राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0 लखनऊ
अपील संख्या 250 सन् 2003
सुरक्षित
(जिला उपभोक्ता फोरम, मैनपुरी के द्वारा परिवाद केस संख्या- 193/2001 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक- 17-05-2002 के विरूद्ध)
योगेन्द्र सिंह पुत्र श्री सूबेदार सिंह निवासी ग्राम-रूपपुर, पो0आ0 कांकन तहसील व जिला मैनपुरी।
...अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
- शाखा प्रबन्धक, सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया, शाखा मैनपुरी द्वारा शाखा प्रबन्धक।
- शाखा प्रबन्धक, पंजाब नेशनल बैंक पहासू जिला बुलन्दशहर द्वारा शाखा प्रबन्धक शाखा पहासू।
....प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
समक्ष:-
1-मा0 श्री आर0सी0 चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2-मा0 संजय कुमार, सदस्य।
अधिवक्ता अपीलार्थी : श्री सुशील कुमार शर्मा, विद्वान अधिवक्ता।
अधिवक्ता प्रत्यर्थी : कोई नहीं।
दिनांक 06-02-2015
मा0 श्री आर0सी0 चौधरी, पीठासीन सदस्य, द्वारा उदघोषित।
निर्णय
मौजूदा अपील जिला उपभोक्ता फोरम मैनपुरी के द्वारा परिवाद केस संख्या- 193/2001 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक- 17-05-2002 के विरूद्ध प्रस्तुत किया गया है। उपरोक्त निर्णय में यह आदेश किया गया है कि विपक्षी सं0-1 को आदेशित किया जाता है कि वह खोये गये चेक मु0 24,000-00 रूपये के भुगतान न होने के फलस्वरूप चेक जमा किये जाने के दिनांक से परिवाद के निस्तारण की दिनांक तक 09 प्रतिशत सालाना की दर से परिवादी को भुगतान करें और साथ ही विपक्षी सं0-1 परिवादी को बतौर वाद व्यय के रूप में 500-00 रूपये भी एक माह के अन्दर अदा किया जावे अन्यथा इस धनराशि पर भी 09 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज देय होगा।
संक्षेप में केस के तथ्य इस प्रकार से है कि परिवादी ने चेक संख्या-088256दिनांक 10-12-2000 बावत रूपया 24,000-00 विपक्षी सं0-1 के यहॉ उक्त चेक के भुगतान के बावत जमा किया था, जिसका भुगतान परिवादी के खाता संख्या-25749
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में होना था। जब परिवादी ने जनवरी 2001 को अन्तिम महीनें में विपक्षीसं0-1 के यहॉ उक्त चेक के भुगतान के बावत पता किया तो पता चला कि भुगतान उक्त चेक का नहीं हुआ है। अत: वह फिर से भुगतान के बावत पता करने पहुंचा तो यही बताया गया कि अभी चेक का भुगतान नहीं हुआ है। तब उसने दिनांक 06-06-2001 व दिनांक 02*07-2001 को लिखित रूप से विपक्षी को अवगत कराया कि उसके चेक के प्रतिफल में कोई धनराशि संग्रह करके जमा नहीं की गई है। जिस पर परिवादी ने विपक्षी सं0-2 पंजाब नेशनल बैंक पहासु जिला बुलन्दशहर के शाखा प्रबन्धक से चेक के बावत पूछा तो पता चला कि वहॉ उक्त चेक भुगतान हेतु पहुंचा ही नहीं है। जब परिवादी को उक्त चेक की धनराशि प्राप्त नहीं हुई तो उसने परिवाद प्रस्तुत किया है।
विपक्षी के तरफ से प्रतिवाद पत्र दाखिल किया गया है, जिसमें यह स्वीकार किया गया है कि उक्त चेक भुगतान हेतु परिवादी द्वारा जमा किया गया था और उस चेक को ग्रान्ड वेज कोरियर सर्विस प्रा0 लि0 के माध्यम से पंजाब नेशनल बैंक पहासु जिला बुलन्दशहर शाखा को भेज दिया गया था। उस चेक के बावत पंजाब नेशनल बैंक पहासु को विपक्षी सं0-1 के द्वारा पत्र लिखा गया, लेकिन कोई उत्तर नहीं दिया गया और न ही ग्रान्डवेज कोरियर सर्विस ने पूछे जाने पर कोई उत्तर दिया। इस मामले में सारी गलती ग्रान्डवेज कोरियर सर्विस की है। उसके द्वारा कोई सेवा में कमी नहीं की गई है।
इस सम्बन्ध में जिला उपभोक्ता फोरम के निर्णय/आदेश दिनांकित 17-05-2002 अवलोकन किया गया, अपील के आधार का अवलोकन किया गया तथा अपीलकर्ता के विद्वान अधिवक्ता श्री सुशील कुमार शर्मा की मौखिक बहस को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
मौजूदा अपील अपीलार्थी के द्वारा प्रतिकर राशि को बढ़ाये जाने के लिए दिया गया है और यह कहा गया है कि 09 प्रतिशत का ब्याज लगाया गया है, उसे 18 प्रतिशत में परिवर्तित किया जाय।
केस के तथ्यों परिस्थितियों को देखते हुए और अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुनने के उपरान्त हम यह पाते है कि जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा जो दिनाक
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17-05-2002 को पारित किया गया है, वह विधि सम्मत है। अपीलकर्ता की अपील खारिज होने योग्य है।
आदेश
अपीलकर्ता की अपील खारिज की जाती है तथा जिला उपभोक्ता फोरम मैनपुरी के परिवाद केस संख्या-193/2001 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक- 17-05-2002 की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना अपील व्यय स्वयं वहन करेगें।
( आर0सी0 चौधरी ) ( संजय कुमार )
पीठासीन सदस्य सदस्य
आर0सी0वर्मा आशु0-ग्रेड-2
कोर्ट नं. 5