Uttar Pradesh

StateCommission

RP/102/2019

Rajpal Singh - Complainant(s)

Versus

Canara Bank - Opp.Party(s)

Anil Kumar Mishra

14 Jan 2020

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Revision Petition No. RP/102/2019
( Date of Filing : 25 Nov 2019 )
(Arisen out of Order Dated 18/11/2019 in Case No. EX/07/2014 of District Agra-I)
 
1. Rajpal Singh
S/O Late Kehari Singh R/O Village Mallupur Eatmatpur Distt. Agra U.P.
...........Appellant(s)
Versus
1. Canara Bank
Through its Branch Manager Khandauli Branch Eatmatpur Distt. Agra U.P.
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Petitioner:
For the Respondent:
Dated : 14 Jan 2020
Final Order / Judgement

मौखिक

पुनरीक्षण संख्‍या-102/2019

राजपाल सिंह बनाम कैनरा बैंक

14.01.2020

पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता श्री अनिल कुमार मिश्रा उपस्थित। विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। विपक्षी को रजिस्‍टर्ड डाक से नोटिस दिनांक 04.12.2019 को प्रेषित की गयी है, जो अदम तामील वापस नहीं आयी है। अत: विपक्षी पर नोटिस का तामीला पर्याप्‍त माना जाता है।

मैंने पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना है                  और निष्‍पादन वाद संख्‍या-07/2014 राजपाल सिंह बनाम शाखा प्रबन्‍धक, कैनरा बैंक में जिला फोरम-प्रथम, आगरा द्वारा पारित आदेश                   दिनांक 18.11.2019 का अवलोकन किया है।

निष्‍पादन वाद संख्‍या-07/2014, परिवाद संख्‍या-599/2003               श्री राजपाल सिंह बनाम शाखा प्रबंधक कैनरा बैंक शाखा खंदोली रामनगर में जिला फोरम-प्रथम, आगरा द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 09.09.2005 के निष्‍पादन हेतु पंजीकृत किया गया है और आक्षेपित आदेश दिनांक 18.11.2019 के द्वारा यह निष्‍पादन वाद पूर्ण सन्‍तुष्टि में खण्डित किया गया है।

पुनरीक्षणकर्ता, जो उपरोक्‍त निष्‍पादन वाद का डिक्रीदार/परिवादी है, के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम ने उपरोक्‍त निष्‍पादन वाद के निष्‍पादन अधीन आदेश दिनांक 09.09.2005 में यह भी आदेशित किया है कि परिवादी से लम्बित निष्‍पादन कार्यवाही तय होने तक ऋण की धनराशि की वसूली न करें।

पुनरीक्षणकर्ता/डिक्रीदार/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम के निष्‍पादन अधीन आदेश में उल्लिखित लम्बित निष्‍पादन कार्यवाही का आशय परिवाद संख्‍या-34/2001 राजपाल सिंह बनाम आर0के0 सिपानी प्रबंध निर्देशक सिपानी आटो मोबाइल्‍स लि0 व दो अन्‍य में पारित निर्णय और आदेश दिनांक 01.10.2002 के निष्‍पादन

...............................2

 

 

-2-

हेतु पंजीकृत निष्‍पादन वाद से है और अभी इस निष्‍पादन वाद की कार्यवाही लम्बित है। फिर भी निष्‍पादन वाद के निर्णीत ऋणी, जो पुनरीक्षण याचिका में विपक्षी है, ने जिला फोरम के निष्‍पादन अधीन आदेश दिनांक 09.09.2005 का उल्‍लंघन कर वसूली वारण्‍ट पुनरीक्षणकर्ता/डिक्रीदार/परिवादी के विरूद्ध जारी किया है, जिसके सम्‍बन्‍ध में जिला फोरम ने कोई आदेश पारित नहीं किया है और निष्‍पादन वाद पूर्ण सन्‍तुष्टि में निस्‍तारित कर दिया है। निष्‍पादन अधीन आदेश के अनुसार निर्णीत ऋणी/विपक्षी को पुनरीक्षणकर्ता/डिक्रीदार/परिवादी से लम्बि‍त निष्‍पादन कार्यवाही तय होने तक ऋण धनराशि की वसूली न करने के सम्‍बन्‍ध में आदेश पारित किया जाना आवश्‍यक है क्‍योंकि निर्णीत ऋणी/विपक्षी द्वारा इस आदेश का उल्‍लंघन कर वसूली की जा रही है।  

पुनरीक्षणकर्ता के उपरोक्‍त कथन पर विचार करते हुए वर्तमान पुनरीक्षण याचिका अन्तिम रूप से इस प्रकार निस्‍तारित की जाती है कि परिवाद संख्‍या-599/2003 श्री राजपाल सिंह बनाम शाखा प्रबंधक कैनरा बैंक शाखा खंदोली रामनगर में जिला फोरम-प्रथम, आगरा द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 09.09.2005 के इस भाग जिसके द्वारा परिवादी से लम्बित निष्‍पादन कार्यवाही तय होने तक ऋण धनराशि की वसूली न करने हेतु निर्देशित किया गया है के निष्‍पादन के सम्‍बन्‍ध में पुनरीक्षणकर्ता जिला फोरम के समक्ष प्रश्‍नगत निष्‍पादन वाद में आवेदन पत्र प्रस्‍तुत करे और जिला फोरम उस पर विधि के अनुसार उभय पक्ष को सुनकर आदेश पारित करे।

पुनरीक्षणकर्ता जिला फोरम के समक्ष आवेदन पत्र एक मास के अन्‍दर प्रस्‍तुत करे।

 

                      (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)           

                       अध्‍यक्ष                                  

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 

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