राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(सुरक्षित)
अपील संख्या:-303/2017
(जिला फोरम, दि्वतीय बरेली द्धारा परिवाद सं0-59/2016, परिवाद सं0-60/2016, परिवाद सं0-61/2016, परिवाद सं0-62/2016, परिवाद सं0-63/2016 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 12.01.2017 के विरूद्ध)
Mohammad Sohail S/o Shri Shaqil Ahamad, R/o Village- Mudia Jagir, Thana-Devraniya, Tehsil Baheri, District-Bareily. ........... Appellant/ Complainant
Versus
1- Chief Managing Director, Abdul Hasan S/o Abdul Raheem, Augment Real Estate India Ltd. Co. Near- Abdul P.C.O., Rampur Road, Bidhaulia Post-C.B. Ganj, District- Bareilly.
2- Managing Director, Mohan Lal S/o Ram Lal Augment Real Estate India Ltd. Co. Rampur Road Bidhaulia Post-C.B. Ganj, District- Bareilly.
…….. Respondents/ Opp. Parties
अपील संख्या:-302/2017
Raees Ahamad S/o Shri Navi Ahamad, R/o Village- Mudia Jagir, Thana-Devraniya, Tehsil Baheri, District-Bareily. ........... Appellant/ Complainant
Versus
1- Chief Managing Director, Abdul Hasan S/o Abdul Raheem, Augment Real Estate India Ltd. Co. Near- Abdul P.C.O., Rampur Road, Bidhaulia Post-C.B. Ganj, District- Bareilly.
2- Managing Director, Mohan Lal S/o Ram Lal Augment Real Estate India Ltd. Co. Rampur Road Bidhaulia Post-C.B. Ganj, District- Bareilly.
…….. Respondents/ Opp. Parties
अपील संख्या:-299/2017
Shaqil Ahamad S/o Shri Ali Ahamad, R/o Village- Mudia Jagir, Thana-Devraniya, Tehsil Baheri, District-Bareily.
........... Appellant/ Complainant
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Versus
1- Chief Managing Director, Abdul Hasan S/o Abdul Raheem, Augment Real Estate India Ltd. Co. Near- Abdul P.C.O., Rampur Road, Bidhaulia Post-C.B. Ganj, District- Bareilly.
2- Managing Director, Mohan Lal S/o Ram Lal Augment Real Estate India Ltd. Co. Rampur Road Bidhaulia Post-C.B. Ganj, District- Bareilly.
…….. Respondents/ Opp. Parties
अपील संख्या:-300/2017
Smt. Nagina Fatima W/o Shri Raees Ahamad, R/o Village- Mudia Jagir, Thana-Devraniya, Tehsil Baheri, District-Bareily.
........... Appellant/ Complainant
Versus
1- Chief Managing Director, Abdul Hasan S/o Abdul Raheem, Augment Real Estate India Ltd. Co. Near- Abdul P.C.O., Rampur Road, Bidhaulia Post-C.B. Ganj, District- Bareilly.
2- Managing Director, Mohan Lal S/o Ram Lal Augment Real Estate India Ltd. Co. Rampur Road Bidhaulia Post-C.B. Ganj, District- Bareilly.
…….. Respondents/ Opp. Parties
अपील संख्या:-301/2017
Mohammad Rashid S/o Shri Navi Ahamad, R/o Village- Mudia Jagir, Thana-Devraniya, Tehsil Baheri, District-Bareily.
........... Appellant/ Complainant
Versus
1- Chief Managing Director, Abdul Hasan S/o Abdul Raheem, Augment Real Estate India Ltd. Co. Near- Abdul P.C.O., Rampur Road, Bidhaulia Post-C.B. Ganj, District- Bareilly.
2- Managing Director, Mohan Lal S/o Ram Lal Augment Real Estate India Ltd. Co. Rampur Road Bidhaulia Post-C.B. Ganj, District- Bareilly.
…….. Respondents/ Opp. Parties
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समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री संजय सक्सेना
प्रत्यर्थीगण के अधिवक्ता : श्री आलोक रंजन
दिनांक 20-02-2020
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-59/2016 शकील अहमद बनाम मुख्य प्रबन्ध निदेशक अब्दुल हसन व एक अन्य, परिवाद सं0-60/2016 श्रीमती नगीना फातिमा बनाम मुख्य प्रबन्ध निदेशक अब्दुल हसन व एक अन्य, परिवाद सं0-61/2016 मोहम्मद राशिद बनाम मुख्य प्रबन्ध निदेशक अब्दुल हसन व एक अन्य, परिवाद संख्या-62/2016 रईस अहमद बनाम मुख्य प्रबन्ध निदेशक अब्दुल हसन व एक अन्य, परिवाद संख्या-63/2016 मोहम्मद सोहेल बनाम मुख्य प्रबन्ध निदेशक अब्दुल हसन व एक अन्य का निस्तारण जिला फोरम, दि्वतीय बरेली ने संयुक्त निर्णय और आदेश दिनांक 12.01.2017 के द्वारा करते हुए सभी परिवाद अस्वीकार किये हैं, जिससे क्षुब्ध होकर उपरोक्त सभी परिवाद के परिवादीगण ने अलग-अलग क्रमश: अपील सं0-303/2017 मोहम्मद सोहेल बनाम चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर अब्दुल हसन पुत्र अब्दुल रहीम, आगमेंट रियल इस्टेट इण्डिया लिमिटेड व एक अन्य, अपील सं0-302/2017 रईस अहमद बनाम चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर अब्दुल हसन पुत्र अब्दुल रहीम, आगमेंट रियल इस्टेट इण्डिया लिमिटेड व एक अन्य, अपील सं0-
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299/2017 शकील अहमद बनाम चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर अब्दुल हसन पुत्र अब्दुल रहीम, आगमेंट रियल इस्टेट इण्डिया लिमिटेड व एक अन्य, अपील सं0-300/2017 श्रीमती फातिमा बनाम चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर अब्दुल हसन पुत्र अब्दुल रहीम, आगमेंट रियल इस्टेट इण्डिया लिमिटेड व एक अन्य और अपील सं0-301/2017 मोहम्मद राशिद बनाम चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर अब्दुल हसन पुत्र अब्दुल रहीम, आगमेंट रियल इस्टेट इण्डिया लिमिटेड व एक अन्य धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया है।
सभी अपीलों में अपीलार्थी/परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री संजय सक्सेना और प्रत्यर्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री आलोक रंजन उपस्थित आये हैं।
मैंने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
उभय पक्ष की ओर से लिखित तर्क भी प्रस्तुत किया गया है। मैंने उभय पक्ष की ओर से प्रस्तुत लिखित तर्क का भी अवलोकन किया है।
अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार है कि अपीलार्थी/परिवादीगण ने जिला फोरम के समक्ष प्रत्यर्थी/विपक्षीगण के विरूद्ध अलग-अलग परिवाद इस कथन के साथ प्रस्तुत किया है कि
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उन्होंने प्रत्यर्थी/विपक्षीगण के यहॉ धनराशि जमा कर भूखण्ड बुक किया और प्रत्यर्थी/विपक्षीगण द्वारा बाण्ड हस्ताक्षरित कर उन्हें दिया गया तथा आश्वासन दिया गया कि तीन वर्ष बाद या तो भूखण्ड का विक्रय पत्र उनके पक्ष में निष्पादित किया जायेगा अथवा बाण्ड में अंकित धनराशि उन्हें वापस की जायेगी, परन्तु उन्होंने न तो अनुबन्ध की शर्तों के अनुसार भूखण्ड का बैनामा उनके पक्ष में निष्पादित किया न ही बाण्ड में अंकित धनराशि उन्हें वापस की।
प्रत्येक परिवाद में अलग-अलग प्रत्यर्थी/विपक्षीगण ने अपना लिखित कथन प्रस्तुत किया है और कहा है कि प्रत्येक अपीलार्थी/परिवादी ने परिवाद गलत कथन के साथ प्रस्तुत किया है। परिवाद पत्र में गलत तौर पर अब्दुल हसन पुत्र अब्दुल रहीम और मोहन लाल पुत्र राम लाल को क्रमश: मुख्य प्रबन्धक और प्रबन्ध निदेशक दर्शित किया गया है। वास्तव में विपक्षी की कम्पनी में कई निदेशक है और सबकी भूमिका समान है। लिखित कथन में प्रत्यथी/विपक्षीगण ने कहा है कि अपीलार्थी/परिवादीगण ने परिवाद पत्र में नामित निदेशकों से भिन्न निदेशकों से मिलकर फर्जी कागज तैयार कराकर परिवाद पत्र प्रस्तुत किया है।
जिला फोरम ने उभय पक्ष के अभिकथन और उपलब्ध साक्ष्यों पर विचार करने के उपरांत यह माना है कि पक्षों के मध्य पंजीयन प्रमाण पत्रों के निष्पादन के बिन्दु पर जटिल विवाद है, जिसका निर्णय जिला फोरम द्वारा नहीं किया जा सकता है। मात्र इसी
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आधार पर जिला फोरम ने सभी परिवाद आक्षेपित आदेश के द्वारा निरस्त कर दिये हैं।
अपीलार्थी/परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम का निर्णय व आदेश विधि विरूद्ध है। जिला फोरम ने परिवाद निरस्त करने का जो आधार उल्लिखित किया है वह उचित नहीं है। प्रत्येक परिवाद में परिवादीगण की ओर से प्रस्तुत बाण्ड परिवाद पत्र में नामित विपक्षीगण ने फर्जी व कूटरचित नहीं कहा है मात्र यह कहा है कि दूसरे प्रबन्ध निदेशकों से मिलकर परिवादीगण ने यह बाण्ड प्राप्त किये हैं। दूसरे प्रबन्ध निदेशकों को भी प्रत्यर्थी/विपक्षीगण ने कम्पनी का प्रबन्ध निदेशक बताया है। अत: प्रत्येक परिवाद में विचाणीय बिन्दु यह है कि क्या प्रस्तुत बाण्ड प्रत्यर्थी/विपक्षीगण की कम्पनी आगमेन्टरियल इस्टेट इण्डिया लिमिटेड के निदेशको ने प्रत्यर्थी/विपक्षीगण की कम्पनी के लिये जारी किया है और प्रत्यर्थी/विपक्षीगण की कम्पनी ने बाण्ड के अनुसार अपने दायित्व का निर्वहन न कर सेवा में कमी की है।
उपरोक्त बिन्दुओं पर निर्णय देने हेतु जिला फोरम उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत सक्षम है। अत: जिला फोरम ने परिवाद निरस्त करने का जो आधार उल्लिखित किया है वह उचित नहीं दिखता है।
प्रत्यर्थी/विपक्षीगण के अनुसार उनके अलावा भी प्रत्यर्थी/विपक्षी कम्पनी के अन्य निदेशक भी है और सभी निदेशकों को सामान
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अधिकार प्राप्त है। ऐसी स्थिति में यदि आवश्यक हो तो प्रत्येक परिवाद में अपीलार्थी/परिवादीगण प्रत्यर्थी/विपक्षी कम्पनी के अन्य निदेशकों को भी पक्षकार बनाने हेतु संशोधन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं।
इस स्तर पर यह भी उल्लेखनीय है कि मात्र प्रत्यर्थी/विपक्षीगण की कम्पनी के डायरेक्टर मोहम्मद इसरार के विरूद्ध आपराधिक वाद पंजीकृत कराये जाने के कारण ही यह नहीं कहा जा सकता है कि वर्तमान परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत ग्राह्य नहीं हैं जैसा कि मा0 राष्ट्रीय आयोग द्वारा गीता जेठानी आदि बनाम एयरपोर्ट अथार्टी आफ इण्डिया आदि III (2004) C.P.J. 106 N.C. के वाद में पारित निर्णय में प्रतिपादित सिद्धांत से स्पष्ट है।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर मैं इस मत का हॅू कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश अपास्त करते हुए प्रत्येक परिवाद जिला फोरम को इस निर्देश से प्रत्यावर्तित किया जाना आवश्यक है कि जिला फोरम उभय पक्ष को साक्ष्य और सुनवाई का अवसर देकर इस निर्णय में ऊपर की गई विवेचना के प्रकाश में आवश्यक बिन्दुओं पर विचार कर पुन: विधि के अनुसार निर्णय और आदेश पारित करे।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर उपरोक्त सभी अपीलें स्वीकार की जाती है और परिवाद संख्या-59/2016 शकील अहमद बनाम
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मुख्य प्रबन्ध निदेशक अब्दुल हसन व एक अन्य, परिवाद सं0-60/2016 श्रीमती नगीना फातिमा बनाम मुख्य प्रबन्धक निदेशक अब्दुल हसन व एक अन्य, परिवाद सं0-61/2016 मोहम्मद राशिद बनाम मुख्य प्रबन्ध निदेशक अब्दुल हसन व एक अन्य, परिवाद संख्या-62/2016 रईस अहमद बनाम मुख्य प्रबन्धक निदेशक अब्दुल हसन व एक अन्य और परिवाद संख्या-63/2016 मोहम्मद सोहेल बनाम मुख्य प्रबन्ध निदेशक अब्दुल हसन व एक अन्य में जिला फोरम द्वारा पारित संयुक्त निर्णय और आदेश अपास्त करते हुए प्रत्येक परिवाद जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित किया जाता है कि जिला फोरम उभय पक्ष को साक्ष्य और सुनवाई का अवसर देकर इस निर्णय में ऊपर की गई विवेचना के प्रकाश में आवश्यक बिन्दुओं पर विचार कर पुन: विधि के अनुसार निर्णय और आदेश पारित करे।
सभी अपीलों में उभय पक्ष जिला फोरम के समक्ष दिनांक 03.4.2020 को उपस्थित होगें।
इस निर्णय की मूल प्रति अपील सं0-303/2017 में रखी जाये और निर्णय की एक-एक प्रतिलिपि अपील सं0-302/2017, अपील सं0-299/2017, अपील सं0-300/2017, अपील सं0-301/2017 में रखी जाये।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
हरीश आशु.,
कोर्ट सं0-1