Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/238/2014

AJAY KUMAR SINGH - Complainant(s)

Versus

CHASHMA SAGAR - Opp.Party(s)

AJAY KUMAR SINGH

29 Dec 2021

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 238 सन् 2014

प्रस्तुति दिनांक 22.12.2014

                                                                                               निर्णय दिनांक 29.12.2021

अजय सिंह उम्र लगभग 37 साल पुत्र स्वo राम अवतार सिंह साकिन मौजा- अहरौली, परगना व थाना- देवगांव, तहसील- लालगंज, जिला- आजमगढ़।

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

  1. चश्मा सागर (शंकर जी फौवारा) 212 मातबरगंज, शहर आजमगढ़।
  2. अब्दुल रहमान पुत्र मुनीफ मुo हर्रा की चुंगी आजमगढ़।      
  3. विपक्षीगण।

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

याची ने अपने याचना पत्र में यह कहा है कि वह अपनी पत्नी शशि सिंह के लिए दिनांक 24.10.2014 को एक अदद चश्मा नम्बर वाला टेस्ट कराकर विपक्षी से खरीदा था, जिसके लिए याची ने विपक्षी को 1680/- रुपए दिया था। याची को विपक्षीगण द्वारा दिया गया चश्मा 15 दिन के अन्दर ही चश्में का फ्रेम आंख पर लगाते ही चटक गया, जिसको विपक्षीगण द्वारा बताया गया था कि यह फ्लैक्सिबल प्लास्टिक वाला फ्रेम उच्च क्वालिटी का है कभी टूटेगा नहीं। विपक्षीगण द्वारा यह भी कहा गया था कि दो महीने के अन्दर किसी तरह का नुकसान होगा तो उसकी भरपाई विपक्षीगण द्वारा की जाएगी। याची विपक्षीगण के दुकान पर कई बार गया और टूटे हुए चश्में को दिखाया व बात किया तो विपक्षीगण द्वारा आश्वासन देने के बावजूद विपक्षीगण हीलाहवाली करते हुए समय व्यतीत कर रहे हैं, कोई समाधान नहीं किया और अन्त में दिनांक 08.12.2014 को उक्त टूटे हुए चश्मा को वापस करने व उसको बदलने अथवा कीमत वापस करने से इन्कार कर दिया, तब याची ने विपक्षीगण को दिनांक 12.12.2014 को नोटिस दिया जिसके प्रतिउत्तर में विपक्षीगण ने कोई जवाब नहीं दिया। अतः विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी को चश्में की कीमत मुo 1680/- मय 12% वार्षिक ब्याज की दर से अदा करे साथ ही दौड़-धूप करने के खर्च में 3,000/- रुपया व शारीरिक एवं मानसिक कष्ट हेतु 5,000/- रुपया अदा करे।   

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 5/3 चश्मा सागर द्वारा जारी दिनांक 24.10.2014 को मुo 1,680/- रुपए के रसीद की छायाप्रति जो उसने याची को दिया था, प्रस्तुत किया है।   

कागज संख्या 11क विपक्षी  द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवादी ने झूठा दावा दाखिल किया है। विपक्षी ने परिवादी से यह कभी नहीं कहा था कि दो माह के अन्दर नुकसान होने पर किसी तरह की भरपाई होगी, बल्कि विपक्षी द्वारा दी गयी रसीद पर यह अंकित है कि दो माह के भीतर डिलेवरी न लेने पर किसी तरह की क्षति या नुकसान की जिम्मेदारी नहीं होगी। याची कभी भी चश्में के सम्बन्ध में विपक्षी की दुकान पर नहीं गया। परिवादी का कथन सरासर झूठा है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।   

विपक्षी संख्या  द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

बहस के दौरान पुकार कराए जाने पर परिवादी के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आए। विपक्षीगण अनुपस्थित रहे। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने अपना बहस सुनाया। बहस सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। पत्रावली तथा प्रलेखीय साक्ष्यों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि परिवादी ने विपक्षीगण के यहाँ से चश्मा खरीदा था, जिस बात को विपक्षीगण ने भी स्वीकार किया है तथा महज 15 दिन के भीतर चश्मे का फ्रेम चटक कर टूट जाना चश्में में क्वालिटी की कमी को दर्शाता है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य है। 

आदेश

    परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे परिवादी को चश्मे की कीमत मुo 1,680/- (रु.एक हजार छः सौ अस्सी मात्र) अन्दर 30 दिन परिवाद दाखिला की तिथि से अन्तिम भुगतान की तिथि तक 09% वार्षिक ब्याज की दर से परिवादी को अदा करे साथ ही विपक्षीगण को यह भी आदेशित किया जाता है कि वे परिवादी को विपक्षीगण के यहाँ दौड़ धूप करने के खर्च के मद में मुo 1,500/- रुपए (रु.एक हजार पांच सौ मात्र) तथा मानसिक व आर्थिक क्षति हेतु मुo 1,000/- रुपए (रु.एक हजार मात्र) भी अदा करे।

 

   

 

 

                                                                     गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह     

                                                                          (सदस्य)                             (अध्यक्ष)        

 

             दिनांक 29.12.2021

                                          यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

 

                                                                गगन कुमार गुप्ता               कृष्ण कुमार सिंह

                                                                     (सदस्य)                            (अध्यक्ष)

 

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