राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
पुनरीक्षण सं0-१३/२००८
जीत कम्प्यूटर एण्ड पेरिफरियल्स पंचशील मकान नं0 ६/२/५८ राजेन्द्र नगर कालोनी मुगलपुरा फैजाबाद द्वारा प्रसेनजीत वर्मा पुत्र श्री रणजीत लाल वर्मा एडवोकेट बेगमपुरा अयोध्या फैजाबाद।
.............. पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी
बनाम
चौधरी स्टूडियो, बसखारी अम्बेडकर नगर द्वारा फोटोग्राफर पतिराम पुत्र सोमई निवासी ग्राम हरपुर इब्राहिमपुर परगना सुरहुरपुर तहसील जलालपुर जनपद अम्बेडकर नगर।
............विपक्षी/परिवादी
समक्ष:-
१ मा0 श्री चन्द्रभाल श्रीवास्तव, पीठासीन सदस्य।
२ मा0 श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित:- अजय पाण्डेय विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।
दिनांक: २८/११/२०१४
मा0 श्री चन्द्रभाल श्रीवास्तव पीठासीन सदस्य द्वारा उद्घोषित।
निर्णय
पत्रावली प्रस्तुत हुई। पुनरीक्षणकर्ता की ओर से अजय पाण्डेय उपस्थित । विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से अजय पाण्डेय को सुना । हमने स्वत: अभिलेख का अनुशीलन किया।
यह पुनरीक्षण प्रकीर्ण वाद सं0-३०/२००६ में जिला फोरम लखनऊ द्वारा पारित किया गया है, के विरूद्ध प्रस्तुत किया है । उक्त प्रकीर्ण वाद इस आशय का प्रस्तुत किया गया था कि मूल परिवाद में पारित एकपक्षीय निर्णय दिनांकित ०५/०५/२००६ को निरस्त कर दिया जाए। जिला फोरम को अपने द्वारा पारित एकपक्षीय आदेश को रिकाल करने का क्षेत्राधिकार नहीं है। आवेदन को निरस्त कर दिया, जिससे क्षुब्ध होकर यह पुनरीक्षण प्रस्तुत किया गया है।
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यह विधि सिद्धांत है कि जिला फोरम को अपने द्वारा पारित निर्णय को रिकाल करने का क्षेत्राधिकार नहीं है। अत: जिला फोरम द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय में कोई त्रुटि नहीं है।
परिणामत: इस पुनरीक्षण में कोई बल नहीं है। तदनुसार यह पुनरीक्षण निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत पुनरीक्षण निरस्त किया जाता है। पुनरीक्षण व्यय के संबंद्ध में कोई भी आदेश पारित नहीं किया जा रहा है।
उभयपक्ष को इस आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि नियमानुसार निर्गत की जाए।
(चन्द्रभाल श्रीवास्तव) (राज कमल गुप्ता)
पीठासीन सदस्य सदस्य
सत्येन्द्र कुमार
आशुलिपिक ग्रेड-2
कोर्ट नं0-४