(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-284/2015
(जिला उपभोक्ता आयोग, मैनपुरी द्वारा परिवाद संख्या-072/2013 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 29.12.2014 के विरूद्ध)
नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, द्वारा अथराइज्ड आफिसर, रिजनल आफिस, जीवन भवन, फेस-II, नवन किशोर रोड, हजरतगंज, लखनऊ।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
चौधरी भूप सिंह कोल्ड स्टोरेज प्रा0लि0, मैसर्स यश यादव पुत्र श्री रविन्द्र सिंह, निवासी कुरावली रोड, भूप नगर, मैनपुरी।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री देवेश श्रीवास्तव, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री विजय कुमार यादव,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 28.02.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-072/2013, चौधरी भूप सिंह कोल्ड स्टोरेज प्रा0लि0 बनाम नेशनल इं0कं0लि0 में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, मैनपुरी द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 29.12.2014 के विरूद्ध यह अपील बीमा कंपनी की ओर से प्रस्तुत की गई है। इस निर्णय/आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए अंकन 17,56,000/-रू0 का प्रतिकर 09 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश पारित किया है।
2. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने अपने कोल्ड स्टोरेज बिल्डिंग प्लाट व मशीनरी का बीमा दिनांक 21.02.2011 को कराया था, जिसमें दिनांक 15.07.2011 को करीब 4.30 बजे आग लग गई, जिसकी सूचना फायर ब्रिगेड एवं पुलिस में दी गई। आग के कारण अंकन 19,12,000/-रू0 का नुकसान हुआ। बीमा क्लेम प्रस्तुत किया गया। बीमा कंपनी द्वारा सर्वेयर नियुक्त किया गया, परन्तु बीमा क्लेम नहीं दिया गया, इसलिए परिवाद प्रस्तुत किया गया।
3. बीमा कंपनी द्वारा यह कथन किया गया कि कम ज्यादा बिजली होने के कारण कमरा नम्बर 9 में आग लग गई थी, जिसके कारण कमरे की छत तथा दो दीवारों का थर्माकोल नष्ट हो गया। सर्वेयर द्वारा परिवादी से थर्माकोल का कोटेशन एवं कागजात उपलब्ध कराने को कहा गया तथा स्थलीय निरीक्षण किया गया। सर्वेयर द्वारा कुल 1,00,784/-रू0 का आंकलन किया गया, जिसे परिवादी को देने का प्रस्ताव दिया गया, परन्तु परिवादी ने लेने से इंकार कर दिया।
4. दोनों पक्षकारों की साक्ष्य पर विचार करने के पश्चात विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने यह निष्कर्ष दिया कि यथार्थ में अंकन 17,56,000/-रू0 की क्षति की हानि हुई है। तदनुसार इस क्षति की पूर्ति का आदेश दिया गया।
5. इस निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध अपील इन आधारों पर प्रस्तुत की गई है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश तथ्य एवं विधि के विपरीत है। सर्वेयर द्वारा स्थलीय निरीक्षण करने के पश्चात क्षति का आंकलन किया गया था। अंकन 17,56,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति अदा करने का आदेश देने का कोई औचित्य नहीं था न ही इस क्षति के आंकलन के लिए कोई साक्ष्य मौजूद थी, इसलिए यह निर्णय एवं आदेश अपास्त होने योग्य है।
6. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता तथा प्रत्यर्थी के विद्वान को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
7. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि सर्वेयर द्वारा आंकलित की गई राशि विधिसम्मत है, जबकि प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि इन्शुलेशन थर्माकोल की मद में अंकन 8,26,000/-रू0 का नुकसान हुआ है, बिटुमेन की मद में अंकन 4,30,000/-रूऋ का नुकसान हुआ है एवं जी.एस. शीट्स की मद में अंकन 05 लाख रूपये का नुकसान हुआ है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने अंकन 17,56,000/-रू0 की हानि के संबंध में कोई निष्कर्ष नहीं दिया है। ऐसी किसी भी इनवाइस/टेक्निकल रिपोर्ट का उल्लेख नहीं किया है, जिससे जाहिर होता हो कि परिवादी ने जिस राशि के नुकसान का उल्लेख किया है, यथार्थ में उस राशि की क्षति कारित हुई है। निर्णय के अवलोकन से जाहिर होता है कि क्षति के आंकलन के संबंध में यथार्थ में परिवादी की ओर से विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने साक्ष्य विहीन निर्णय पारित किया है। अत: यह निर्णय स्थापित रहने योग्य नहीं है।
8. चूंकि बीमा कंपनी द्वारा कोल्ड स्टोरेज का बीमित होना, आग की घटना कारित होना तथा सर्वेयर नियुक्त करने के तथ्य को स्वीकार किया है, इसलिए अग्निकांड के बिन्दु पर विस्तृत निष्कर्ष की आवश्यकता नहीं है। प्रस्तुत केस में सर्वेयर की रिपोर्ट के अलावा क्षति का आंकलन करने के लिए अन्य कोई साक्ष्य पत्रावली पर मौजूद नहीं है। सर्वेयर द्वारा अंकन 1,00,784/-रू0 की क्षति का आंकलन किया गया है। अत: प्रत्यर्थी इसी राशि को बतौर क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए अधिकृत है। प्रस्तुत अपील तदनुसार आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
9. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 29.12.2014 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिवादी केवल अंकन 1,00,784/-रू0 की क्षति प्राप्त करने के लिए अधिकृत है, इस राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक 07 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज भी प्राप्त करने के लिए अधिकृत है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
अपीलार्थी द्वारा अपील प्रस्तुत करते समय अपील में जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित (यदि कोई हो) विधि अनुसार संबंधित जिला आयोग को निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2