Uttar Pradesh

StateCommission

A/2000/339

Kawlawati - Complainant(s)

Versus

Central Bank Of India - Opp.Party(s)

B K Updahyay

07 Mar 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2000/339
( Date of Filing : 03 Feb 2000 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Kawlawati
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Central Bank Of India
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 07 Mar 2022
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

                                                     

अपील सं0 :- 339/2000

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, देवरिया द्वारा परिवाद सं0- 430/1998 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22/12/1999 के विरूद्ध)

 

कवलवासी पत्‍नी स्‍व0 श्री उदय प्रताप सिंह निवासी ग्राम भालीचोर तथा इन्‍दुपुर परगना सिलहट तहसील रूद्रपुर जिला-देवरिया।

 

  1.                                                                            अपीलार्थी

 

बनाम

 

  1. सेन्‍ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया शाखा बैतालपुर पो0 बैतालपुर जनपद देवरिया द्वारा शाखा प्रबंधक।
  2. तहसीलदार रूद्रपुर, जनपद देवरिया।

 

  •                                                                                      प्रत्‍यर्थी   

समक्ष

  1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य
  2. मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य

उपस्थिति:

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:-     श्री बी0के0 उपाध्‍याय

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:-    कोई नहीं

दिनांक:-07.03.2022   

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.         जिला उपभोक्‍ता मंच, देवरिया के समक्ष प्रस्‍तुत किये गये परिवाद     सं0 430/1998 कवलवासी बनाम प्रबंधक में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 22.12.1999 के विरूद्ध प्रस्‍तुत यह अपील पस्‍तुत की गयी है। जिला    उपभोक्‍ता मंच ने यह निष्‍कर्ष दिया है कि प्रश्‍नगत विवाद उपभोक्‍ता विवाद नहीं है। संक्षिप्‍त प्रक्रिया अपनाते हुए इस विवाद का निस्‍तारण नहीं किया जा सकता।
  2.         इस निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध यह अपील इन आधारों पर प्रस्‍तुत की गयी है कि पक्षकारों के मध्‍य उपभोक्‍ता विवाद है और                      उपभोक्‍ता न्‍यायालय द्वारा निस्‍तारण किया जा सकता है।
  3.         केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता को सुना। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
  4.        परिवाद पत्र के अनुसार परिवादिनी के पति द्वारा सेन्‍ट्रल बैंक शाखा वैतालपुर से ऋण लेना बताया गया, जबकि उनके पति द्वारा कोई ऋण नहीं लिया है। बैंक का कथन है कि अंकन 7,000/- रूपये का ऋण प्राप्‍त किया गया तथा ऋण परिवादिनी के पति द्वारा प्राप्‍त किया गया, जिसका भुगतान 200/- रूपये प्रति माह कुल 36 किश्‍तों में होना था। इस ऋण खाते पर परिवादिनी के पति को अनुदान भी प्राप्‍त हुआ था। यह अनुदान राशि समायोजित कर ली गयी और बकाया ऋण की वसूली के लिए आर0सी0 जारी कर दी गयी।
  5.         बैंक द्वारा प्रदत्‍त ऋण की वसूली के लिए वसूली प्रमाण पत्र जारी करने पर किसी भी उपभोक्‍ता मंच को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्‍त नहीं है। अत: जिला उपभोक्‍ता फोरम का यह निष्‍कर्ष विधिसम्‍मत है कि पक्षकारों के मध्‍य उपभोक्‍ता विवाद नहीं है। अपील खारिज होने योग्‍य है।

 

  •  

 

अपील खारिज की जाती है।

अपील में उभय पक्ष अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

              आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें। 

 

 

       (विकास सक्‍सेना)                         (सुशील कुमार)

          सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

         संदीप, आशु0 कोर्ट नं0-3

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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