Ankur saxena filed a consumer case on 15 Sep 2018 against Chairman intex technology india ltd. in the Muradabad-II Consumer Court. The case no is CC/9/2018 and the judgment uploaded on 24 Sep 2018.
न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-द्वितीय, मुरादाबाद
परिवाद संख्या-09/2018
अंकुर सक्सैना पुत्र स्व. श्री महेन्द्र कुमार सक्सैना निवासी एमआईजी-44, रामगंगा विहार कालोनी फेस-2, थाना सिविल लाइन्स, जिला मुरादाबाद। …........परिवादी
बनाम
1-चेयरमैन इंटैक्स टेक्नोलॉजी(इंडिया) लि. ए-61 ओखला इंडस्ट्रीयल ऐरिया फेज-2 दिल्ली-110020
2-प्रोपराइटर राजधानी टेलीकॉम बुद्ध बाजार स्टेशन रोड अपोजिट आंध्रा बैंक मुरादाबाद।
3-इंटैक्स कंपनी सर्विस सेंटर इंचार्ज द्वारा शिव शक्ति इंटरप्राइजेज शॉप नंबर-बी 3 एवं बी 4 प्रथम तल सांई कॉम्पलेक्स बुद्ध बाजार मुरादाबाद उ.प्र.। …............विपक्षीगण
वाद दायरा तिथि: 08-02-2018 निर्णय तिथि: 15.09.2018
उपस्थिति
श्री लियाकत अली, अध्यक्ष
श्री सत्यवीर सिंह, सदस्य
(श्री लियाकत अली, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
निर्णय
यह परिवाद नया मोबाइल पाने के लिए तथा 20 हजार रूपये क्षतिपूर्ति मय 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पाने के लिए विपक्षीगण के विरूद्ध दायर किया है।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने एक मोबाइल दिनांक 30-11-2016 को अंकन-7500/-रूपये में विपक्षी-2 से खरीदा था। खरीदने के कुछ सप्ताह बाद ही मोबाइल रूक-रूक कर चलने लगा, जिसकी शिकायत परिवादी ने विपक्षी-2 से की। परिवादी ने उक्त मोबाइल दिनांक 23-11-2017 को विपक्षी-3 को ठीक करने के लिए दिया। विपक्षी-3 ने मोबाइल रख लिया और कंपनी से मोबाइल बदलकर देने की बात की लेकिन विपक्षी-3 ने परिवादी को मोबाइल वापस नहीं किया और न नया मोबाइल दिया, इस कारण परिवादी ने यह वाद दायर किया है।
विपक्षी-2 ने अपने प्रतिवाद पत्र में कथित मोबाइल परिवादी को बेचना स्वीकार किया है और शेष परिवाद पत्र से इंकार करते हुए वाद का विरोध इस आधार पर किया है कि परिवादी को विपक्षी के विरूद्ध कोई वाद कारण उत्पन्न नहीं हुआ। विपक्षी ने प्रश्नगत मोबाइल का सील बन्द डिब्बा परिवादी के सामने खोलकर परिवादी को दिया था और विक्रय के समय मोबाइल ठीक काम कर रहा था। मोबाइल ठीक करने अथवा बदलने का काम विपक्षी-1 व 3 का है। विपक्षी-2 को गलत पक्षकार मुकदमा बनाया गया है। विपक्षी-2 ने विपक्षी-1 मोबाइल निर्माता कंपनी के अधिकृत सर्विस सेंटर के बारे में परिवादी को मोबाइल विक्रय के समय बता दिया था। विपक्षी-2 के विरूद्ध वाद खारिज होने योग्य है।
विपक्षी-1 व 3 ने समन तामील होने के बावजूद कोई प्रतिवाद पत्र दाखिल नहीं किया और न वाद की पैरवी की, इस कारण दिनांक 16-4-2018 को विपक्षी-1 व 3 के विरूद्ध एकपक्षीय सुनवाई का आदेश पारित हुआ।
परिवादी ने अपने साक्ष्य में प्रश्नगत मोबाइल की रसीद की छायाप्रति, सवर्सि रिक्वेस्ट की छायाप्रति तथा अपना शपथपत्र दाखिल किया है।
विपक्षी-2 ने अपने साक्ष्य में श्री शाहनवाज वसी का शपथपत्र दाखिल किया है।
हमने पक्षकारान के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी और पत्रावली का पूर्ण रूप से अवलोकन किया।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने अपनी बहस में परिवाद पत्र को दोहराते हुए तर्क दिया कि प्रश्नगत मोबाइल विपक्षी-1 कंपनी द्वारा निर्मित है और विपक्षी-3 उसका अधिकृत सर्विस सेंटर है। मोबाइल वारंटी अवधि में दोषपूर्ण होने पर परिवादी ने दिनांक 23-11-2017 को प्रश्नगत मोबाइल विपक्षी-3 के यहां जमा किया और जॉबशीट प्राप्त की लेकिन विपक्षी-3 ने आज तक प्रश्नगत मोबाइल ठीक करके वापस नहीं किया और न ही नया मोबाइल परिवादी को दिलाया।
उपरोक्त तर्क के विरोध में अपने प्रतिवाद पत्र को दोहराते हुए विपक्षी-2 ने तर्क दिया कि विपक्षी-2 की सेवा में कोई कमी नहीं है। विपक्षी-2 के विरूद्ध परिवाद निरस्त होने योग्य है।
विपक्षी-1 व 3 ने पर्याप्त अवसर मिलने पर भी न तो अपना प्रतिवाद पत्र दाखिल किया और न ही परिवादी के साक्ष्य के विरूद्ध कोई साक्ष्य दिया, इसलिए परिवादी के साक्ष्य पर विश्वास न करने का कोई कारण नहीं है। विपक्षी-3 सर्विस सेंटर ने प्रश्नगत मोबाइल ठीक करके परिवादी को वापिस नहीं किया, इसलिए परिवादी प्रश्नगत मोबाइल चालू हालत में विपक्षी-1 व 3 से प्राप्त करने का अधिकारी है विकल्प में परिवादी नया मोबाइल अथवा उसकी कीमत विपक्षी-1 व 3 से पाने का अधिकारी है। तद्नुसार परिवाद आंशिक रूप से विपक्षी-1 व 3 के विरूद्ध एकपक्षीय स्वीकार किये जाने योग्य है।
परिवाद आंशिक रूप से विपक्षी-1 व 3 के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षी-1 व 3 को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को प्रश्नगत मोबाइल ठीक कराकर चालू हालत में एक माह के अंदर उपलब्ध करायें अन्यथा नया मोबाइल परिवादी को दें या विपक्षी-1 व 3 मोबाइल की कीमत अंकन-7500/-रूपये मय 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दौरान मुकदमा तावसूली परिवादी को अदा करने के लिए जिम्मेदार होंगे। विपक्षी-1 व 3 परिवादी को अंकन-1500/-रूपये वाद व्यय भी अदा करें।
(सत्यवीर सिंह) (लियाकत अली)
आज यह निर्णय एवं आदेश हमारे द्वारा हस्ताक्षरित तथा दिनांकित होकर खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।
(सत्यवीर सिंह) (लियाकत अली)
दिनांक: 15-09-2018
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