राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
अपील संख्या-८७९/२०१२
(जिला मंच प्रथम बरेली द्वारा परिवाद सं0-२९५/२०१० में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक २३/१२/२०११ के विरूद्ध)
एरोमैक्स डोमेस्टिक ए.डब्ल्यू.बी. कोरियर एजेंसी निकट कुमार टाकीज पीएस कोतवाली जिला बरेली द्वारा मैनेजर जे. भाटिया।
.............. अपीलार्थी।
बनाम्
चांद बाबू वयस्क पुत्र श्री बाने निवासी ३८४ चाहवाई निकट गुद्दाढबाग मंदिर थाना प्रेमनगर जिला बरेली।
............... प्रत्यर्थी।
समक्ष:-
१. मा0 श्री राज कमल गुप्ता, पीठासीन सदस्य।
२. मा0 श्री महेश चन्द, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित :- चांद बाबू स्वयं।
दिनांक : ३१/०७/२०१७
मा0 श्री महेश चन्द, सदस्य द्वारा उदघोषित
आदेश
प्रस्तुत अपील, जिला मंच प्रथम बरेली द्वारा परिवाद सं0-२९५/२०१० में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक २३/१२/२०११ के विरूद्ध योजित की गयी है।
संक्षेप में विवाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी/प्रत्यर्थी चांद बाबू ने दिनांक ०६/१२/२००८ को अपीलकर्ता/विपक्षी के माध्यम से एक कोरियर मै0 पाउचेंज एण्ड बुलकैरिज २४ मजीसा इन्क्लेव फेस ०२ नामा रोड पटियाला को भेजा और उसके लिए उसने अपीलकर्ता को रू0 ८०/-कोरियर शुल्क भी अदा किया किन्तु उक्त कोरियर प्राप्तकर्ता को प्राप्त नहीं हुआ। परिवादी ने कोरियर कम्पनी से शिकायत की किन्तु उसके द्वारा कोई ध्यान न देने पर परिवादी ने एक परिवाद जिला फोरम प्रथम बरेली के समक्ष योजित किया जिसमें कहा गया कि कोरियर में लगभग रू0 ११०००/- मूल्य का सैम्पल था। उक्त सैम्पल प्राप्तकर्ता के पास न पहुंचने के कारण सप्लाई आर्डर नहीं प्राप्त हो सका जिससे उसे रू0 ७५०००/-की क्षति हुई। इस प्रकार उसे कुल रू0 ८६०८०/-की क्षति हुई। परिवादी ने जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष रू0 ८६०८०/-की क्षतिपूर्ति तथा रू0 ४०००/-वाद व्यय दिलाए जाने हेतु परिवाद दायर किया।
विद्वान जिला मंच द्वारा विपक्षी को नोटिस जारी किए गए । विपक्षी के उपस्थित न होने के कारण विद्वान जिला मंच द्वारा एकपक्षीय रूप से परिवाद की सुनवाइ की गयी और प्रश्गनत आदेश पारित कियागया-
‘’परिवादी चांद बाबू का यह उपभोक्ता परिवाद विपक्षी एरोमैक्स डोमेस्टिक ए.डब्ल्यू.बी. कोरियर के विरूद्ध मु0 १७०००/-रू0 (सत्तरह हजार) की वसूलयाबी हेतु आंशिक रूप से एकपक्षीय रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी कोरियर कम्पनी परिवादी को उक्त धनराशि का भुगतान ३० दिन के अंदर करे, अन्यथा परिवादी उक्त धनराशि पर परिवाद दायर करने की दिनांक ०७/१२/२०१० से ०७ प्रतिशत का वार्षिक ब्याज प्राप्त करने का अधिकारी होगा।‘’
उक्त आदेश से क्षुब्ध होकर यह अपील योजित की गयी है।
अपील में मुख्य रूप से यह आधार लिया गया है कि प्रश्नगत आदेश एकपक्षीय है। परिवादी द्वारा जालसाजी करके कोरियर की रसीद पर रू0 ११००/-की कीमत के स्थान पर रू0 १११००/- बना दिया गया है और उसमें धोंखाधडी करने का प्रयास किया है। अपीलकर्ता द्वारा यह भी कहा गया है कि प्रश्गनत कोरियर कम्पनी का मुख्यालय मुंबई में है, इसलिए परिवाद दायर करने का क्षेत्राधिकार भी मुंबई उपभोक्ता फोरम को है। विद्वान जिला मंच ने इसमें हस्तक्षेप करके त्रुटि की है।
उक्त अपील का प्रत्यर्थी के द्वारा प्रतिवाद किया गया।
सुनवाई के समय अपीलकर्ता की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ किन्तु प्रत्यर्थी स्वयं उपस्थित हुआ। हमने पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का परिशीलन किया । प्रत्यर्थी को व्यक्तिगत रूप से सुना गया। अत: अपील का निस्तारण पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर किया जा रहा है।
जहां तक जिला उपभोक्ता फोरम के क्षेत्राधिकार का प्रश्न है कोरियर बरेली की स्थानीय एजेंसी के माध्यम से किया गया था । अत: मुम्बई में परिवाद दायर करने का कोई आचित्य नहीं था तथा विद्वान जिला फोरम बरेली को परिवाद में सुनवाई का क्षेत्राधिकार था।
इसके अतिरिक्त जहां तक परिवाद में एक पक्षीय आदेश का प्रश्न है विद्वान जिला फोरम ने अपीलार्थी/विपक्षी पर नोटिस लेने की इन्कारी को नोटिस की पर्याप्त तामीला माना है। अत: इसे एक पक्षीय नहीं माना जा सकता ।
पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा कोरियर की जो रसीद दाखिल की गयी है उसमें डिस्क्रिप्शन आफ गुड्स की घोषित कीमत रू0 १११००/-अंकित है। उक्त रसीद सं0-५७८४३१८४५५ है। उक्त रसीद दिनांक ०६/१२/२००८ को निर्गत की गयी है। इस रसीद पर प्रेषक का नाम चांद बाबू अंकित है और प्राप्तकर्ता का नाम पाउचेंज एण्ड बुलकैरिज २४ मजीसा इन्क्लेव फेस ०२ नामा रोड पटियाला अंकित किया गया है। उक्त रसीद की एक प्रतिलिपि जो अपीलकर्ता की ओर से दाखिल की गयी है, उस पर डिस्क्रिप्शन आफ गुड्स मात्र रू0 ११००/- घोषित मुल्य अंकित किया गया है। दोनों रसीदों का मिलान करने से यह स्पष्ट होता है कि दोनों रसीदें एक ही है और जो रसीद की छायाप्रति प्रत्यर्थी की ओर से दाखिल की गयी है उसके अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि उसमें रू0 ११००/-की कीमत के आगे एक अंक बढ़ाकर उसे बदला गया है। इससे परिवादी/प्रत्यर्थी की बदनीयती स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। जहां तक परिवाद पत्र में उसने रू0 ७५०००/-की क्षति मांगी गयी है उसका भी कोई साक्ष्य नहीं दिया गया है जिसे विद्वान जिला मंच ने भी नहीं माना है।
यदि परिवादी द्वारा प्रेषित कोरियर प्राप्तकर्ता को नहीं मिला था तो उसे कोरियर की रसीद पर छेडछाड़ करके अपीलकर्ता से अधिक धनराशि प्राप्त करने का प्रयास नहीं करना चाहिए था। यदि उसका रू0 ११००/- कीमत का कारियर नहीं पहुंचा था तो कोरियर कम्पनी रू0 ११००/- की कीमत की क्षतिपूर्ति करने के लिए उत्तरदायी होती किन्तु धोंखाधडी का प्रयास करके परिवादी/प्रत्यर्थी ने उसे वापिस प्राप्त करने का अपना वह भी अधिकार खो दिया है। अत: अपीलकर्ता की अपील में बल प्रतीत होता है। तदनुसार अपील स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। जिला मंच प्रथम बरेली द्वारा परिवाद सं0-२९५/२०१० में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक २३/१२/२०११ निरस्त किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
उभयपक्षों को इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि नियमानुसार नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाए।
(राज कमल गुप्ता) (महेश चन्द)
पीठासीन सदस्य सदस्य
सत्येन्द्र, कोर्ट-5