जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 818/2020 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-06.11.2020
परिवाद के निर्णय की तारीख:-09.11.2022
1. Shri Madhwesh Sharan Singh, aged about 59 years, S/o Late Shiv Bahadur Singh, R/o K/85-C, Ashiyana Colony, Lucknow.
2- Shefali Singh aged about 28 years, D/o Shri Madhwesh Sharan Singh, R/o K/85-C, Ashiyana Colony Lucknow.
...........Complainants.
Versus
Calcutta Regalia, 69 Hazratganj, Mahatma Gandhi Marg, Lucknow-226001, through its Proprietor.
...........Opp. Party.
परिवादी के अधिवक्ता का नाम:-श्री प्रमोद मित्रा।
विपक्षीगण के अधिवक्ता का नाम:-कोई नहीं।
आदेश द्वारा- श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
निर्णय.
1. परिवादीगण ने प्रस्तुत परिवाद धारा-35 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत विपक्षी से 1,03,000.00 रूपये भुगतान हेतु मय 18 प्रतिशत ब्याज एवं मानसिक, शारीरिक कष्ट हेतु 10,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने अपनी पुत्री की शादी के संदर्भ में दिनॉंक 03.02.2020 को विपक्षी के यहॉं से 1,75,000.00 रूपये में लंहगा आर्डर किया। दिनॉंक 08.12.2019 को 1,03,000.00 रूपये का भुगतान किया जिसका इनवाइस नम्बर 111 विपक्षी द्वारा दिया गया, तथा शेष धनराशि का भुगतान दिनॉंक 25.01.2020 को लंहगा प्राप्त करने के समय करना था। विपक्षी को यह बताया गया था कि शादी लखनऊ से बाहर होने वाली है। उनके द्वारा यह सहमति दी गयी थी कि दिनॉंक 25.01.2020 को लंहगा मिल जायेगा। दिनॉंक 25.01.2020 को लंहगे की उनसे मॉंग की गयी तो विपक्षी ने देने से इनकार कर दिया, और लंहगा नहीं दिया। फिर रेडीमेट लंहगा क्रय करना पड़ा।
3. परिवादी ने विपक्षी से अपने 1,03,000.00 रूपये की मॉंग की जो कि विपक्षी द्वारा नहीं दिया गया। परिवादी ने दिनॉंक 25.08.2020 को विपक्षी को नोटिस दिया जो दिनॉंक 26.08.2020 को उनको प्राप्त हुआ।
4. परिवाद का नोटिस विपक्षी को भेजा गया, परन्तु विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही कोई उत्तर पत्र प्रस्तुत किया गया। अत: दिनॉंक 13.10.2021 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।
5. परिवादीगण ने अपने कथानक के समर्थन में मौखिक साक्ष्य के रूप में शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में कलकत्ता रिगालिया द्वारा जारी रसीद, नोटिस की रसीद, विधिक नोटिस दाखिल की गयी है जिसमें 1,75,000.00 रूपये की रसीद एवं नोटिस दाखिल किया है।
6. मैने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।
7. परिवादी का कथानक है कि उसने अपनी पुत्री की शादी के लिये दिनॉंक 03.02.2020 को विपक्षी के यहॉं से 1,75,000.00 रूपये में लंहगा आर्डर किया, जिसके लिये परिवादी ने दिनॉंक 08.12.2019 को 1,03,000.00 रूपये जमा किया जिसका इनवाइस नम्बर 111 विपक्षी द्वारा परिवादी को दिया गया तथा शेष धनराशि परिवादी द्वारा लंहगा प्राप्त करते समय भुगतान करना था। परिवादी की पुत्री की शादी लखनऊ से बाहर होनी थी।
8. विपक्षी द्वारा परिवादी को सहमति भी दी गयी कि वह परिवादी को दिनॉंक 25.01.2020 को आर्डर किया हुआ लंहगा प्रदत्त करा देगा। परन्तु परिवादी द्वारा लंहगे की मॉंग की गयी तो विपक्षी ने लंहगा देने से मना कर दिया और लंहगा नहीं दिया। परिवादी को अपनी पुत्री की शादी हेतु बाजार से रेडीमेट लंहगा खरीदना पड़ा। विपक्षी द्वारा परिवादी से प्राप्त 1,03,000.00 रूपये की धनराशि भी वापस नहीं की गयी, जिससे परिवादी ने विपक्षी को दिनॉंक 25.08.2020 को विधिक नोटिस भेजा, और नोटिस विपक्षी को प्राप्त हुआ, परन्तु फिर भी विपक्षी ने परिवादी द्वारा भुगतान की गयी धनराशि नहीं प्रदत्त करायी गयी।
9. परिवादी द्वारा दिये गये साक्ष्य के अवलोकन से भी प्रतीत होता है कि विपक्षी ने परिवादी को भुगतान नहीं किया। विपक्षी द्वारा ऐसा कोई साक्ष्य भी नहीं दिया गया, जिससे परिवादी के कथनों पर अविश्वास किया जा सके। विपक्षी ने परिवादी द्वारा जमा धनराशि का भुगतान न करके सेवा में कमी की गयी है। अत: परिवादी का परिवाद विपक्षी के विरूद्ध स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से विपक्षी के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी द्वारा जमा की गयी धनराशि मुबलिग 1,03,000.00 (एक लाख तीन हजार रूपया मात्र) 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ परिवादी द्वारा धनराशि जमा करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक निर्णय के 45 दिन के अन्दर अदा करेंगे। यदि आदेश का अनुपालन निर्धारित अवधि में नहीं किया जाता है, तो उपरोक्त सम्पूर्ण धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतेय होगा।
परिवादी को हुए मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक कष्ट हेतु 25,000.00 (पच्चीस हजार रूपया मात्र) एवं वाद व्यय हेतु मुबलिग 10,000.00 (दस हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगें।
परिवादी को इस निर्णय की प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
अन्तरिम प्रार्थना पत्र तदनुसार निस्तारित किया जाता है।
(सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक- 09.11.2022