Uttar Pradesh

StateCommission

A/378/2017

Bajaj Allianz Life Insurance Co. - Complainant(s)

Versus

Chandra Mohni Pal - Opp.Party(s)

Sanjeev Bahadur Srivastava

30 Aug 2019

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/378/2017
( Date of Filing : 27 Feb 2017 )
(Arisen out of Order Dated 14/07/2016 in Case No. C/57/2016 of District Auraiya)
 
1. Bajaj Allianz Life Insurance Co.
Ist Floor 292 Amlata Place Near News Stand Eatawah U.P.
...........Appellant(s)
Versus
1. Chandra Mohni Pal
W/O SLate Shri Bharat Singh Pal R/O 22/2 Professor Colony Near Railway Crossing Dibiyapur Pargana and Distt. Auraiya
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 30 Aug 2019
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-378/2017

(जिला फोरम, औरैया द्धारा परिवाद सं0-57/2016 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 14.7.2016 के विरूद्ध)

Manager, Bajaj Allianz Life Insurance Co. Ltd. Ist Floor, 292, Amlata Palace, Near News Stand, Etawah, (U.P.)

                                         ........... Appellant/Opp. Party No.1

Versus    

1-    Chandra Mohini Pal, W/o Late Shri Bharat Singh Pal, R/o 22/2, Professor Colony, Near Railway Crossing Dibiyapur, Pargana & District Auraiya.

……..…. Respondent/ Complainant

2-    Manager, Balia Etawah Gramin Bank, Dibiyapur, District Auraiya.

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता        : श्री संजीव बहादुर श्रीवास्‍तव

प्रत्‍यर्थी के अधिवक्‍ता          : कोई नहीं।

दिनांक :-30.8.2019                                           

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय   

परिवाद संख्‍या-57/2016 चन्‍द्र मोहनी पाल बनाम मैनेजर एलायंस लाइफ इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड व एक अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता प्रतितोष फोरम, औरैया द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 14.7.2016 के विरूद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्‍तर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

 

-2-

आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-

 “परिवाद विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध 2,65,000.00 रू0 की वसूली हेतु स्‍वीकार किया जाता है, इस धनराशि पर वादयोजन की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक 07 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज देना होगा। विपक्षी सं0-1 को आदेशित किया जाता है कि उपरोक्‍तानुसार धनराशि निर्णय के एक माह में परिवादी को अदा करें।”

जिला फोरम के उपरोक्‍त आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षी मैनेजर एलायंस लाइफ इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड ने यह अपील प्रस्‍तुत की है।

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री संजीव बहादुर श्रीवास्‍तव उपस्थित आये हैं। प्रत्‍यर्थीगण की ओर से नोटिस तामीला के बाद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ है। प्रत्‍यर्थी सं0-2 की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री आशीष सक्‍सेना ने वकालतनाम प्रस्‍तुत किया है, परन्‍तु वह उपस्थित नहीं है।

मैनें अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

-3-

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि अपीलार्थी नोटिस का तामीला न होने के कारण जिला फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हो सका है और अपना लिखित कथन प्रस्‍तुत नहीं कर सके है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह भी तर्क है कि जिला फोरम के समक्ष परिवाद गलत कथन के आधार पर प्रस्‍तुत किया गया है। जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत परिवाद, परिवाद पत्र के कथन के आधार पर ही कालबाधित है, अत: जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय दोष पूर्ण है और निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

मैंने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क पर विचार किया है।

अपीलार्थी के विरूद्ध आक्षेपित निर्णय और आदेश जिला फोरम ने एक पक्षीय रूप से पारित किया है और अपीलार्थी/विपक्षी ने जिला फोरम के समक्ष लिखित कथन प्रस्‍तुत नहीं किया है। परिवाद पत्र में कथित तथ्‍यों एवं सम्‍पूर्ण परिस्थितियों पर विचार करते हुए यह उचित प्रतीत होता है कि अपीलार्थी/विपक्षी को अपना लिखित कथन जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत करने का अवसर दिया जाए और उसके बाद उभय पक्ष को सुनवाई का अवसर देकर जिला फोरम पुन: निर्णय और आदेश विधि के अनुसार गुणदोष के आधार पर पारित करें। परन्‍तु अपीलार्थी/विपक्षी के जिला मंच के

-4-

समक्ष उपस्थित न होने के कारण जो परिवाद के निस्‍तारण में विलम्‍ब हो रहा है, उसके लिए प्रत्‍यर्थी/परिवादी की क्षतिपूर्ति हेतु अपीलार्थी/विपक्षी से 10,000.00 रू0 हर्जा दिलाया जाना आवश्‍यक प्रतीत होता है।

उपरोक्‍त विवेचना और ऊपर अंकित निष्‍कर्ष के आधार पर अपील स्‍वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश अपलार्थी/विपक्षी द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी को 10,000.00 रू0 हर्जा अदा करने पर अपास्‍त किया जाता है तथा पत्रावली जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्‍यावर्तित की जाती है कि जिला फोरम अपीलार्थी/विपक्षी को इस निर्णय में हाजिरी हेतु निश्चित तिथि से 30 दिन के अन्‍दर लिखित कथन प्रस्‍तुत करने का अवसर प्रदान करे और उसके बाद उभय पक्ष को साक्ष्‍य और सुनवाई का अवसर देकर पुन: निर्णय विधि के अनुसार गुणदोष के आधार पर दो माह के अन्‍दर पारित करे।

उभय पक्ष जिला फोरम के समक्ष 11.11.2019 को उपस्थित हो।

अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

 

-5-

अपीलार्थी द्वारा धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत जमा धनराशि से हर्जा की उपरोक्‍त धनराशि 10,000.00 रू0 प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अदा की जायेगी और अवशेष धनराशि सम्‍पूर्ण धनराशि पर अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को वापस कर दी जायेगी। 

 

                        (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)               

                                  अध्‍यक्ष                           

हरीश आशु.,

कोर्ट सं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 

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