(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-889/2024
परवीन आरा पुत्री कैसर हुसैन बनाम वाइस चान्सलर छत्रपति साहूजी महराज, कानपुर नगर।
दिनांक:-26.6.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्या-504/2022 में पारित आदेश दिनांक 30.5.2024 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है।
विवाद का मुख्य बिन्दु यह है कि अपीलार्थी/परिवादिनी द्वारा एल.एल.एम. (मास्टर ऑफ लॉ) की परीक्षा दिये जाने हेतु प्रत्यर्थी/विपक्षी विश्व विद्यालय (छत्रपति साहूजी महराज विश्व विद्यालय, कानपुर नगर) के समक्ष प्रार्थना पत्र वास्ते परीक्षा (प्रवेश परीक्षा) में सम्मिलित होने हेतु जमा किया गया।
अपीलार्थी/परिवादिनी द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख कथन किया गया कि प्रत्यर्थी/विपक्षी विश्वविद्यालय द्वारा उपरोक्त प्रवेश परीक्षा (एंट्रेंस परीक्षा) की तिथि की सूचना अपीलार्थी/परिवादिनी को प्राप्त नहीं करायी गई, जिसके कारण अपीलार्थी/परिवादिनी उपरोक्त एल.एल.एम. की प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो सकी, जिससे क्षुब्ध होकर परिवाद प्रस्तुत किया गया।
जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा यद्यपि उपरोक्त तथ्यों को सुसंगत एवं स्पष्ट रूप से वर्णित करते हुए मा0 सर्वोच्च न्यायालय व मा0 राष्ट्रीय आयोग की विधि व्यवस्था का उल्लेख कर निर्णय पारित किया गया है, जिससे क्षुब्ध होकर प्रस्तुत अपील योजित की गई।
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पूर्व में भी अपीलार्थी/परिवादिनी द्वारा अपील सं0-1433/2023 इस न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत की गई थी जिसे इस न्यायालय द्वारा अंतिम रूप से दिनांक 19.9.2023 को निस्तारित किया गया था।
सम्पूर्ण तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए मेरे विचार से प्रस्तुत अपील को इस न्यायालय के सम्मुख लम्बित रखने का कोई औचित्य नहीं पाया जाता है अत्एव अंतिम रूप से अपील निस्तारित करते हुए निम्न आदेश पारित किया जाता है कि अपीलार्थी/परिवादिनी परवीन आरा द्वारा इस आदेश की प्रमाणित प्रति के साथ प्रस्तुत अपील सं0-889/2024 की सम्पूर्ण प्रति/कापी प्रत्यर्थी/विपक्षी विश्वविद्यालय (छत्रपति साहूजी महराज विश्वविद्यालय, कानपुर नगर) के रजिस्ट्रार/निबन्धक के कार्यालय में 04 सप्ताह की अवधि में प्रस्तुत की जावेगी। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार/निबन्धक उपरोक्त प्रार्थना पत्र एवं अपील मेमों का परिशीलन करने के उपरांत समुचित आदेश विधिनुसार पारित करेंगे, जिससे कि अपीलार्थी/परिवादिनी अंतिम रूप से संतुष्ट हो सके।
उपरोक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्तुत अपील अंतिम रूप से निस्तारित की जाती है।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश आशु.,
कोर्ट नं0-1