Rajasthan

Kota

CC/252/2008

Meera saraf - Complainant(s)

Versus

Central Manager, The New India Insurance Company Ltd. - Opp.Party(s)

H.K.Vijay

12 Jun 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )

पीठासीनः- 

01.    नंदलाल शर्मा    ः    अध्यक्ष  
02.    महावीर तंवर    ः    सदस्य

परिवाद संख्या:-252/08

श्रीमती मीरा सर्राफ पत्नी शिव कु    मार सर्राफ जाति सर्राफ उम्र 40 साल निवासी आर्शिवाद गु्ड्स टान्सपोर्ट  कंपनी, शिवपुरी रोड, श्योपुर, (मध्य प्रदेश )         परिवादिया

                    बनाम
दि न्यू इंडिया एश्योोन्स कंपनी लिमिटेड जरिये मण्डल प्रबंधक, झालावाड रोड, कोटा, राजस्थान।                                   अप्रार्थी

    प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986

उपस्थिति:-

01.    श्री रधुवीर गौड, अधिवक्ता, परिवादिया की ओर से। 
02.    श्री आर सी कुल्मी, अधिवक्ता, अप्रार्थी की ओर से। 

            निर्णय             दिनांक 12.06.2015

    परिवादिया का यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड, केम्प कोटा को प्राप्त हुआ, जिसमें अंकित किया कि उसने अपने वाहन संख्या एम पी 31 एच 0557 का बीमा फस्र्ट पार्टी दिनांक 11.02.05 को दिनांक 15.02.05 से दिनांक 14.02.06 तक की अवधि के लिये करवाया था, इससे पूर्व का बीमा भी इसी अप्रार्थी से करवाया था। परिवादी का उक्त वाहन दिनांक 26.12.05 को श्योपुर से बडोदा जाते समय पलट जाने के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसकी सूचना, थाना श्योपुर व अप्रार्थी को अविलम्ब दे दी। अप्रार्थी ने सर्वेयर नियुक्त कर, दुर्घटनाग्रस्त वाहन का सर्वे कर अपनी रिर्पोट अप्रार्थी को दे दी। परिवादी ने बीमा क्लेम, अप्रार्थी को दे दिया। अप्रार्थी ने परिवादी से अपने पत्र द्वारा इससे पहले वर्ष का बीमा कंपनी से नो क्लेम सर्टिफिकेट की मांग की। अप्रार्थी ने उक्त पत्र में परिवादी के वाहन गलत नम्बर 547 अंकित किया। परिवादी ने इससे पहले साल का बीमा भी अप्रार्थी से ही करवाया था। अप्रार्थी स्वयं के कार्यालय में स्वयं ही नो क्लेम बोनस सर्टिफिकेट स्वयं प्राप्त कर सकता था। नो क्लेम सर्टिफिकेट प्राप्त करने की बीमा कंपनी की अपने अंदर की प्रक्रिया है। नो क्लेम सर्टिफिकेट को पेश करने की जिम्मेदारी परिवादी की नहीं है यह जिम्मेदारी अप्रार्थी की है। अप्रार्थी ने दिनांक 28.09.06 को इंर्शाेड नोट रिस्पोंडिंग टू अवर कम्यूनिकेशन का नोट लगा कर परिवादिया का बीमा क्लेम निरस्त कर दिया । अप्रार्थी ने परिवादिया का बीमा क्लेम मनमाने ढंग से निरस्त कर परिवादिया की सेवा में कमी की है। परिवादिया को अप्रार्थी से बीमा क्लेम की राशि मय ब्याज, मानसिक संताप की राशि, परिवाद खर्च दिलवाया जावे।    
    
    अप्रार्थी ने परिवादिया के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब पेश किया उसमें अंकित किया है कि उसने परिवादिया के बीमा क्लेम को निरस्त नहीं किया बल्कि परिवादिया को यह लिखा गया है कि परिवादिया अभी भी अप्रार्थी कंपनी की ओर से क्लेम निस्तारण हेतु चाही गयी औचारिकताऐ पूर्ण कर देती है तो अप्रार्थी कंपनी परिवादिया के क्लेम को पाॅलिसी की शर्तो व अंतिम सर्वेयर की सर्वे रिपोर्ट के मुातबिक निस्तारित करने को  तत्पर एवं तैयार है। अप्रार्थी द्वारा पत्र में वाहन के नम्बर गलत होना मानवीय भूल है। परिवादिया बीमा क्लेम की राशि बढा चढा कर बता रही है। परिवादिया द्वारा क्लेम व सेटलमेन्ट हेतु वांछित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण, परिवादिया की क्लेम फाईल को बंद किया है। अप्रार्थी के सर्वेयर ने अपनी रिपोर्ट में दुर्घटनाग्रस्त वाहन की मरम्मत का खर्च 52,827/- रूपये माना है। परिवादिया ने परिवाद गलत तथ्यों का पेश किया है जो सव्यय खारिज किया जावे।  

    उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-

01.    आया परिवादिया अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है ?

    परिवादिया के परिवाद, शपथ-पत्र, बीमा पालिसी की फोटो कापी से परिवाद, अप्रार्थी की उपभोक्ता है। 
02.    आया अप्रार्थीगण ने सेवा दोष किया है ?

    उभय पक्षों को सुना गया। पत्रावली में उपलब्ध दस्तावेजी रेकार्ड का अवलोकन किया गया तो स्पष्ट हुआ कि  अप्रार्थी ने जो परिवादिया से दस्तावेज चाहे थे, वे परिवादिया ने अप्रार्थी को उपलब्ध नहीं करवाने के कारण, उसका बीमा क्लेम अप्रार्थी ने नो क्लेम किया है न कि निरस्त किया । अप्रार्थी के उक्त कथन की पुष्टि अप्रार्थी के जवाब व उसके शपथ-पत्र से होती है। परिवादिया स्वयं अपने परिवाद व शपथ-पत्र में कथन करती है कि अप्रार्थी द्वारा मांगा गया नो क्लेम बोनस का प्रमाण-पत्र मंगवाने की बीमा कंपनी की अंतरिक प्रक्रिया है और यह जिम्मेदारी अप्रार्थी स्वयं की है, परिवादिया की नहीं है। उपरोक्त विवेचन व विश्लेषण से हमारे विनम्र मत में परिवादिया, अप्रार्थी का कोई सेवा दोष प्रमाणित नहीं कर पाई है। 

03.    अनुतोष ?

    परिवादिया का परिवाद अप्रार्थी के खिलाफ खारिज किये जाने योग्य है। 
 
                     

                आदेश 

     परिवादिया मीरा सर्राफ का परिवाद अप्रार्थी के खिलाफ खारिज किया जाता है। परिवादिया को यह निर्देश दिये जाते है कि वह निर्णय के दिनांक से 30 दिन के अंदर अप्रार्थी द्वारा वांछित दस्तावेजात अप्रार्थी  को उपलब्ध करवाये तथा अप्रार्थी उक्त दस्तावेजात प्राप्त करने के तीन माह के अंदर परिवादिया के बीमा क्लेम पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर, बीमा क्लेम का निस्तारण करे। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे। 


     (महावीर तंवर)                (नंदलाल शर्मा)
        सदस्य                       अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा           मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

    निर्णय आज दिनांक 12.06.2015 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।

   सदस्य                              अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा            मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

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