Uttar Pradesh

StateCommission

R/2000/106

Sunil Kumar - Complainant(s)

Versus

Central Bank Of India - Opp.Party(s)

A K Pandey

02 Jun 2015

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. R/2000/106
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District Kushinagar)
 
1. Sunil Kumar
Kushinagar
...........Appellant(s)
Versus
1. Central Bank Of India
Kushinagar
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Chandra Bhal Srivastava PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

मौखिक

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ

 

 

रिवीजन संख्‍या  106 सन 2000

सुनील कुमार पुत्र नरेश कुमार सा0 तुलसीपुर, वार्ड नं0-7, कसया, पो0 कसया, जिला कुशीनगर व अन्‍य                 ...........पुनरीक्षणकर्ता

बनाम

       

शाखा प्रबन्‍धक सेन्‍ट्रल बैंक आफ इण्डिया, शाखा कसया पो0 कसया, जिला कुशीननगर                                 . .............विपक्षी

 

समक्ष:-

1    मा0   श्री चन्‍द्र भाल श्रीवास्‍तव,  पीठासीन  सदस्‍य।

2    मा0   श्री संजय कुमार , सदस्‍य।

 

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  -  श्री ए0के0 पाण्‍डेय ।

विपक्षी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  -       श्री बी0एल0 जायसवाल ।

 

दिनांक:   25.8.2015

    

श्री चन्‍द्रभाल श्रीवास्‍तव, सदस्‍य (न्‍यायिक) द्वारा उदघोषित ।

निर्णय

      यह पुनरीक्षण, जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, कुशीनगर द्वारा प्रर्कीण वाद संख्‍या 22/2000 में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 10.8.2000 के विरूद्ध प्रस्‍तुत किया गया है, जिसके द्वारा जिला फोरम ने रिब्‍यू याचना को स्‍वीकार करते हुए परिवाद संख्‍या 117/98 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 23.11.98 को खण्डित करते हुए परिवाद भी अपास्‍त कर दिया है।

हमने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍ता की बहस सुन ली है एवं अभिलेख का अनुशीलन कर लिया है।

अभिलेख के अनुशीलन से स्‍पष्‍ट है कि परिवाद संख्‍या 117/98 का निर्णय उभय पक्षों की बहस के उपरांत गुण-दोष के आधार पर किया गया था । गुण-दोष के आधार पर पारित निर्णय को रिकाल करने का क्षेत्राधिकार जिला फोरम में अन्‍तर-निहित नहीं है, ऐसी स्थिति में जिला फोरम द्वारा पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 10.8.2000, जिसके द्वारा मूल निर्णय एवं आदेश दिनांक 23.11.98 को रिकाल करते हुए परिवाद को निरस्‍त किया गया है, प्रत्‍यक्षत: विधि-विरूद्ध है।

परिणामत:, यह पुनरीक्षण स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

आदेश

 

            प्रस्‍तुत पुनरीक्षण स्‍वीकार करते हुए जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, कुशीनगर द्वारा पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 10.8.2000 खण्डित किया जाता है।

उभय पक्ष इस पुनरीक्षण का अपना-अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

      इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार नि:शुल्‍क उपलब्‍ध करा दी जाए।

 

 

(चन्‍द्र भाल श्रीवास्‍तव)                         (संजय कुमार)

पीठा0 सदस्‍य(न्‍यायिक)                                  सदस्‍य

कोर्ट-2

 (S.K.Srivastav,PA-2)

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Chandra Bhal Srivastava]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta]
MEMBER

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