Uttar Pradesh

StateCommission

A/2003/1385

Yadav Cold Storage - Complainant(s)

Versus

Cheda Singh - Opp.Party(s)

Arun Tandan

12 Aug 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2003/1385
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Yadav Cold Storage
Farukkhabad
...........Appellant(s)
Versus
1. Cheda Singh
Farukkabad
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 12 Aug 2016
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

 

मौखिक

अपील संख्‍या-1385/2003

 

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, फर्रूखाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या-234/2000 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 29.04.2003 के विरूद्ध)

 

प्रबन्‍धक, यादव कोल्‍ड स्‍टोरेज, राजेन्‍द्र नगर, फर्रूखाबाद, कारेस्‍पांडेन्‍स-राजेन्‍द्र नगर, तहसील जिला फर्रूखाबाद।

                                        अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम्~

छेदा सिंह व रामवीर सिंह, निवासीगण प्रेमपुर, कारेस्‍पांडेन्‍स-संकिसा, जिला फर्रूखाबाद।

                              प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. माननीय श्री जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य।

2. माननीय श्री संजय कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित        : श्री अरूण टण्‍डन, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित         : काई नहीं।

 

दिनांक 12.08.2016

माननीय श्री संजय कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रकरण पुकारा गया। वर्तमान अपील, विपक्षी/अपीलार्थी की ओर से परिवाद संख्‍या-234/2000, छेदा सिंह व रामवीर सिंह बनाम प्रबन्‍धक, यादव कोल्‍ड स्‍टोरेज में जिला फोरम, फर्रूखाबाद द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 29.04.2003 के विरूद्ध योजित की गयी है।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री अरूण टण्‍डन उपस्थित हैं। प्रत्‍यर्थी को पंजीकृत डाक के माध्‍यम से दिनांक 31.05.2016 को नोटिस निर्गत किया गया था, जो बिना तामीला वापस लौटकर नहीं आया है, अत: प्रत्‍यर्थी पर सूचना पर्याप्‍त स्‍वीकार किया जाता है। तदनुसार अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना गया एवं उपलब्‍ध अभिलेख का परिशीलन किया गया।

परिवाद पत्र का अभिवचन संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने विपक्षी/अपीलार्थी के यहां आलू भण्‍डारण हेतु रखा था और जब वह आलू निकालने विपक्षी/अपीलार्थी के शीतगृत में गया तो उसे बताया गया कि आपका आलू सढ़ गया है,  किन्‍तु आप निश्‍चिंत रहे, आपके आलू का बीमा है, इसलिए दो माह के अन्‍दर ही आपको आलू की कीमत अदा कर दी जायेगी, परन्‍तु उक्‍त आलू की कीमत अदा नहीं की गयी, जिसके फलस्‍वरूप प्रश्‍नगत परिवाद जिला फोरम के समक्ष योजित किया गया।

 

 

-2-

विपक्षी/अपीलार्थी ने जिला मंच के समक्ष परिवाद पत्र का विरोध किया और यह अभिवचित किया कि परिवादी ने विपक्षी की अनुपस्थिति में लोडिंग मैन के समक्ष जबरदस्‍ती दागी अनुपयोगी एवं भण्‍डारण के अयोग्‍य आलू जमा किया था, इस पर विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा लिखकर दे दिया गया था कि आलू खराब होने की स्थिति में विपक्षी की कोई जिम्‍मेदारी नहीं होगी। परिवादी कभी भी विपक्षी के कोल्‍ड स्‍टोरेज में अपना आलू निकलवाने नहीं आया और न ही उसका भाड़ा ही अदा किया गया।

जिला मंच द्वारा उभय पक्ष के अभिवचनों और उपलब्‍ध अभिलेखों पर विचार करते हुए यह निष्‍कर्ष दिया गया कि परिवादी आलू की कीमत रू0 10,200/- प्राप्‍त करने का अधिकारी है। इसके अतिरिक्‍त जिला मंच द्वारा बोरों का मूल्‍य रू0 600/- तथा परिवाद व्‍यय रू0 500/- की अदायगी के बावत भी आदेश पारित किया गया।

उक्‍त वर्णित आदेश से क्षुब्‍ध होकर वर्तमान अपील योजित की गयी है।

पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का परिशीलन करने के उपरान्‍त पीठ इस निष्‍कर्ष पर पहुँचती है कि आलू की कीमत रू0 10,200/- परिवादी/प्रत्‍यर्थी प्राप्‍त करने का अधिकारी है और इस संदर्भ में जिला मंच द्वारा जो निष्‍कर्ष दिया गया है, उसमें किसी प्रकार की कोई विधिक त्रुटि होना नहीं पायी जाती है, परन्‍तु प्रश्‍नगत आदेश में बोरों की कीमत रू0 600/- किस आधार पर निश्‍चित की गयी है, इसका कोई उल्‍लेख नहीं किया गया है, अत: रू0 600/- के बावत पारित आदेश अपास्‍त होने योग्‍य है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने यह कहा कि वर्तमान प्रकरण में वाद व्‍यय के बावत रू0 500/- जो आदेश है, वह भी उचित नहीं है, क्‍योंकि परिवादी द्वारा विपक्षी को भाड़ा तक अदा नहीं किया गया है और इस संदर्भ में जिला मंच द्वारा कोई निष्‍कर्ष नहीं दिया गया है, अत: मुकदमें की परिस्थितियों को देखते हुए प्रश्‍नगत आदेश में रू0 600/- एवं रू0 500/- के बावत पारित आदेश अपास्‍त होने योग्‍य ह‍ै। तदनुसार वर्तमान अपील अंशत: स्‍वीकार होने योग्‍य है। 

आदेश

वर्तमान अपील अंशत: स्‍वीकार की जाती है। जिला फोरम, फर्रूखाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या-234/2000, छेदा सिंह व रामवीर सिंह बनाम प्रबन्‍धक, यादव कोल्‍ड स्‍टोरेज में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 29.04.2003 के अन्‍तर्गत रू0 600/- बोरों के मूल्‍य के बावत आदेश एवं रू0 500/- वाद व्‍यय के बावत आदेश को अपास्‍त किया जाता है। शेष आदेश की पुष्टि की जाती है।

 

 

 

            (जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा)                      (संजय कुमार)

               पीठासीन सदस्‍य                               सदस्‍य

लक्ष्‍मन, आशु0,

   कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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