C.S.Dang filed a consumer case on 16 Apr 2015 against Central Rail Manager in the Kota Consumer Court. The case no is CC/323/2006 and the judgment uploaded on 21 Apr 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )
पीठासीनः- अध्यक्ष, श्री नंदलाल शर्मा, मेम्बर श्री महावीर तंवर
परिवाद संख्या:- 323/06
01. सी एस डंग पुत्र हरदोत सिंह जाति सिख उम्र 56 साल
02. श्रीमती जगतार कौर पत्नी सी एस डंग
03. कु0 स्म्रिता पुत्री श्री जगमोहन सिंह उम्र 21 साल निवासी 375 बी तलमंडी, कोटा। परिवादीगण
बनाम
01. मण्डल रेलवे प्रबंधक (वाणिज्य) पश्चित मध्य रेल्वे कोटा जं0।
02. मुख्य वाणिज्य प्रबंधक धन वापसी (कोपिन अनुभाग) इंदिरा मार्केट जबलपुर । अप्रार्थीगण
प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति:-
01. श्री सुरेश माथुर, अधिवक्ता, परिवादीगण की ओर से।
02. श्री अनिल शर्मा, अधिवक्ता, अप्रार्थीगण की ओर से।
निर्णय दिनांक 16.04.2015
परिवादीगण का यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड, केम्प कोटा को प्राप्त हुआ जिसमें अंकित किया कि उन्होने दिनांक 29.11.05 को अम्बाला से कोटा जाने के लिये स्वराज एक्सप्रेस गाडी सं. 2472 में तीन टिकिट 2268/- रूपये अदा कर खरीदे जिनकी टिकिट सं. 19402690, पी एन आर नं. 241-9549142 था। टिकिट के स्टेटस का पता किया तो टिकिट कन्फर्म नहीं हुआ, टिकिट रद्द करा, रिफंड लेना चाहा। टिकिट पर रिफंड प्राप्ति हेतु नोट डलवाया। दिनांक 02.12.05 को उक्त टिकिट, टी डी आर रिफंड की समस्त औपचारिकताए अप्रार्थीगण के कार्यालय में दे दिये। परिवादीगण ने रिफंड प्राप्त नहीं होने पर दिनांक14.12.05, 22.03.06, 20.04.06, 05.05.06, 30.05.06 को स्मरण पत्र दिये किन्तु रिफंड प्राप्त नहीं हुआ । परिवादीगण ने अप्रार्थी सं. 2 के पत्र दिनांक 05.05.06 को मूल टी डी आर अप्रार्थी सं. 1 के कार्यालय में दिया, परन्तु अप्रार्थीगण ने परिवादीगण को रिफंड नहीं दिया। अप्रार्थीगण ने परिवादीगण को रिफंड का भुगतान न कर उनकी सेवा में कमी की है, इसलिये परिवादीगण को अप्रार्थीगण रिफंड की राशि, मानसिक संताप, परिवाद खर्च दिलवाया जावे।
अप्रार्थीगण ने परिवादीगण के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब पेश किया उसमें अंकित किया कि परिवादीगण के परिवाद को इस मंच के सुनवाई का क्षैत्राधिकार नही है। परिवादी ने टिकिट अम्बाला केन्ट से कोटा की यात्रा का प्राप्त किया है । परिवादी ने भारत संघ को पक्षकार नहीं बनाया है। परिवादीगण को यात्रा नहीं करने की संबंधित गाडी के डिपारचर होने के बाद रिफंड नियमों के अनुसार वेटलिस्ट टिकिट का रिफण्ड संबंधित गाडी का चार्ट तैयार करने से पूर्व किसी भी कम्प्यूटरीकृत आरक्षण कार्यालय से आवश्यक क्लर्ककेज काटने के बाद नकद राशि प्राप्त की जा सकती है चार्ट बनने के बाद केवल बोर्डिग स्टेशन से ही टिकिट रद्दीकरण करा कर नकद राशि प्राप्त कर लेना चाहिये था, परन्तु परिवादीगण ने ऐसा कोई प्रयास नहीं किया, रेल्वे रिफंड की, परिवादीगण से अप्रार्थीगण के तर्को की पुष्टि होती है। इसके अलावा अप्राथीगण नेे परिवादीगण कोे दिनांक 02.02.06 को पत्र प्रेषित किया और उसमें अंकित किया कि आपने टी डी आर पेश नहीं किया है तथा आवेदन पत्र 90 दिन में पेश करना था जो नहीं किया, इन पत्रों में अंकित 4 दस्तावेजो को भी पेश करने के नोटिस दिये लेकिन परिवादीगण ने यह दस्तावेजात पेश नहीं किये, स्मरण पत्रों के बाद भी जब वांछित दस्तावेजात पेश नहीं किये तो अप्रार्थीगण क्लेम का निस्तारण करने में भी असमर्थ है। यद्यपि परिवादीगण सेे दिनांक 05.05.06 को अप्रार्थीगण द्वारा मूल टी डी आर भेजने का निवेदन किया, परन्तु परिवादीगण ने नही भेजा, इस प्रकार अप्रार्थीगण ने परिवादीगण की सेवा में कोई कमी नहीं की हैं। परिवादीगण का परिवाद मय हर्जा खर्चा खारिज किया जावे।
उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-
01. क्या परिवादीगण अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है ?
परिवादीगण का परिवाद, शपथ-पत्र, टिकिट्स की फोटो कापी एवं अप्रार्थीगण के जवाब से परिवादीगण अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है।
02. क्या अप्रार्थीगण ने सेवा दोष किया है ?
उभय पक्षों को सुना गया। पत्रावली का अवलोकन किया तो स्पष्ट हुआ कि परिवादीगण ने दिनांक 29.11.05 को अम्बाला से कोटा की यात्रा के लिये टिकिट लिया कन्फर्म नहीं होने की वजह से यात्रा रद्द करनी पडी, परिवादीगण ने रिफंड का फार्म भरा, लेकिन जब रिफंड नहीं मिला तो विधिक नोटिस दिया और इस मंच में परिवादीगण द्वारा परिवाद पेश किया गया । परिवादीगण के तर्को में उनके द्वारा यात्रा नहीं करना और रिफंड कार्यवाही करना तो अप्रार्थीगण स्वीकार करते है। परन्तु आगे तर्क प्रस्तुत करते है कि परिवादीगण का परिवाद पेश करने में और मंच को इस परिवाद का सुनवाई का क्षैत्राधिकार नहीं होने तथा भारत संघ को पक्षकार नही बनाने में आपत्ति है। इसके अलावा मुख्य तर्क यह है कि परिवादीगण को यात्रा नहीं करने की संबंधित गाडी के डिपारचर होने के बाद रिफंड नियमों के अनुसार वेटलिस्ट टिकिट का रिफण्ड संबंधित गाडी का चार्ट तैयार करने से पूर्व किसी भी कम्प्यूटरीकृत आरक्षण कार्यालय से आवश्यक क्लर्ककेज काटने के बाद नकद राशि प्राप्त की जा सकती है चार्ट बनने के बाद केवल बोर्डिग स्टेशन से ही टिकिट रद्दीकरण करा कर नकद राशि प्राप्त कर लेना चाहिये था, परन्तु परिवादीगण ने ऐसा कोई प्रयास नहीं किया, रेल्वे रिफंड की, परिवादीगण से अप्रार्थीगण के तर्को की पुष्टि होती है। इसके अलावा अप्राथीगण नेे परिवादीगण कोे दिनांक 02.02.06 को पत्र प्रेषित किया और उसमें अंकित किया कि आपने मूल टी डी आर पेश नहीं किया है तथा आवेदन पत्र 90 दिन में पेश करना था जो नहीं किया, इन पत्रों में अंकित 4 दस्तावेजो को भी पेश करने के नोटिस दिये लेकिन परिवादीगण ने यह दस्तावेजात पेश नहीं किये, स्मरण पत्रों के बाद भी जब वांछित दस्तावेजात पेश नहीं किये तो अप्रार्थीगण क्लेम का निस्तारण करने में भी असमर्थ है। यद्यपि परिवादीगण सेे दिनांक 05.05.06 को अप्रार्थीगण द्वारा मूल टी डी आर भेजने का निवेदन किया, परन्तु ऐसा कोई प्रमाण-पत्र पत्रावली पर नही है। जहाॅ तक क्षैत्राधिकार का प्रश्न है परिवादी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत न्यायिक दृष्टान्त प ख्2000, ब्च्श्र 59 से प्रकाश प्राप्त होता है। फलतः अप्रार्थीगण का कोई सेवा दोष प्रमाणित नहीं पाया जाता है।
03. अनुतोष ?
परिवादीगण का परिवाद विपक्षीगण के खिलाफ खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादीगण का परिवाद विपक्षीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वय वहन करेगे।
(महावीर तंवर) (नंदलाल शर्मा)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
निर्णय आज दिनांक 16.04.2015 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
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