Uttar Pradesh

StateCommission

A/2241/2015

Shriram General Insurance Co. Ltd. - Complainant(s)

Versus

Bujhavan Prasad Gupta - Opp.Party(s)

Dinesh Kumar

20 Sep 2019

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2241/2015
( Date of Filing : 28 Oct 2015 )
(Arisen out of Order Dated 07/09/2015 in Case No. c/128/2014 of District Sonbhadra)
 
1. Shriram General Insurance Co. Ltd.
Sonbhadra
...........Appellant(s)
Versus
1. Bujhavan Prasad Gupta
Sonbhadra
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 20 Sep 2019
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-2241/2015

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, सोनभद्र द्वारा परिवाद संख्‍या 128/2014 में पारित निर्णय दिनांक 07.09.2015 के विरूद्ध)

श्रीराम जनरल इंश्‍योरेंस कंपनी लि0, ई-8, ईपीआईपी, आरआईआईसीओ

इन्‍डस्ट्रियल एरिया, सीतापुर, जयपुर(राजस्‍थान)-302022 ब्रांच आफिस

16, चिंतल हाउस, स्‍टेशन रोड, लखनऊ द्वारा मैनेजर।

                                            .......अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम्

बुझावन प्रसाद गुप्‍ता पुत्र स्‍व0 रामबिलास गुप्‍ता ग्राम पोखरा, पोस्‍ट

बैनपुर, तहसील दुद्धी जिला सोनभद्र।               ......प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य।

2. मा0 श्री गोवर्धन यादव, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री दिनेश कुमार, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित   : कोई नहीं।

दिनांक 15.10.2019

मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

     यह अपील जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम सोनभद्र द्वारा परिवाद संख्‍या 128/2014 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दि. 07.09.2015 के विरूद्ध योजित की गई है।

     संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी के कथनानुसार परिवादी पिकप संख्‍या यूपी 64एच 1997 का स्‍वामी है। परिवादी का उक्‍त वाहन वैध लाइसेन्‍सधारी चालक सुरेन्‍द्र कुमार चलाते हुए अम्बिकापुर से पोखरा बमनी सोनभद्र आ रहा था। समय करीब 11 बजे रात्रि बाद स्‍थान प्रेमनगर मोड़ के पास उक्‍त वाहन का पहिया पंचर हो जाने के कारण वाहन अनियंत्रित होकर दाहिनी साइड में पेड़ की बाउन्‍ड्री को तोड़ते हुए गड्ढे में चला गया, जिससे उक्‍त वाहन क्षतिग्रस्‍त हो गया। परिवादी ने उक्‍त वाहन की दुर्घटना की सूचना चालक के बताने पर बीमा कंपनी को दी। परिवादी

-2-

बीमा कंपनी की प्रतीक्षा के बाद दुर्घटनाग्रस्‍त वाहन, अपने साधन से रघुवंशी आटो मोबाइल्‍स मेन रोड राबर्ट्सगंज सोनभद्र बनवाने हेतु लाया। दुर्घटना की सूचना के उपरांत बीमा कंपनी द्वारा सर्वेयर की नियुक्ति की गई। सर्वेयर ने सर्वे के उपरांत परिवादी को कहा कि परिवादी अपने वाहन को बनवाए, क्षतिपूर्ति प्रदान की जाएगी। परिवादी ने वाहन को रघुवंशी आटोमोबाइल्‍स मेन रोड, राबर्ट्सगंज सोनभद्र से बनवाकर सूचना बीमा कंपनी को दी तो सर्वेयर ने सभी बिल वाउचर लेकर कहा कि क्षतिपूर्ति की अदायगी हो जाएगी, किंतु बीमा कंपनी ने अपने पत्र दिनांकित 25.09.13 द्वारा क्षतिपूर्ति का भुगतान इस आधार पर मना कर दिया कि वाहन में कथित दुर्घटना के समय 5 व्‍यक्ति बैठे थे, जबकि वाहन 3 व्‍यक्तियों के बैठने हेतु ही स्‍वीकृत था। बीमा कंपनी द्वारा सेवा में कमी अभिकथित करते हुए बीमा दावे के संदर्भ में रू. 280723/- के भुगतान हेतु तथा क्षतिपूर्ति के भुगतान हेतु परिवाद जिला मंच में योजित किया गया।   

     अपीलार्थी बीमा कंपनी के कथनानुसार असत्‍य कथनों के आधार पर परिवाद योजित किया गया। दुर्घटना की सूचना प्राप्‍त होने पर बीमा कंपनी द्वारा श्री चितरंजन दास गुप्‍ता को सर्वेयर नियुक्‍त किया गया। सर्वेयर द्वारा क्षतिग्रस्‍त वाहन की क्षति का आकलन रू. 125121/- किया गया है। परिवादी ने गैराज मालिक से मिलकर गलत स्‍टीमेट तथा वाहन मरम्‍मत की रसीदे प्राप्‍त कर काफी बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्‍तुत की है।

     जिला मंच द्वारा यह मत व्‍यक्‍त किया गया कि पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य से यह स्‍पष्‍ट होता है कि परिवादी का वाहन माल वाहक था तथा घटना के समय उस पर मजदूर बैठे थे, किराए की सवारी नहीं थी। ऐसी

 

 

-3-

परिस्थिति में वाहन के क्षतिग्रस्‍त होने की क्षतिपूर्ति के लिए बीमा कंपनी को उत्‍तरदायी मानते हुए परिवादी द्वारा बताई गई रू. 280723/- की क्षतिपूर्ति की अदायगी के लिए अपीलकर्ता बीमा कंपनी को आदेशित किया तथा शारीरिक व मानसिक क्षति के लिए रू. 1000/- तथा वाद व्‍यय के रूप में रू. 1000/- का भुगतान किए जाने हेतु निर्देशित किया। इस निर्णय से क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गई है।        

हमने अपीलकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता श्री दिनेश कुमार के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया। प्रत्‍यर्थी पर नोटिस की तामीला के बावजूद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ।

अपीलार्थी की ओर ये यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि कथित दुर्घटना के समय प्रश्‍नगत वाहन में 5 सवारियां बैठी थीं, जबकि प्रश्‍नगत वाहन 3 सवारियों के लिए ही स्‍वीकृत था। अपीलकर्ता की ओर ये यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि जिला मंच ने सर्वेयर द्वारा प्रस्‍तुत की गई आख्‍या की बिना किसी तर्कसंगत आधार पर अनदेखी की है तथा परिवादी द्वारा बताई गई क्षति को स्‍वीकार करते हुए प्रश्‍नगत निर्णय पारित किया है।

     प्रश्‍नगत निर्णय तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य के अवलोकन से यह विदित होता है कि कथित दुर्घटना के समय प्रश्‍नगत वाहन में किराए पर यात्रियों का बैठा होना साबित नहीं है। प्रश्‍गनत वाहन निर्विवाद रूप से एक माल वाहक वाहन है इस वाहन में कभी-कभी मजदूरों का बैठा होना अस्‍वाभाविक नहीं माना जा सकता, किंतु उल्‍लेखनीय है कि प्रस्‍तुत प्रकरण के संदर्भ में बीमा कंपनी द्वारा क्षति आकलन हेतु सर्वेयर की नियुक्ति की गई। सर्वेयर द्वारा क्षति का आकलन रू. 125121/- निर्धारित किया गया।

 

 

-4-

 सर्वे आख्‍या अपील मेमों के साथ दाखिल की गई है। प्रत्‍यर्थी परिवादी ने जिला मंच के समक्ष इस सर्वे आख्‍या के विरूद्ध कोई आपत्ति प्रस्‍तुत नहीं की और न ही अपीलीय स्‍तर पर इस सर्वे आख्‍या के विरूद्ध प्रत्‍यर्थी के विरूद्ध कोई आपत्ति प्रस्‍तुत की गई। जिला मंच ने भी सर्वे आख्‍या स्‍वीकार न किए जाने के संबंध में कोई आधार प्रस्‍तुत नहीं किया है। सर्वेयर आईआरडीए द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त क्षति आकलन हेतु विशेषज्ञ होता है। क्षति आकलन के संदर्भ में सर्वेयर द्वारा प्रस्‍तुत की गई आख्‍या बिना किसी तर्कसंगत आधार के अस्‍वीकार किया जाना न्‍यायसंगत नहीं होगा। ऐसी परिस्थिति में हमारे विचार से प्रत्‍यर्थी परिवादी को क्षतिपूर्ति के रूप में रू. 125121/- दिलाया जाना न्‍यायोचित होगा। इस धनराशि पर परिवाद योजित किए जाने की तिथि से संपूर्ण धनराशि की अदायगी तक 8 प्रतिशत ब्‍याज दिलाया जाना भी न्‍यायोचित होगा, क्‍योंकि क्षतिपूर्ति की अदायगी ब्‍याज सहित कराई जा रही है, अत: क्षतिपूर्ति के रूप में अतिरिक्‍त रू. 1000/- के भुगतान हेतु आदेशित किए जाने का कोई औचित्‍य नहीं होगा। इस संदर्भ में जिला मंच द्वारा पारित आदेश अपास्‍त किए जाने योग्‍य है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

आदेश

     प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। अपीलकर्ता बीमा कंपनी को निर्देशित किया जाता है कि प्रत्‍यर्थी परिवादी को निर्णय की प्रति प्राप्‍त किए जाने की तिथि से 30 दिन के अंदर रू. 125121/- का भुगतान करें। इस धनराशि पर परिवाद याजित किए जाने की तिथि से संपूर्ण धनराशि की अदायगी तक 8 प्रतिशत ब्‍याज प्राप्‍त करने का अधिकारी होगा। इसके अतिरिक्‍त बीमा कंपनी को यह भी निर्देशित किया जाता है कि रू.

 

-5-

1000/- वाद व्‍यय के रूप मे उपरोक्‍त निर्धारित अवधि में परिवादी को भुगतान करें।

     उभय पक्ष अपना-अपना अपीलीय व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

     निर्णय की प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्‍ध कराई जाए।

 

 

       (उदय शंकर अवस्‍थी)                        (गोवर्धन यादव)                                                                                                                                                पीठासीन सदस्‍य                               सदस्‍य         

राकेश, पी0ए0-2

  कोर्ट-2

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER
 

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