Chhattisgarh

Janjgir-Champa

CC/15/44

DWARIKA PRASAD - Complainant(s)

Versus

CHANDRASEKHAR AND OTHERS - Opp.Party(s)

SHRI PARMANAND

28 Oct 2015

ORDER

District Consumer Dispute Redressal Forum
Janjgir-Champa
Judgement
 
Complaint Case No. CC/15/44
 
1. DWARIKA PRASAD
VILLAGE TENDUA THANA NAWAGARH
JANJGIR CHAMPA
CHHATTISGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. CHANDRASEKHAR AND OTHERS
VILLAGE KATOD THANA NAWAGARH
JANJGIR CHAMPA
CHHATTISGARH
2. NANBAI
VILLAGE TENDUA THANA NAWAGARH
JANJGIR CHAMPA
CHHATTISGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. BHISHMA PRASAD PANDEY PRESIDENT
 HON'BLE MR. MANISHANKAR GAURAHA MEMBER
 
For the Complainant:
SHRI PARMANAND
 
For the Opp. Party:
NA 1 AND 2 ABSENT
 
ORDER

                                       जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जांजगीर-चाॅपा (छ0ग0)

                                                                                   प्रकरण क्रमांक:- CC/2015/44
                                                                                     प्रस्तुति दिनांक:- 08/05/2015


द्वारिका प्रसाद उम्र 52 वर्श 
आत्मज  ढोलाराम चैहान 
निवासी ग्राम तेंदुआ
तहसील नवागढ़
जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग.               ..................आवेदक/परिवादी
    
                       ( विरूद्ध )    
                 
1. चंद्रषेखर
पिता बुधराम सतनामी उम्र 25 वर्श
निवासी ग्राम तेंदुआ, हा.मु.
ग्राम कटौद तहसील नवागढ़
जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग.

2. नानबाई विधवा बुधराम सतनामी 
निवासी ग्राम तेंदुआ तहसील नवागढ़
जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग.      .........अनावेदकगण/विरोधी पक्षकारगण

                                                                ///आदेश///
                                              ( आज दिनांक  28/10/2015 को पारित)

    1. परिवादी/आवेदक ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदकगण के विरूद्ध परिवादी को किराये की राषि 9,000/-रू. पर दिनांक 14.12.2014 से 6 प्रतिषत वार्शिक ब्याज, क्षतिपूर्ति 5,000/-रू., वादव्यय हेतु 2,000/-रू.  एवं अन्य अनुतोश दिलाए जाने हेतु दिनांक 08.05.2015 को प्रस्तुत किया है ।   
2. स्वीकृत तथ्य है कि 2. परिवादी के पास धान काटने की मषीन है, जो पेट्रोल से चलती है। दिनांक 07.12.2014 को परिवादी से संपर्क कर धान कटवाने कहा, तब वह प्रति एकड़ 1,500/-रू. में किराया लगना बताया, जिस पर 6 एकड़ फसल को अनावेदकगण द्वारा कटाया गया । आनंतराम भारद्वाज तथा ज्योतिरंजन मषीन चालक ने 6 दिन में धान की कटाई किए।
3. परिवाद के निराकरण के लिए आवष्यक तथ्य संक्षेप में इस प्रकार   है कि अनावेदकगण ने उनके 6 एकड़ भूमि पर खड़ी धान की फसल को धान काटने की मषीन से प्रति एकड़ 1,500/-रू. की दर से 9,000/-रू. में काटने के लिए परिवादी के पास दिनांक 07.12.2014 को अपनी सहमति दी, जिस पर परिवादी व आनंदराम भारद्वाज तथा ज्योतिरंजन मषीन चालक उसी दिनांक से धान को काटना प्रारंभ किया तथा 6 दिन में धान की कटाई पूर्ण हुई, जिसके पष्चात परिवादी ने दिनांक 14.12.2014 को अनावेदकगण से कटाई का किराया 9,000/-रू. की मांग की किंतु अनावेदगण ने देने से इंकार कर दिये तथा धान को ले गए । परिवादी ने अनावेदकगण से अनेकों बार उक्त किराया की राषि की मांग की, किंतु अनावेदगण द्वारा प्रदान नहीं किया गया। जिसकी लिखित षिकायत परिवादी ने पुलिस अधीक्षक जांजगीर में की, जिनके निर्देष पर थाना प्रभारी नवागढ़ ने अनावेदक क्रमांक 1 (चंद्रषेखर) को बुलाया परंतु उसने पुलिस में मिलकर कोई कार्यवाही नहीं होने दी । थाना नवागढ़ में परिवादी एवं गवाह अनंदराम तथा ज्योति निरंजन का बयान लिया गया परंतु पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की । परिवादी ने अधिवक्ता के माध्यम से पंजीकृत नोटिस भी प्रेशित की, किंतु कोई लाभ नहीं हुआ । इस प्रकार अनावेदकगण द्वारा परिवादी को उसके द्वारा काटी गई फसल की राषि 9,000/-रू. प्रदान न कर सेवा में कमी की गई, जिससे परिवादी को आर्थिक, षारीरिक व मानसिक परेषानी हुई । अतः आवेदक ने अनावेदकगण से संयुक्त एवं पृथक-पृथक किराये की राषि 9,000/-रू. पर दिनांक 14.12.2014 से 6 प्रतिषत वार्शिक ब्याज, क्षतिपूर्ति 5,000/-रू, वादव्यय हेतु 2,000/-रू. एवं अन्य अनुतोश दिलाए जाने का निवेदन किया है। 
4.  अनावेदक क्रमांक 2 ने जवाबदावा प्रस्तुत कर स्वीकृत तथ्य के अतिरिक्त कथन की है कि धान की कटाई पूर्ण होने के बाद एस.डी.एम. ने 15 एकड़ 26 डिस्मिल के धान को जप्ति करवा दिया । शषीकला पुत्र चंद्रषेखर के द्वारा एस.डी.एम. जांॅजगीर, नवागढ़ थाना के द्वारा गाॅव में नोटिस चस्पा कर दिया कि नानबाई का पुरा जमीन को एस.डी.एम. द्वारा जप्ति करने का आदेष हुआ है। नवागढ़ थाने से आये हुए इंसपेक्टर उसके साथ मुंषी ने बताया कि जप्ति के लिए गाॅव का कोई जिम्मेदार व्यक्ति को दिया जायगा और गाॅव के जिम्मेदार व्यक्ति मदन सिंह को दिया गया, जो जांजगीर में ही रहते हैं, जिसने चार पाॅच दिन के बाद हारवेस्टर में सभी धान को मीसाई करवा कर ट्रेक्टर में ले गया, जिसके बारे में अनावेदक क्रमांक 2 को कोई जानकारी नहीं है। उसकी 15 एकड़ 26 डिस्मिल जमीन को शषिकला और उसके पुत्र चंद्रषेखर द्वारा बुधराम  की मृत्यु के बाद अपने नाम पर फौती करा लिया गया और सब धान को जप्ति करा दिया गया और मदन सिंह को धान रखने का व्यक्ति सौंपा गया है अतः मदन, चंद्रषेखर और शषिकला से मषीन में कटाई का पैसा व धान बोवाई का पैसा दिया जाय उसने सेवा में कोई कमी नहीं की है । 
5. विचारणीय प्रष्न यह है कि:-
क्या अनावेदकगण ने परिवादी के विरूद्ध सेवा में कमी की है ?

निष्कर्ष के आधार
विचारणीय प्रष्न का सकारण निष्कर्ष:-
6. परिवादी द्वारिका प्रसाद ने परिवाद के समर्थन में अपना षपथ पत्र तथा सूची अनुसार दस्तावेज रजिस्टर्ड नोटिस दिनांक 21.03.2015  दस्तावेज क्रमांक 1, पावती अभिस्वीकृति दस्तावेज क्रमांक 2 एवं 3 प्रस्तुत किया है । इस प्रकार परिवादी ने परिवाद के तथ्य के समर्थन में आनंद राम भारद्वाज का षपथ पत्र प्रस्तुत किया है । षपथ पत्र में दिए साक्ष्य के खण्डन में अनावेदकगण का कोई षपथ पत्र या साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है, बल्कि अनावेदक क्रमांक 2 द्वारा प्रस्तुत जवाब में परिवादी के तथ्य को स्पश्ट रूप से स्वीकार किया है । 
7. इस प्रकार परिवाद के तथ्य एवं अनावेदक क्रमांक 2 के जवाब से यह तथ्य युक्तियुक्त रूप से स्थापित हुआ है कि अनावेदकगण ने परिवादी से अपनी 6 एकड़ भूमि की खड़ी फसल को धान काटने की मषीन से परिवादी से कटवाया था, जिसका प्रति एकड़ धान काटने का 1,500/-रू. कुल 9,000/-रू. में काटने की सहमति दी थी, सहमति पष्चात 6 दिनों में मषीन से धान की कटाई की गई थी। 
8. परिवादी के अनुसार अनावेदकगण के फसल कटाई के बाद कुल राषि 9,000/-रू. अनावेदकगण द्वारा नहीं दिया गया है, मांग करने पर भी नहीं दिया गया, पंजीकृत नोटिस दिए जाने के बाद भी नहीं दिया गया। अनावेदक क्रमांक 2 ने जवाब में उक्त तथ्य को स्वीकार किया है, जिसके कारण अनावेदक क्रमांक 1 चंद्रषेखर और उसकी माॅं षषिकला ने खेत और फसल को फौती कराकर एस.डी.एम. द्वारा जप्ति किया गया और फसल को मदन सिंह के पास सुपुर्द रखा गया बताया है । इस प्रकार स्पश्ट है कि अनावेदकगण ने परिवादी को फसल काटने की राषि 9,000/-रू. नहीं दिए हैं । इस प्रकार परिवादी से तय अनुसार कार्य करवाकर उसकी राषि 9,000/-रू. नहीं देने द्वारा अनावेदकगण ने सेवा में कमी की है, स्पश्ट रूप से पाया जाता है, तद्नुसार विचारणीय प्रष्न का निश्कर्श ’’हाॅ’’ में हम देते हैं । 
9. परिवादी ने फसल कटाई का 9,000/-रू. अनावेदकगण से संयुक्त रूप से तथा पृथक-पृथक 6 प्रतिषत ब्याज सहित एवं क्षतिपूति 5,000/-रू., वादव्यय 2,000/-रू. दिलाए जाने का अनुरोध किया है । अभिलेखगत सामग्री से प्रमाणित हुआ है कि अनावेदकगण ने परिवादी से फसल कटाई का कार्य कराया तथा उसकी राषि 9,000/-रू. नहीं दिया, नोटिस देने के बाद भी नहीं दिया, फलस्वरूप अनावेदकगण संयुक्त रूप से तथा पृथक-पृथक रूप से परिवादी को उक्त राषि 9,000/-रू. देने के लिए दायित्वाधीन है । इस प्रकार अनावेदकगण के विरूद्ध प्रस्तुत परिवाद को स्वीकार करने योग्य पाते हुए हम स्वीकार करते हैं तथा निम्नलिखित निर्देष देते हैं:-
अ. अनावेदकगगण/विरूद्ध पक्षकारगण संयुक्त रूप से तथा पृथक-पृथक रूप से परिवादी के 9,000/-रू. (नौ हजार रूपये) 1 माह के भीतर प्रदान करे । 
ब. 9,000/-रू. (नौ हजार रूपये) पर परिवाद प्रस्तुति दिनांक 08.05.2015 से 6 प्रतिषत वार्शिक ब्याज प्रदान करे ।  
स. अनावेदकगगण/विरूद्ध पक्षकारगण, परिवादी  को मानसिक परिवेदना हेतु 3,000/-रू. (तीन हजार रूपये)  प्रदान करे । 
द. अनावेदकगगण/विरूद्ध पक्षकारगण, परिवादी  को वादव्यय हेतु 2,000/-रू. (दो हजार रूपये) प्रदान करे । 


    (मणिशंकर गौरहा)                           (बी.पी. पाण्डेय)     
        सदस्य                                    अध्यक्ष   

             

 
 
[HON'BLE MR. BHISHMA PRASAD PANDEY]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. MANISHANKAR GAURAHA]
MEMBER

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