Rajasthan

Kota

CC/262/2010

Abdhul wahid - Complainant(s)

Versus

Chabdiya, Cycle Store , Owner - Opp.Party(s)

Rajeev Oja

26 Nov 2015

ORDER

 जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।

प्रकरण संख्या-262/10
अब्दुल वहीद पुत्र अब्दुल वहाब जाति मुसलमान निवासी मकान नं. 17, रूपनारायण माली की बाडी बल्लभबाडी, गुमानपुरा कोटा, राजस्थान।            -परिवादी।
               बनाम
प्रोपराईटर (मालिक)छाबडिया, साईकिल स्टोर हेड आॅफिस सब्जीमण्डी हिन्दु धर्मशाला के सामने, ब्रान्च आॅफिस, सूरजपोल, कोलीपाडा कोटा राजस्थान।  -विपक्षी
समक्ष   :
अध्यक्ष  :        भगवान दास         
सदस्या  :        हेमलता भार्गव 
       परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
1  श्री राजीव कुमार ओझा, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
2  श्री योगेश शर्मा,अधिवक्ता, विपक्षी की ओर से। 

    निर्णय           दिनांक 26.11.15
     
     परिवादी ने विपक्षी के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर उसका संक्षेप में यह सेवा-दोष बताया है कि उससे 19.12.09 को नकद 2,506/- रूपये अदा करके हीरो साईकिल खरीदी थी। जिसकी एक माह में सर्विस कराने के लिये वायदा किया था, लेकिन बार- बार जाने पर विपक्षी ने सर्विस नहीं की, अन्त में इंकार कर दिया। जिससे परिवादी को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप भी हुआ। 
    विपक्षी के जवाब का सार है कि परिवादी ने हीरो ब्रांड की साईकिल ट्रायल लेकर संतुष्ट होकर खरीदी थी, इसकी सर्विस की कोई वांरटी नही दी गई थी। निर्माता कंपनी को पक्षकार नहीं बनाया है। परिवाद झूंठा पेश किया है। उसका कोई सेवादोष नहीं है। 
    परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा साईकिल खरीद बिल,विपक्षी को प्रेषित नोटिस, पोस्टल रसीद,आदि दस्तावेजात की प्रति पेश की है। 
    विपक्षी ने  साक्ष्य में  प्रो. लक्ष्मणदास छाबडिया का शपथ पेश किया है। 
    हमने दोनो पक्षों की बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया । 

    परिवादी की ओर से प्रस्तुत साईकिल खरीद बिल में उसकी सर्विस करने का कोई उल्लेख नहीं है। अर्थात् परिवादी ने साईकिल की सर्विस करने का वायदा करने का कोई प्रमाण पेश नहीं किया है। परिवादी ने परिवाद में यह अंकित ही नहीं किया है कि साईकिल में क्या खराबी आ गई थी, अर्थात् उसके उपयोग करने में कोई परेशानी आई हो, ऐसा कोई केस नहीं है। इस प्रकार हम पाते है कि परिवादी ने विपक्षी का कोई सेवादोष सिद्ध नहीं किया है। 

    अतः परिवाद खारिज किये जाने योग्य है। 

                     आदेश 

     परिवादी का परिवाद विपक्र्षी के खिलाफ खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे। 

(हेमलता भार्गव)                                   ( भगवान दास)  
  सदस्या                                            अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद                         जिला उपभोक्ता विवाद 
प्रतितोष  मंच, कोटा।                          प्रतितोष मंच, कोटा।

    निर्णय  आज दिनंाक 26.11.15 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया। 
                                     
  सदस्या                                           अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद                         जिला उपभोक्ता विवाद 
प्रतितोष  मंच, कोटा।                          प्रतितोष मंच, कोटा।

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