(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2110/2005
राम गोपाल पुत्र स्व0 श्री तिलकराम, ग्राम मांडला, परगना पुरछपार, पोस्ट आफिस फ्लोडा, तसहील व जिला मुजफ्फर नगर
बनाम
चौधरी मोटर्स कंपनी, अपोजिट गांधी पालीटेक्निक भोपा रोड, मुजफ्फर नगर तथा तीन अन्य
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री टी.एच. नकवी।
प्रत्यर्थी सं0-3 की ओर से उपस्थित : श्री आलोक सिन्हा।
शेष प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 11.06.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-163/2003, राम गोपाल बनाम चौधरी मोटर्स कंपनी तथा तीन अन्य में विद्वान जिला आयोग, मुजफ्फर नगर द्वारा दो सदस्यों द्वारा पारित निर्णय/आदेश 12.4.2005 के अंतर्गत परिवाद खारिज किया गया है, जबकि अध्यक्ष द्वारा परिवाद स्वीकार करते हुए अंकन 40,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया गया है तथा नये ट्रैक्टर से संबंधित विक्रय पत्र आदि दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए भी ओदशित किया गया है।
2. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री टी.एच. नकवी तथा प्रत्यर्थी सं0-3 के विद्वान अधिवक्ता श्री आलोक सिन्हा को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। शेष प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार विपक्षी सं0-1 से विपक्षी सं0-3 द्वारा निर्मित एक ट्रैक्टर क्रय किया गया था, उस समय परिवादी ने अपना
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पुराना ट्रैक्टर एक्सकोर्ट 335 रजिस्ट्रेशन सं0-एचआरई 9138 विपक्षी सं0-1 को दिया था। परिवादी ने अपने पुराने ट्रैक्टर के विक्रय के लिए कागजात विपक्षी सं0-1 को ही दिए थे। नया ट्रैक्टर न्यू हालेण्ड फोर्ट 3230 42 हार्सपावर बगैर एसेसरीज के प्राप्त किया था। अंकन 60,000/-रू0 नगद जमा किए थे तथा अंकन 2,95,000/-रू0 का ऋण बैंक से प्राप्त किया गया था। बैंक द्वारा यह राशि सीधे विपक्षी सं0-1 को प्रेषित की गई थी। विपक्षी ने ट्रैक्टर के साथ लगने वाली ट्राली एवं टीलर देने का आश्वासन दिया था, परन्तु यह दोनों उपलब्ध नहीं कराए गए। इसी प्रकार पुराना ट्रैक्टर अंकन 80,000/-रू0 में विक्रय कर इस राशि को भी देने का आश्वासन दिया था। परिवादी को ज्ञात हुआ कि उसका पुराना ट्रैक्टर अंकन 95,000/-रू0 में विक्रय किया गया है, परन्तु इस राशि को भी वापस नहीं किया गया।
4. विद्वान जिला आयोग ने साक्ष्य पर विचार करने के पश्चात केवल 40,000/-रू0 की राशि अदा करने का आदेश विद्वान जिला आयोग के अध्यक्ष ने दिया है, जबकि दो सदस्यों द्वारा परिवाद इस आधार पर खारिज किया गया है कि यह परिवाद असत्य कथनों के साथ प्रस्तुत किया गया है।
5. विद्वान जिला आयोग के अध्यक्ष द्वारा पारित निर्णय/आदेश के अवलोकन से ज्ञात होता है कि नया ट्रैक्टर क्रय करते समय पुराना ट्रैक्टर विपक्षी सं0-1 को दिया था। विपक्षी सं0-1 द्वारा ही ट्राली एवं टीलर देने का आश्वासन दिया गया था, परन्तु पुराना ट्रैक्टर की कीमत समायोजित नहीं की गई और न ही परिवादी को वापस की गई, इसलिए कुल 40,000/-रू0 अदा करने का आदेश दिया गया है, परन्तु इस आदेश में यह स्पष्ट नहीं है कि यह आदेश विपक्षीगण में से किस के विरूद्ध या सभी विपक्षीगण के विरूद्ध संयुक्त एवं एकल दायित्व के तहत पारित किया गया है। चूंकि परिवाद पत्र में सभी आरोप विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध लगाया गया है। ट्रैक्टर निर्माता कंपनी के
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विरूद्ध कोई आरोप नहीं है, इसलिए अपील स्वीकार करते हुए अंकन 40,000/-रू0 की राशि वापस लौटाने का आदेश केवल परिवाद के विपक्षी संख्या-1 के विरूद्ध जारी करना उचित होगा। तदनुसार प्रस्तुत अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
6. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग के दो सदस्यों द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 12.4.2005 अपास्त किया जाता है तथा अध्यक्ष द्वारा अंकन 40,000/-रू0 क्षतिपूर्ति के सम्बन्ध में पारित आदेश पुष्ट किया जाता है, परन्तु इसकी अदायगी के संबंध में यह निर्णय/आदेश इस प्रकार संशोधित किया जाता है कि अंकन 40,000/-रू0 की अदायगी का दायित्व परिवाद के विपक्षी संख्या-1 पर होगा तथा नये ट्रैक्टर के दस्तावेज भी सुपुर्द करने का दायित्व विपक्षी संख्या-1 पर होगा।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2