राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या- 1254/1997 (मौखिक)
(जिला उपभोक्ता फोरम, झॉसी द्वारा परिवाद संख्या-240/1996 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 23-05-1997 के विरूद्ध)
1-यूनियन आफ इंडिया द्वारा सेक्रेटरी, डिफेन्स मिनिस्टर भारत सरकार नई दिल्ली।
2-डायरेक्टर जनरल, डिफेन्स इस्टेट, मिनिस्टर डिफेन्स, भारत सरकार, आर0के0 पुरम, नई दिल्ली।
3-डायरेक्टर, डिफेन्स इस्टेट, जनरल कमाण्ड, लखनऊ कैंट, लखनऊ।
4-डिफेन्स इस्टेट आफिसर, आगरा रीजन, आगरा।
....अपीलकर्तागण/विपक्षीगण
बनाम
श्रीमती चन्द्रा जायसवाल, पुत्र श्री किशन बिहारी जायसवाल, निवासी- 42 बी, सदर बजार, झॉसी। ...प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठा0 सदस्य।
2. माननीय श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 29-04-2015
माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य, द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलकर्ता ने यह अपील जिला उपभोक्ता फोरम झॉसी द्वारा परिवाद संख्या-240/1996 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 23-05-1997 के विरूद्ध प्रस्तुत की है ,जिसके द्वारा जिला मंच ने निम्न आदेश पारित किया है: परिवादी का परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण परिवादिनी को रूपया पॉच हजार हर्जा व रूप्या पॉच सौ खर्चा दो माह के अन्दन प्रदान करें।
उभय पक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अपीलकर्ता के तरफ से दिनांक 29-05-2013 कोई उपस्थित नहीं आया और अपीलार्थी को निर्देशित किया गया है कि निर्णय की सत्यापित प्रति एवं अन्य अभिलेख आयोग के समक्ष प्रस्तुत करें, उसके बाद अपीलकर्ता के तरफ से लगातार कोई
(2)
उपस्थित नहीं आया, जैसा कि आदेश दिनांक 11-02-2014 से स्पष्ट है और उसके बाद की तिथियों 22-01-2015 से स्पष्ट है कि इस केस में प्रत्यर्थी श्रीमती चन्द्रा जायसवाल की मृत्यु हो गयी है। इस सम्बन्ध में उनके पुत्र जितेन्द्र जायसवाल के तरफ से दिनांक- 25-08-2011 को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। अपीलार्थी के तरफ से प्रतिस्थापन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया और लगातार अनुपस्थित चल रहा है। इस प्रकार से हम यह पाते है कि अपीलकर्ता के तरफ से अनुपस्थित रहने के कारण और पैरवी न करने के कारण तथा प्रत्यर्थी श्रीमती चन्द्रा जायसवाल की मृत्यु के उपरान्त उनके वारिसान को प्रतिस्थापित न करने के कारण तथा अपील अवेट होने के आधार पर भी खारिज होने योग्य है। अत: उपरोक्त दोनों आधारों पर प्रश्नगत अपील खारिज होने योग्य है।
आदेश
अपीलकर्ता की अपील खारिज की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वयं वहन करें।
(राम चरन चौधरी) (राजकमल गुप्ता)
पीठासीन सदस्य सदस्य
आर.सी. वर्मा, आशु. कोर्ट नं0-5