प्रकरण क्र.सी.सी./13/91
प्रस्तुती दिनाँक 04.02.2013
ईदु अली आ. सैय्यद अली, आयु-57 वर्ष, निवासी-ग्राम व पोस्ट कारेसरा, तह. साजा , जिला-बेमेतरा (छ.ग.) - - - - परिवादी
विरूद्ध
1. छ.ग. राज्य बीमा एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड, बीज भवन, जी.ई.रोड, तेलीबांधा, रायपुर (छ.ग.)
2. प्रक्रिया प्रभारी, छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड, रूआबांधा, भिलाई, तह. व जिला-दुर्ग (छ.ग.)
- - - - अनावेदकगण
आदेश
(आज दिनाँक 20 मार्च 2015 को पारित)
श्रीमती मैत्रेयी माथुर-अध्यक्ष
परिवादी द्वारा अनावेदकगण से विक्रय किये गये चना बीज की शेष राशि 13,612रू., मानसिक कष्ट हेतु 10,000रू., वाद व्यय व अन्य अनुतोष दिलाने हेतु यह परिवाद धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत प्रस्तुत किया है।
परिवाद-
(2) परिवादी का परिवाद संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी एक कृषक है। परिवादी द्वारा अनावेदकगण से बीज क्रय कर, अपने द्वारा उत्पादित बीज का अनावेदकगण को विक्रय किया जाता है। परिवादी के द्वारा अनावेदकगण से चना बीज/जे.जी.315, श्रेणी सी.2, अनावेदकगण से दि.06.04.12 को 55 किलो, 112.75 क्विंटल प्राप्त किया था। परिवादी द्वारा विक्रय हेतु दी गई चना फसल प्राप्त व जांच करने के पश्चात् राशि 2,93,150रू. तथा राशि 1,71,270रू. का अग्रिम राशि का चेक भुगतान किया था, जबकि चना फसल की कुल राशि 5,02,700रू. होती थी। इस प्रकार अनावेदक क्र.2 के द्वारा फसल की जांच के उपरांत 101.10 क्विंटल क्रय किया गया तथा शेष 8.90 क्विंटल चना बीज परिवादी को वापस कर दिया गया एवं 2.75 क्विंटल परिवादी को वापस नहीं किया गया, रख लिया गया, जिसके लिए परिवादी के द्वारा अनावेदकगण से 4,950रू. प्रति क्विंटल की दर से 2.75 क्विंटल चना बीज की कीमत मांगी गई, जिसे अनावेदकगण के द्वारा प्रदान नहीं किया गया। परिवादी के द्वारा अनावेदक को अधिवक्ता मार्फत विधिक नोटिस प्रेषित कराया गया, जिसके जवाब में अनावेदकगण के द्वारा बीज पैकिंग एवं ग्रेडिंग उपरांत हानि 2.00 क्विंटल व अन्य पदार्थ 0.85 क्विंटल पाया गया का उल्लेख किया गया था। इस प्रकार अनावेदकगण द्वारा की गई सेवा में कमी के लिए परिवादी को शेष 2.75 क्विंटल चना बीज की राशि 4,950रू. प्रति क्विंटल की दर से कुल 13,612रू. व मानसिक, आर्थिक व शारीरिक कष्ट हेतु 10,000रू., वाद व्यय व अन्य अनुतोष दिलाया जावे।
जवाबदावाः-
(3) अनावेदकगण का जवाबदावा इस आशय का प्रस्तुत है कि परिवादी द्वारा प्रदान किया गया कच्चा चना बीजा की मात्रा 112.75 की ग्रेडिंग पश्चात ग्रेडिंग एवं पैकिंग के दौरान हानि 2 क्ंिवटल तथा अन्य पदार्थ 0.75 क्विंटल पाया गया जो कि सामान्य प्रक्रिया अंतर्गत है, जिसे कि परिवादी को शुद्ध पैकिंग मात्रा 101.10 क्विंटल के अंतिम रूप से राशि 171270रू. का भुगतान कर दिया गया था, जिसे परिवादी के द्वारा संतुष्टि उपरांत प्राप्त कर लिया गया है। अनावेदक के द्वारा किसी प्रकार की सेवा मे कमी नहीं की गई है। अतः अनावेदकगण के विरूद्ध परिवाद निरस्त किया जावे।
(4) उभयपक्ष के अभिकथनों के आधार पर प्रकरण मे निम्न विचारणीय प्रश्न उत्पन्न होते हैं, जिनके निष्कर्ष निम्नानुसार हैं:-
1. क्या परिवादी, अनावेदकगण से शेष चना बीज की राशि 13612रू. प्राप्त करने का अधिकारी है? नहीं
2. क्या परिवादी, अनावेदकगण से मानसिक परेशानी के एवज में 10,000रू. प्राप्त करने का अधिकारी है? नहीं
3. अन्य सहायता एवं वाद व्यय? आदेशानुसार परिवाद खारिज
निष्कर्ष के आधार
(5) प्रकरण का अवलोकन कर सभी विचारणीय प्रश्नों का निराकरण एक साथ किया जा रहा है।
फोरम का निष्कर्षः-
(6) प्रकरण का अवलोकन करने पर हम यह पाते है कि, परिवादी का तर्क है कि अनावेदकगण ने जितना चना प्राप्त किया था, उसमें से 2.75 क्विंटल को परिवादी को वापस ही नहीं किया और न ही परिवादी को उस चना फसल के एवज में 4,950रू. प्रति क्विंटल की दर से कुल रकम 13,612रू. का भुगतान किया, जबकि परिवादी ने अधिवक्ता नोटिस भी दी गई थी, जिसके जवाब में अनावेदक ने यह बचाव लिया कि पैकिंग की गई, ग्रेडिंग या पैकिंग उपरांत हानि 2 क्विंटल और अन्य पदार्थ 0.75 क्विंटल पाये गये हैं।
(7) अनावेदकगण ने जहां एक ओर यह तर्क किया कि परिवादी उपभोक्ता नहीं है, वहीं यह बचाव लिया है कि ग्रेडिंग के समय परिवादी उपस्थित नहीं था तथा ग्रेडिंग पश्चात् दो क्विंटल अन्य पदार्थ और 0.89 पाया गया और ऐसी प्रक्रिया सामान्य होती है। अतः अनावेदकगण द्वारा किसी भी प्रकार से सेवा में निम्नता या व्यवसायिक दुराचरण नहीं हुआ है।
(8) प्रकरण का अवलोकन कर हम यह पाते हैं कि परिवादी ने ऐसा कोई तथ्य प्रस्तुत नहीं किये हैं कि ग्रेडिंग के समय वह उपस्थित था, जबकि स्वाभाविक है कि उक्त समय परिवादी को उपस्थित रहना था, जिससे परिवादी की उपस्थिति में ग्रेडिंग की कार्यवाही होती, अनावेदकगण का तर्क है कि ग्रेडिंग और पैकिंग में स्वाभाविक अनुक्रम में इस प्रकार की हानि एवं अन्य पदार्थ पाया जाता है, जिसके संबंध में कटौती की जाती है, फलस्वरूप हम इस प्रकरण में सेवा में निम्नता या व्यवसायिक दुराचरण किया जाना नहीं पाते हैं, क्योंकि शेष चने के संबंध में परिवादी द्वारा भुगतान प्राप्त किया जा चुका है।
(9) उपरोक्त स्थिति में हम परिवादी का दावा स्वीकार करने का समुचित आधार नहीं पाते हैं, फलस्वरूप खारिज करते हैं।
(10) प्रकरण के तथ्य एवं परिस्थितियों को देखते हुए पक्षकार अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।