Uttar Pradesh

StateCommission

A/839/2019

Madhyanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd - Complainant(s)

Versus

Chandra Prakash Modi - Opp.Party(s)

Santosh Kumar Mishra

07 Dec 2021

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/839/2019
( Date of Filing : 08 Jul 2019 )
(Arisen out of Order Dated 28/05/2016 in Case No. C/144/2014 of District Bahraich)
 
1. Madhyanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd
Electricity Distribution Division Bahraich through its Executive Engineer
...........Appellant(s)
Versus
1. Chandra Prakash Modi
S/O Sri Vinod Kumar Modi R/O Village SAlarpur (Infront of Galla Mandi) PsS. Dargah Distt. Bahraich
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 07 Dec 2021
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-839/2019

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, बहराइच द्धारा परिवाद सं0-144/2014 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 28.5.2016 के विरूद्ध)

मध्‍यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, इलैक्ट्रिसिटी डिस्‍ट्रीब्‍यूशन डिवीजन, बहराइच द्वारा अधिशाषी अभियंता।

........... अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम         

चन्‍द्र प्रकाश मोदी पुत्र विनोद कुमार मोदी, निवासी ग्राम-सलारपुर (गल्‍लामण्‍डी के सामने) थाना दरगाह, जनपद बहराइच।

       …….. प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष            

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता        :- श्री संतोष कुमार मिश्रा

प्रत्‍यर्थी के अधिवक्‍ता          :- कोई नहीं।

दिनांक :-07-12-2021

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी/मध्‍यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा इस आयोग के सम्‍मुख धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्‍तर्गत जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, बहराइच द्वारा परिवाद सं0-144/2014 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 28.5.2016 के विरूद्ध विलम्‍ब देरी क्षमा प्रार्थना पत्र के साथ योजित की गई है।

उपरोक्‍त विलम्‍ब देरी क्षमा प्रार्थना पत्र के परिशीलन से यह स्‍पष्‍ट है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग, बहराइच द्वारा परिवाद सं0-144/2014 में दिनांक 28.5.2016 को निर्णय/आदेश पारित किया गया, जिसकी प्रमाणित प्रतिलिपि अपीलार्थी जो कि एक उ0प्र0 सरकार का निगम है, द्वारा निर्णय के लगभग 03 वर्ष 01 माह पश्‍चात प्राप्‍त की गई, तदोपरांत प्रस्‍तुत अपील

-2-

इस न्‍यायालय के सम्‍मुख दिनांक 08.7.2019 को योजित की गई। विलम्‍ब देरी क्षमा प्रार्थना पत्र में किसी प्रकार का कोई ऐसा तथ्‍य इंगित नहीं किया गया है, जिससे यह स्‍पष्‍ट हो कि विलम्‍ब होने में अपीलार्थी की ओर से किसी प्रकार की कोई कमी रही हो।

प्रश्‍नगत अपील जिला उपभोक्‍ता आयोग के निर्णय/आदेश के विरूद्ध योजित की गई है, जिसके द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद अंशत: स्‍वीकार करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी मध्‍यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को निर्देशित किया कि वे दिनांक 25.8.2014 जो कि परिवाद योजित करने की तिथि है, से भुगतान की वास्‍तविक दिनांक तक की अवधि के लिए 07 प्रतिशत वार्षिक दर से साधारण ब्‍याज सहित कुल रू0 1,84,489.00 का भुगतान प्रत्‍यर्थी/परिवादी को एक माह की अवधि में करें, साथ ही परिवाद व्‍यय के रूप में रू0 1500.00 का भुगतान भी सुनिश्चित करें।

अपील के साथ अपीलार्थी/ मध्‍यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा अंतरिम राहत प्रार्थना पत्र प्रस्‍तुत किया गया, जिसमें जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 28.5.2016 को स्‍थगित करने हेतु प्रार्थना की गई।

प्रश्‍न यह है कि जब उपरोक्‍त निर्णय/आदेश दिनांक 28.5.2016 का अनुपालन अपीलार्थी/ मध्‍यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को एक माह की अवधि में सुनिश्चित करना था, तब उस स्थिति में यदि उसके द्वारा उपरोक्‍त निर्णय/आदेश का अनुपालन प्रदान की गई अवधि में नहीं किया गया, तो वह स्‍वयं में अपीलार्थी/ मध्‍यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की अक्षमता को उद्धृत करता है। अत्एव प्रस्‍तुत अपील खारिज की जाती है तथा अपीलार्थी/ मध्‍यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को आदेशित किया जाता है कि जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, बहराइच द्वारा परिवाद सं0-

-3-

144/2014 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 28.5.2016 का अनुपालन एक माह की अवधि में सुनिश्चित करें।

धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनिमय, 1986 के अन्‍तर्गत अपील में जमा धनराशि 25,000.00 रू0 अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाये।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

  

 

                                    (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                   

                                        अध्‍यक्ष                                                                                                                     

 

हरीश आशु.,

कोर्ट नं0-1

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.