तक की अवधि के लिए जारी की गयी थी और पालिसी के अन्‍तर्गत प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने अपनी माता के इलाज के सम्‍बन्‍ध में मेडीक्‍लेम रिम्‍बर्समेंट हेतु क्‍लेम प्रस्‍तुत किया है। लिखित कथन में अपीलार्थी/विपक्षीगण

 

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की ओर से कहा गया है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी का क्‍लेम इस आधार पर खारिज कर दिया गया है कि प्रपोजल फार्म भरते समय बीमित व्‍यक्ति अर्थात प्रत्‍यर्थी/परिवादी की माता ने अपनी बीमारी को छिपाया था। प्रत्‍यर्थी/परिवादी की माता को  Koch’s abdomen की बीमारी पिछले वर्ष से थी और वह Tuberculous की बीमारी से पीडि़त थी। परन्‍तु उन्‍होंने अपनी बीमारी को छिपाकर प्रश्‍नगत मेडीक्‍लेम पालिसी प्राप्‍त किया है। अत: विपक्षीगण ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी का बीमा दावा निरस्‍त कर सेवा में कोई कमी नहीं की है।

जिला फोरम ने उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरान्‍त यह माना है कि अपीलार्थी/विपक्षी बीमा कम्‍पनी ने बीमित व्‍यक्ति अर्थात प्रत्‍यर्थी/परिवादी की माता के पिछले दो वर्ष से Koch’s abdomen तथा एक वर्ष से ATT  की बीमारी से पीडि़त होने तथा उन्‍हें Tuberculous होने का कोई साक्ष्‍य नहीं दिया है। अत: जिला फोरम ने यह माना है कि यह मानने हेतु उचित और युक्तिसंगत आधार नहीं है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी की माता ने अपनी पूर्व बीमारी को छिपाकर प्रश्‍गन मेडीक्‍लेम बीमा पालिसी प्राप्‍त की है। अत: जिला फोरम ने परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध स्‍वीकार करते हुए उपरोक्‍त प्रकार से आदेश पारित किया है।

अपीलार्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश साक्ष्‍य और विधि के विरूद्ध है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी की माता ने अपनी बीमारी को छिपाकर प्रश्‍नगत बीमा पालिसी प्राप्‍त की है। अत: अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकार कर सेवा में कोई कमी नहीं की है। जिला फोरम ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी

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का परिवाद स्‍वीकार कर गलती की है। जिला फोरम का निर्णय साक्ष्‍य और विधि के विरूद्ध है और निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम का निर्णय साक्ष्‍य और विधि के अनुकूल है। इसमें किसी हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी की माता ने अपनी बीमारी को छिपाकर प्रश्‍नगत बीमा पालिसी प्राप्‍त नहीं किया है। इसके अतिरिक्‍त अपीलार्थी/विपक्षीगण के डाक्‍टर पैनल ने परीक्षण के उपरान्‍त प्रश्‍नगत पालिसी प्रत्‍यर्थी/परिवादी की माता को जारी की है। अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी का बीमा दावा निरस्‍त करने का जो आधार बताया है वह सत्‍यता से परे है। अपीलार्थी/विपक्षीगण, प्रत्‍यर्थी/परिवादी की माता की कथित बीमारी साबित करने में असफल रहे हैं।

मैंने उभय पक्ष के तर्क पर विचार किया है।

यह तथ्‍य निर्विवाद है कि विपक्षी संख्‍या-1 से प्रत्‍यर्थी/परिवादी की माता श्रीमती शारदा गौतम ने प्रश्‍नगत मेडीक्‍लेम पालिसी प्रीमियम अदा कर प्राप्‍त किया था जिसके अन्‍तर्गत उसके इलाज हेतु हुए व्‍यय की 2,00,000/-रू० तक की धनराशि का भुगतान अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा किया जाना था।

अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी के अनुसार प्रत्‍यर्थी/परिवादी की माता Koch’s abdomen एवं Tuberculous की बीमारी से बीमा पालिसी लिये जाने के पहले से ग्रस्‍त थी, परन्‍तु अपनी बीमारी के सम्‍बन्‍ध में गलत सूचना बीमा प्रस्‍ताव में दिया है और बीमारी को छिपाया है। इस प्रकार उसने अपने स्‍वास्‍थ्‍य के सम्‍बन्‍ध में सारवान तथ्‍य छिपाकर बीमा पालिसी प्राप्‍त की है। अत: प्रत्‍यर्थी/परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकार करने हेतु उचित आधार है। अपीलार्थी ने अपने कथन के समर्थन  में प्रत्‍यर्थी/परिवादी की माता श्रीमती शारदा गौतम

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का असोपा हास्पिटल एण्‍ड रिसर्च सेन्‍टर का पर्चा दिनांक 09-02-2015 सन्‍दर्भित किया है जिसमें निम्‍न प्रविष्टि अंकित है:-

H/o ATT Complected for 1 year for abdominal koch’s.

अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी की माता श्रीमती शारदा गौतम का असोपा हास्पिटल एण्‍ड रिसर्च सेन्‍टर के सर्जरी डिपार्टमेंट का पर्चा भी दिखाया है जो अपील की पत्रावली के पेज 40 पर है। इसमें  Diagnosis Intestinal perforation अंकित है। साथ ही Past History में Koch’s abdomen two year back have perfovical for  one year अंकित है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का कथन है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी की माता के इलाज के यह कागजात जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किये गये हैं । जिला फोरम ने इन पर विचार नहीं किया है। परिवाद पत्र के अनुसार भी प्रत्‍यर्थी/परिवादी की माता का इलाज असोपा हास्पिटल में हुआ है। अत: प्रत्‍यर्थी/परिवादी की माता के इलाज के उपरोक्‍त अभिलेख संगत व महत्‍वपूर्ण हैं परन्‍तु उन पर जिला फोरम ने विचार नहीं किया है।

स्‍वीकृत रूप से प्रत्‍यर्थी/परिवादी की माता की मृत्‍यु Intestine perforation के कारण सेप्‍टी सिमिया से हुयी है।  Intestine perforation प्रत्‍यर्थी/परिवादी की माता को पेट के बल गिरने से हुआ है। उनके इलाज के डाक्‍टरी अभिलेखों से स्‍पष्‍ट नही होता है। इस सन्‍दर्भ में विशेषज्ञ की आख्‍या उपरोक्‍त असोपा हास्पिटल में धारा 13 (4) उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत स्थिति स्‍पष्‍ट करने हेतु प्राप्‍त की जा सकती है।

उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर जिला फोरम का निर्णय दोषपर्णू दिखता है। अत: अपील स्‍वीकार की जाती है और आक्षेपित निर्णय व आदेश अपास्‍त

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कर पत्रावली जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्‍यावर्तित की जाती है कि जिला फोरम उभय पक्ष को साक्ष्‍य  व सुनवाई का अवसर देकर पुन: विधि के अनुसार निर्णय प्रत्‍यर्थी/परिवादी का माता की मृत्‍यु के पूर्व इलाज करने वाले असोपा हास्पिटल से धारा  13 (4) उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत आख्‍या प्राप्‍त कर करें।

 उभय पक्ष दिनांक 08-01-2019 को जिला फोरम के समक्ष उपस्थित हों।

उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत अपील में जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को वापस की जाएगी।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)

अध्‍यक्ष

         

 

 

कृष्‍णा, आशु0

कोर्ट नं01

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT

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