Chhattisgarh

Bilaspur

CC/14/1

SANDESH STD. - Complainant(s)

Versus

CG. ELECTRICITY BOARD BILASPUR - Opp.Party(s)

SHRI RAJENDRA KUMAR

16 Mar 2015

ORDER

District Consumer Dispute Redressal Forum
Bilaspur (C.G.)
Judgement
 
Complaint Case No. CC/14/1
 
1. SANDESH STD.
CHANDRIKA COMPLEX SATYAM CHOWK BILASPUR
BILASPUR
CHHATTISGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. CG. ELECTRICITY BOARD BILASPUR
GOAL BAZAR JON BILASPUR
BILASPUR
CHHATTISGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK PRESIDENT
 HON'BLE MR. PRAMOD KUMAR VARMA MEMBER
 
For the Complainant:
SHRI RAJENDRA KUMAR
 
For the Opp. Party:
SMT V SHRADHA RAV
 
ORDER

 

/जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोषण फोरम, बिलासपुर छ.ग./

                                                                                        प्रकरण क्रमांक :- CC/2014/01

                                                                                        प्रस्‍तुति दिनांक :- 02/01/2014

 

संदेशा एसटीडी, पीसीओ चं‍द्रिका काम्‍प्‍लेक्‍स

सत्‍यम चौक बिलासपुर

द्वारा- प्रोप्रायटर नासीर अहमद खान वल्‍द सिराज खान,

संदेशा एसटीडी, पीसीओ चं‍द्रिका काम्‍प्‍लेक्‍स

सत्‍यम चौक बिलासपुर

थाना सिविल लाईन जिला बिलासपुर छ.ग.                ..........आवेदक/परिवादी

 

                 (विरूद्ध)

 

1.  छत्‍तीसगढ राज्‍य विघुत वितरण कंपनी मर्यादित बिलासपुर

द्वारा-सहायक यंत्री छत्‍तीसगढ राज्‍य विघुत वितरण कंपनी

मर्यादित गोलबाजार जोन बिलासपुर (छ.ग.).         ............अनावेदक/विरोधी पक्षकार

 

                      ///आदेश///

               (आज दिनांक 16.03.2015 को पारित)

 1 . आवेदक ने उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदक विघुत मंडल के विरूद्ध सेवा में कमी के आधार पर पेश किया है और अनावेदक विघुत मंडल से विघुत बिल के रूप में वसूल की गई राशि 14000/-रू. को दिलाए जाने के साथ अनुमानित विघुत देयक 40644/-रू. की अदायगी से उन्‍मुक्ति प्रदान करने तथा मीटर के डिफेक्टिव होने पर उसे सुधार का आदेश देने एवं परिवाद के लंबनावस्‍था में कनेक्‍शन विच्‍छेद को रोकने का आदेश दे कर क्षतिपूर्ति के रूप में 50000/'-रू. की राशि दिलाए जाने का निवेदन किया है ।  

2. परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक सत्‍यम चौक बिलासपुर बद्री सिंह ठाकुर की दुकान को किराए में लेकर वहॉं अनावेदक से विघुत कनेक्‍शन प्राप्‍त कर लगातार कई वर्षों से व्‍यवसाय कर रहा है । मई 2009 के पश्‍चात अनावेदक की ओर से उसके परिसर में लगे विघुत मीटर को डिफेक्टिव होना बताकर मनमाना राशि वसूल किया जाने लगा, किंतु मीटर को सुधार कर अथवा उसे बदलने की दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया और इस प्रकार सेवा में कमी की गई तथा बिना पूर्व सूचना दिए उसका विघुत कनेक्‍शन को विच्‍छेदित कर दिया गया एवं आपत्ति करने पर कोई ध्‍यान नहीं दिया गया । फलस्‍वरूप यह परिवाद पेश कर अनावेदक विघुत मंडल से वांछित अनुतोष दिलाए जाने का निवेदन किया गया है ।

3. अनावेदक विघुत मंडल की ओर से जवाब पेश कर परिवाद का विरोध इस आधार पर किया गया कि आवेदक द्वारा कभी भी उसके परिसर की मीटर खराब होने के संबंध में कोई शिकायत नहीं की गई । आगे कहा गया है कि  आवेदक द्वारा दिनप्रतिदिन  लगातार विघुत उर्जा का उपयोग किया जा रहा था और उसके संबंध में बिल के भुगतान से बचने के लिए यह परिवाद मिथ्‍या आधारों पर पेश कर दिया गया है, जो स्‍वीकार किए जाने योग्‍य नहीं । अत: परिवाद निरस्‍त किए जाने का निवेदन किया गया है ।

4. उभय पक्ष अधिवक्‍ता का तर्क सुन लिया गया है । प्रकरण का अवलोकन किया गया।

5. देखना यह है कि क्‍या अनावेदक द्वारा आवेदक के साथ सेवा में कमी की गई ।

                         सकारण निष्‍कर्ष

6. आवेदक का परिवाद मुख्‍य रूप से यह है कि वह विगत कई वर्षों से अनावेदक विघुत मंडल से विघुत कनेक्‍शन प्राप्‍त कर बद्री सिंह ठाकुर के परिसर में व्‍यवसाय करते चला आ रहा है किंतु मई 2009 के पश्‍चात से अनावेदक विघुत मंडल द्वारा विघुत प्रवाह की समुचित गणना न करते हुए सेवा की मात्रा से अधिक विघुत देयक जा‍री कर अवैधा‍निक तरीके से मनमाना राशि वसूल की जाने लगी तथा इस संबंध में मीटर को सुधार करने अथवा उसे बदलने के संबंध में कोई ध्‍यान नहीं दिया गया बल्कि उसका विघुत कनेक्‍शन विच्‍छेदित कर दिया गया तथा शिकायत किए जाने पर सही रीडिंग करा कर विघुत देयक भी जारी नहीं किया गया और इस प्रकार सेवा में कमी की गई । अत: उसने यह परिवाद पेश करना बताया है ।

7. इस प्रकार आवेदक का परिवाद मुख्‍य रूप से यह है कि अनावेदक विघुत मंडल द्वारा सही रीडिंग लेकर विघुत देयक जारी करने के बजाए मनमाने ढंग से मीटर को डिफेक्टिव बताकर राशि वसूल की गई किंतु आवेदक अपने कथन के समर्थन में मीटर की वस्‍तु स्थिति के संबंध में कोई कथन परिवाद में नहीं किया है और न ही इस संबंध में ऐसा कोई पत्र संलग्‍न किया है जिससे कि दर्शित हो कि उसके द्वारा मीटर खराबी की सूचना अनावेदक विघुत मंडल को दी गई थी बल्कि इस संबंध में उसके द्वारा परिवाद के समर्थन में प्रस्‍तुत पत्र  दिनांक 13.05.2013 एवं दिनांक 22.11.2013 के अवलोकन से यही स्‍पष्‍ट होता है कि परिसर के अंदर मीटर उंचाई पर होने के कारण उसकी सही रीडिंग नहीं हो पाया । उक्‍त पत्र में भी आवेदक की ओर से बिल की गणना के संबंध में त्रुटि सुधार करने का तो निवेदन किया गया है, किंतु मीटर बदलने के संबंध में कुछ भी उल्‍लेख नहीं किया गया है जो इस बात को जाहिर करता है कि वास्‍तव में प्रकरण मीटर के उंचाई पर लगे होने के कारण सही रीडिंग नहीं हो पाने का है जबकि इस संबध में आवेदक का ही दायित्‍व बनता है कि वह सही रीडिंग के लिए मीटर को परिसर के निश्चित उंचाई पर रखे ताकि उसका सही रीडिंग लिया जा सके किंतु इस संबंध में आवेदक अपने प्रयास का कोई जिक्र नहीं किया है । इस प्रकार वास्‍तव में यह  मामला अनावेदक विघुत मंडल की सेवा में कमी का नहीं बल्कि स्‍वयं आवेदक की लापरवाही का है। फलस्‍वरूप वह कोई अनुतोष प्राप्‍त करने का अधिकारी नहीं । अत: उसका परिवाद निरस्‍त किया जाता है ।

8. प्रकरण की परिस्थिति में उभय पक्ष अपना-अपना वाद-व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे ।

आदेश पारित

 

                            (अशोक कुमार पाठक)                                                 ( प्रमोद वर्मा)

                                  अध्‍यक्ष                                                                    सदस्‍य

 

 

 

 

   

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PRAMOD KUMAR VARMA]
MEMBER

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