राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील सं0- 526/2001
Neelkamal Property Dealer 6/12 Prakash Nagar Sahganj Agra. Through om Prakash Jayant, Owner/Partner Neelkamal Property Dealer.
(Om Prakash Jayant has been wrongly shown as proprietor of Neel Kamal Property Delaer) and another.
…………Appellants
V/s
Chandan Singh, S/o Sri Tikaram, R/o 16/350 Mishri Saiyad Sadar Bhatti, Agra.
…….Respondent
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री दीपक मेहरोत्रा,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री टी0एच0 नकवी,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक:- 01.11.2022
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0- 466/1995 चन्दन सिंह बनाम नील कमल प्रापर्टी डीलर व एक अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग द्वितीय, आगरा द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 12.01.2001 के विरुद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है।
2. हमने अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री दीपक मेहरोत्रा एवं प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री टी0एच0 नकवी को सुना। प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परिशीलन किया।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार प्रत्यर्थी/परिवादी ने वर्ष 1986 में 1,000/-रू0 जमा कर भूखण्ड प्रापर्टी डीलर कम्पनी से बुक कराया था और बाद में 9,040/-रू0 भी अदा किए, परन्तु प्रत्यर्थी/परिवादी को कोई भूखण्ड आवंटित नहीं किया गया।
4. अपीलार्थीगण/विपक्षीगण द्वारा लिखित कथन प्रस्तुत करते हुए यह उल्लेख किया गया है कि उनके द्वारा कोई धनराशि प्राप्त नहीं की गई है। प्रापर्टी डीलर उनके मकान में किरायेदार थे जो भवन खाली करके जा चुके हैं, परन्तु लिखित कथन में यह स्वीकार किया गया है कि वह भी दुकान पर कभी-कभी बैठ जाता था। अपीलार्थी/विपक्षी का दुकान पर कभी-कभी बैठना वह स्वयं को इस रूप में जाहिर कर रहा था कि वह प्रापर्टी डीलर का काम कर रहा था। इसलिए प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा जमा राशि को वापस करने के आदेश में किसी प्रकार की अवैधानिकता नहीं है।
5. अपीलार्थीगण/विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अग्रिम बहस यह की गई है कि 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अदा करने हेतु आदेशित किया गया है जो अत्यधिक उच्च दर से है। इस पीठ का मत है कि 09 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अदा करने हेतु आदेशित किया जाना उचित होगा। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
6. अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय व आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि अपीलार्थीगण/विपक्षीगण द्वारा प्रत्यर्थी/परिवादी को देय राशि पर 09 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से साधारण ब्याज देय होगी। शेष निर्णय व आदेश की पुष्टि की जाती है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 3