Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/43/2016

Shri Surendra Kumar - Complainant(s)

Versus

Chaudhary Communication - Opp.Party(s)

Shri Vinay Kumar Khanna

22 Apr 2017

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/43/2016
 
1. Shri Surendra Kumar
R/o Sarai Khalasa Near Arun Press Civil lines Moradabad
Moradabad
Uttar Pradesh
...........Complainant(s)
Versus
1. Chaudhary Communication
Add:- Chaudhary Complex Bazar Ganj Moradabad
Moradabad
Uttar Pradesh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. P.K Jain PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Manju Srivastava MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 22 Apr 2017
Final Order / Judgement

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   परिवादी ने इस परिवाद के माध्‍यम से यह उपशम मांगा है कि  विपक्षीगण से उसे परिवाद के पैरा सं0-1 में उल्लिखित मोबाइल के  बदले नया मोबाइल दिलाया जाऐ। क्षतिपूर्ति की मद में 1,50,000/-   रूपया 18 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित और परिवाद व्‍यय परिवादी ने   अतिरिक्‍त मांगा है।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार है कि विपक्षी सं0-1 से   परिवादी ने अंकन 15,000/-रूपया में परिवाद के पैरा सं0-1 में  उल्लिखित मोबाइल दिनांक 22/4/2016 को खरीदा था। खरीदने के 5  दिन बाद से ही उसमें कॉल हियरिंग,टच स्‍क्रीन वर्किंग,डाटा कनेक्‍शन, फोन रिंगर, ओवर हीटिंग आदि प्रोब्‍लम आने लगी। परिवादी मोबाइल  लेकर विपक्षी सं0-1 के पास गया, उसने परिवादी को सर्विस सेन्‍टर   पर भेज दिया। परिवाद सर्विस सेन्‍टर पर गया उन्‍होंने  मोबाइल  रखकर  परिवादी को 10 दिन बाद आने के लिए कहा, 10 दिन बाद जब  परिवादी सर्विस सेन्‍टर पर गया तो उन्‍होंने यह कहकर परिवादी को  मोबाइल दिया कि यह ठीक हो गया है, किन्‍तु जब परिवादी ने मोबाइल  को चेक किया तो पहले वाली सारी प्रोब्‍लम उसमें मौजूद थीं। परिवादी  द्वारा शिकायत करने पर सर्विस सेन्‍टर वालो ने कहा कि वे मोबाइल को इससे अधिक ठीक नहीं कर सकते यदि आपको ठीक कराना है तो  कुछ समय के लिए मोबाइल को छोड़ना पड़ेगा। यह सुनकर परिवादी  पुन: विपक्षी सं0-1 के पास गया तो उसने स्‍वीकार किया कि मोबाइल  में प्रोब्‍लम तो है। परिवादी जब दोबारा सर्विस सेन्‍टर पर गया तो  उन्‍होंने कोई रेस्‍पोन्‍स नहीं दिया। परिवादी ने विपक्षीगण को कानूनी  नोटिस भी दिया, किन्‍तु परिवादी का मोबाइल ठीक नहीं किया गया, उसका सारा जरूरी डाटा भी उन्‍होंने खत्‍म कर दिया। उक्‍त कथनों के  आधार पर परिवादी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की  प्रार्थना की।
  3.   परिवाद कथनों के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज  सं0-3/4 दाखिल किया जिसके साथ उसने मोबाइल खरीदने की सेल्‍स  इनवायस, अपने ड्राईविंग लाईसेंस तथा विपक्षीगण को भिजवाऐ गऐ  कानूनी नोटिस की फोटो कापियों को दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली   के कागज सं0-3/5 लगायत 3/7 हैं।
  4.  विपक्षी सं0-1 ने प्रतिवाद पत्र कागज सं0-6/1 लगायत 6/3   दाखिल किया जिसमें परिवादी द्वारा परिवाद के पैरा सं0-1 में  उल्लिखित मोबइल उत्‍तरदाता विपक्षी से खरीदा जाना तो स्‍वीकार   किया गया है, किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से विपक्षी सं0-1 ने इन्‍कार   किया। विशे्ष कथनों में कहा गया कि प्रश्‍नगत मोबाइल विपक्षी सं0-2   द्वारा निर्मित है। मोबाइल की वारण्‍टी कुछ शर्तों के अधीन थी परिवादी  ने जानबूझकर वारण्‍टी कार्ड दाखिल नहीं किया। उत्‍तरदाता विपक्षी सं0-1 की ओर से यह भी कहा गया कि परिवादी का यह कथन गलत है   कि वह मोबाइल की शिकायत लेकर उसके पास आया था। विपक्षी सं0-1 की ओर से अग्रेत्‍तर कहा गया कि मोबाइल बेचते समय परिवादी  को बता दिया गया था कि यदि मोबाइल में कोई खराबी होती है तो  इस सम्‍बन्‍ध में परिवादी सर्विस सेन्‍टर पर शिकायत करे। परिवादी ने  सर्विस सेन्‍टर को जानबूझकर पक्षकार नहीं बनाया। विपक्षी सं0-1 ने   अग्रेत्‍तर यह कहते हुऐ कि खराब मोबाइल के बदले नया मोबाइल   दिलाने का फोरम को अधिकार नहीं है, परिवाद को खारिज किऐ जाने  की प्रार्थना की।
  5.   फोरम के आदेश दिनांकित 30/3/2017 द्वारा विपक्षी सं0-2 पर  परिवाद के नोटिस की तामील पर्याप्‍त मानी गई, किन्‍तु विपक्षी सं0-2   की ओर से न तो कोई उपस्थित हुऐ और न ही उनकी ओर से प्रतिवाद  पत्र दाखिल किया गया। विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध परिवाद एकपक्षीय  सुना गया।
  6.   परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-8/1 लगायत  8/3   दाखिल किया। विपक्षी सं0-1 की ओर से कोई साक्ष्‍य दाखिल नहीं किया  गया।
  7.  किसी भी पक्ष ने लिखित बहस दाखिल नहीं की।
  8.  हमने परिवादी तथा विपक्षी सं0-1 के विद्वान अधिवक्‍तागण के  तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी सं0-2 की  ओर से कोई उपस्थित नही हुऐ।
  9.  परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने परिवाद कथनों की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित करते हुऐ तर्क दिया कि विपक्षी सं0-1 से दिनांक 22/4/2016 को परिवादी ने जो मोबाइल खरीदा था वह शुरू से  डिफेक्टिव था। परिवादी यधपि उसे ठीक कराने के लिए विपक्षी सं0-1   के बताऐ अनुसार सर्विस सेन्‍टर पर ले गया, किन्‍तु सर्विस सेन्‍टर वालों  ने इसे ठीक नहीं किया। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ताने परिवादी के  साक्ष्‍य शपथ पत्र की ओर भी हमारा ध्‍यान आकर्षित किया और कहा   कि प्रश्‍नगत मोबाइल खरीदने के 05 दिन बाद ही उसमें अनेकों खराबियां आ गई थीं अत: प्रकट है कि मोबाइल में मैनुफैक्‍चरिंग डिफेक्‍ट थे।  उन्‍होने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  10.   विपक्षी सं0-1 के विद्वान अधिवक्‍ता ने प्रश्‍नगत मोबाइल की  सेल्‍स इनवायस की नकल कागज सं0-3/5 की ओर हमारा ध्‍यान   आकर्षित करते हुऐ तर्क दिया कि सेल्‍स इनवायस में यह उल्‍लेख है   कि मोबाइल की गारण्‍टी एवं वारण्‍टी इसके निर्माता और अधिकृत   सर्विस सेन्‍टर की होगी ऐसी दशा में विपक्षी सं0-1 से परिवादी   अनुरोधित अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है। विपक्षी सं0-1 की ओर   से यह भी कहा गया कि विपक्षी सं0-2 तो प्रश्‍नगत मोबाइल का मात्र विक्रेता है। मोबाइल को ठीक करने अथवा उसकी वारण्‍टी देने की   उसकी कोई जिम्‍मेदारी नहीं थी।
  11.   परिवादी के इन कथनों का खण्‍डन करने के लिए मोबाइल के  निर्माता-विपक्षी सं0-2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुऐ कि मोबाइल  खरीदने के 5 दिन बाद से ही इसमें कालहियरिंग, टच वर्किंग, डाटा कनेक्‍शन, फोन रिंगर और ओवर हीटिंग इत्‍यादि की प्रोब्‍लम आने लगी  थीं और सर्विस सेन्‍टर पर ले जाने के बावजूद मोबाइल ठीक नहीं हो पाया ऐसी दशा में हम इस मत के हैं कि मोबाइल में मैनुफैक्‍चरिंग डिफेक्‍टस थे जो सर्विस सेन्‍टर पर भी ठीक नहीं हो पाऐ अंत: प्रश्‍नगत मोबाइल के बदले विपक्षी सं0-2 से परिवादी को मोबाइल का मूल्‍य अंकन 15,000/-रूपया 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित वापिस दिलाया जाना न्‍यायोचित होगा। मामले के तथ्‍यों को देखते हुऐ विपक्षी सं0-2 से परिवादी को क्षतिपूर्ति की मद में 2000/- (दो हजार रूपया) और परिवाद व्‍यय की मद में 2500/-(दो हजार पाँच सौ रूपया) अतिरिक्‍त दिलाया जाना भी न्‍यायोचित होगा। परिवाद तदानुसार स्‍वीकार विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध स्‍वीकार होने योग्‍य है।

 

 

  परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित 15000/- (पन्‍द्रह हजार रूपये) की वसूली हेतु यह परिवाद विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध  परिवादी के पक्ष में स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0-2 से परिवादी  क्षतिपूर्ति की मद में 2000/- (दो हजार रूपया) और परिवाद व्‍यय की  मद में 2500/- रूपया अतिरिक्‍त पाने का भी अधिकारी होगा। इस  आदेशानुसार समस्‍त धनराशि का भुगतान परिवादी को दो माह में किया जाऐ। भुगतान प्राप्‍त करने से पूर्व प्रश्‍नगत मोबाइल परिवादी विपक्षी सं0-2 अथवा उसके अधिकृत प्रतिनिधि को वापिस करेगा। 

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव )          (पवन कुमार जैन)

          सामान्‍य सदस्‍य                 अध्‍यक्ष

  •        0उ0फो0-।। मुरादाबाद            जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

           22.04.2017               22.04.2017

     हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 22.04.2017 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

 

      (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)          (पवन कुमार जैन)

          सामान्‍य सदस्‍य                 अध्‍यक्ष

  •        0उ0फो0-।। मुरादाबाद            जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

           22.04.2017               22.04.2017

 
 
[HON'BLE MR. P.K Jain]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Manju Srivastava]
MEMBER

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