राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
अपील सं0-५६२/२०१३
(जिला मंच, बलिया द्वारा परिवाद सं0-१२३/२०१२ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक ०८-०१-२०१३ के विरूद्ध)
१. केशव तिवारी पुत्र स्व0 राम छबीला तिवारी,
२. नागेन्द्र तिवारी पत्र राम नगीना तिवारी,
समस्त निवासीगण ग्राम दुर्गीपुर, पोस्ट वेरूआखारी, जिला बलिया।
३. सुरेन्द्र सिं पुत्र स्व0 केदार सिंह निवासी बेरवा दुर्गीपुर, पोस्ट वेरूआखारी, जिला
बलिया।
..............अपीलार्थीगण/परिवादीगण।
बनाम्
१. ब्रान्च मैनेजर, सैण्ट्रल बैंक आफ इण्डिया, ब्रान्च रतसर जिला बलिया।
२. सेण्ट्रल बैंक आफ इण्डिया, ब्रान्च रतसर जिला बलिया द्वारा ब्रान्च मैनेजर।
............... प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण।
समक्ष:-
१. मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
२. मा0 श्री महेश चन्द, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित :- श्री शरद कुमार शुक्ला विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक : १३-१-१६.
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह अपील, जिला मंच, बलिया द्वारा परिवाद सं0-१२३/२०१२ केशव तिवारी व अन्य बनाम शाखा प्रबन्धक सेण्ट्रल बैंक आफ इण्डिया व अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक ०८-०१-२०१३ के विरूद्ध योजित की गयी है।
संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि अपीलार्थीगण के कथनानुसार उन्होंने कृर्षि कार्य हेतु ट्रैक्टर क्रय करने के लिए संयुक्त रूप से प्रत्यर्थी सेण्ट्रल बैंक आफ इण्डिया से ४,८६,४००/- रू० बतौर ऋण प्राप्त किया था। चूँकि प्रत्येक अपीलार्थी के पास ०५ एकड़ से कम भूमि थी, अत: प्रत्येक अपीलार्थी ने संयुक्त रूप से अपनी-अपनी भूमि के अभिलेख विपक्षी बैंक से लिए गये ऋण की सुरक्षा हेतु बन्धक रखे
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थे। मौसम प्रतिकूल होने व आर्थिक तंगी के कारण अच्छी उपज न होने पर ऋण की अदायगी नहीं हो सकी। अपीलार्थीगण का कथन है कि केन्द्रीय सरकार द्वारा जारी ऋण माफी एवं ऋण राहत योजना २००८ के अन्तर्गत २.५ एकड़ जोत तक के किसानों को सीमान्त किसान एवं एवं ०५ एकड़ जोत तक के किसानों को छोटा किसान के वर्ग में रखते हुए ऋण माफी तथा ०५ एकड़ से अधिक जोत वाले किसानों को अन्य किसानों के वर्ग में रखते हुए ऋण राहत की श्रेणी में रखा गया। अपीलार्थीगण सीमान्त किसान की श्रेणी में होने के कारण पूर्ण ऋण माफी के अधिकारी थे, किन्तु प्रत्यर्थी/विपक्षी बैंक ने उपरोक्त ऋण योजनान्तर्गत अपीलार्थीगण को ऋण माफी प्रदान नहीं की, बल्कि उक्त योजना के अन्तर्गत ७५ प्रतिशत एक मुश्त जमा करने पर २५ प्रतिशत ऋण छूट प्रदान करते हुए बकाया धनराशि ६,५५,५००/- रू० की मांग करते हुए नोटिस भेजी गयी। अपीलार्थीगण पूर्ण ऋण माफी हेतु अधिकृत हैं। अत: अपीलार्थीगण द्वारा परिवाद जिला मंच के समक्ष इस अनुतोष के साथ योजित किया गया कि उपरोक्त ऋण की बसूली रोकी जाय तथा उपरोक्त योजनान्तर्गत लाभ प्रदान करते उपरोक्त कृषि ऋण माफ किया जाय।
विद्वान जिला मंच द्वारा प्रत्यर्थीगण को नोटिस भेजे जाने के बाबजूद उनकी ओर से विद्वान जिला मंच के समक्ष कोई उपस्थित नहीं हुआ। अत: विद्वान जिला मंच ने अपीलार्थीगण द्वारा प्रस्तुत की गयी साक्ष्य के अवलोकन के उपरान्त अपीलार्थीगण को उपरोक्त योजनान्तर्गत ऋण माफी हेतु अधिकृत न मानते हुए परिवाद निरस्त कर दिया। इस निर्णय से क्षुब्ध होकर यह अपील योजित की गयी।
अपीलार्थीगण की ओर से तर्क प्रस्तुत करने हेतु हमारे समक्ष कोई उपस्थित नहीं हुआ। प्रत्यर्थी बैंक की ओर से श्री शरद कुमार शुक्ला उपस्थित हुए। उनके द्वारा लिखित तर्क भी प्रस्तुत किया गया। हमने प्रत्यर्थी बैंक की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री शरद कुमार शुल्का के तर्क विस्तार से सुने तथा पत्रावली का अवलोकन किया।
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प्रस्तुत अपील प्रश्नगत निर्णय दिनांक ०८-०१-२०१३, जिसकी सत्यप्रति अपीलार्थीगण को दिनांक ०७-०२-२०१३ को प्राप्त करायी गयी, के विरूद्ध दिनांक २०-०३-२०१३ को विलम्ब से योजित की गयी है। अपील के प्रस्तुतीकरण में हुए विलम्ब को क्षमा किए जाने हेतु प्रार्थना पत्र अपीलार्थीगण की ओर से प्रस्तुत किया गया है एवं अपीलार्थी केशव तिवारी का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। शपथ पत्र के अनुसार अपीलार्थी केशव तिवारी का यह कथन है कि इस मुकदमे की पैरवी उनके द्वारा की जा रही थी। दिनांक ०८-०१-२०१३ को आदेश पारित होने से पूर्व वे तीर्थ यात्रा पर गये थे और दिनांक ०५-०२-२०१३ को जब वापस आये तब उन्हें प्रश्नगत निर्णय की जानकारी हुई। निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि दिनांक ०७-०२-२०१३ को प्राप्त हुई। अधिवक्ता द्वारा अपील की राय दिए जाने पर अभिलेख एकत्र करके एवं धन की व्यवस्था करने के उपरान्त यह अपील योजित की गयी।
अधिववक्ता प्रत्यर्थी ने अपील के विलम्ब से प्रस्तुतीकरण के स्पष्टीकरण को सन्तोषजनक न बताते हुए अपनी आपत्ति प्रस्तुत की।
अपीलार्थीगण की ओर से प्रस्तुत शपथ पत्र में यह कहा गया है कि प्रश्नगत आदेश पारित किए जाने से पूर्व अपीलार्थी केशव तिवारी तीर्थ यात्रा पर जाने के कारण उसे प्रश्नगत निर्णय की जानकारी समय से नहीं हो सकी। प्रत्यर्थी बैंक की ओर से लिखित तर्क भी प्रस्तुत किया जा चुका है। अत: अपील का निस्तारण गुणदोष के आधार पर किया जाना न्यायसंगत होगा। अपील के प्रस्तुतीकरण में हुए विलम्ब को स्पष्ट करने हेतु प्रस्तुत स्पष्टीकरण को सन्तोषजनक मानते हुए अपील के प्रस्तुतीकरण में हुए विलम्ब को क्षमा किया जाता है।
प्रश्नगत निर्णय के अवलोकन से यह विदित होता है कि विद्वान जिल मंच ने कृषि ऋण राहत/माफी योजना २००८ के प्राविधानों का उचित परिशीलन करने के उपरान्त प्रश्नगत निर्णय पारित किया है। इस योजना के पैरा ३.५, ३.६ एवं ३.७ में सीमांत किसन ‘ छोटा किसान ‘ व ‘ अन्य किसान ‘ को परिभाषित किया गया है। इसके उपरान्त स्पष्टीकरण के पैरा २ में यह स्पष्ट किया गया है कि एक से
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अधिक व्यक्ति द्वारा लिखे गये ऋण के मामले में जिस कृषक की सबसे बड़ी भूमि होगी उसी आधार पर अन्य की जोत को मानते हुए ३.५, ३.६ एवं ३.७ पैरा के किसानों की श्रेणी वर्गीकृत की जायेगी। किन्तु स्पष्टीकरण के पैरा-३ में यह कहा गया है कि किसान जिन्होंने ‘ निवेश ऋण ‘ लिया है उनके मामले में जोत के आधार पर ध्यान दिए बिना यदि मूल ऋण ५०,०००/- रू० से अधिक नहीं है तो उन किसानों को ‘ छोटे और सीमान्त किसान ‘ की श्रेणी में तथा ५०,०००/- रू० से अधिक मूल ऋण होने पर उसे ‘ अन्य किसा ‘ के रूप में वगीकृत किया जायेगा। पैरा ३.३ के ‘ निवेश ऋण ‘ में ‘ ट्रैक्टर खरीद ‘ का ऋण भी सम्मिलित है। प्रश्नगत लिया गया मूल ऋण ४,८६,४००/-रू0 का होने के कारण प्रत्येक परिवादी का मूल ऋण ५०,०००/-रू0 से अधिक माना जाएगा । अत: विद्वान जिला मंच ने अपीलार्थीगण को ‘ अन्य किसान ‘ की श्रेणी में माना। विद्वान जिला मंच का यह निष्कर्ष त्रुटिपूर्ण प्रतीत नहीं हो रहा है। विद्वान जिलामंच द्वारा प्रश्नगत निर्णय में यह उल्लिखित किया गया है कि पैरा ०४ में ‘ पात्र राशि ‘ का राहत योजना में उल्लेख है तथा पैरा ०४.१ (ख) के अनुसार ‘ निवेश ऋण ’ के मामले में यदि ऋण ३१/१२/२००७ तक बकाया रहा तथा २९-०२-२००८ तक वापस नहीं किया गया तो वे किस्तें जो ३१/१२/२००७ तक बकाया थी वह ‘ पात्र राशि ‘ होगी तथा पैरा ६.१ में ‘ अन्य किसानों ‘ के मामले में एकमुश्त निपटान योजनालागू होगी जिसके अनुसार पात्र राशि का ७५ प्रतिशत भुगतान कर देनें पर २५ प्रतिशत पात्र राशि की छूट दी जाएगी। प्रत्यर्थी बैंक द्वारा उपरोक्त राहत प्रदान करते हुए अपीलार्थीगण से ऋण की अदायगी की मांग की गयी। ऐसी परिस्थिति में प्रत्यर्थी बैंक द्वारा सेवा में कोई त्रुटि कारित करना न मानते हुए प्रश्नगत निर्णय विद्वान जिला मंच द्वारा पारित कियागया है।
विद्वान जिलामंच द्वारा प्रश्नगत निर्णय में कोई त्रुटि नहीं है। अपील निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है। जिला मंच, बलिया द्वारा परिवाद सं0-
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१२३/२०१२ केशव तिवारी व अन्य बनाम शाखा प्रबन्धक सेण्ट्रल बैंक आफ इण्डिया व अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक ०८-०१-२०१३ की पुष्टि की जाती है।
अपीलीय व्यय-भार उभय पक्ष अपना-अपना वहन करेंगे।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
(उदय शंकर अवस्थी)
पीठासीन सदस्य
(महेश चन्द)
सदस्य
प्रमोद कुमार
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट-५.