जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण अजमेर
सिस्टर मरिओला,प्रीविसियल सेक्टरी, मिषन सिस्टर, अजमेर, सेन्ट फ्रांन्सिस प्रोविसियल हाउस, भोपो का बाडा, मीरषाह अली, अजमेर ।
प्रार्थीया
बनाम
जनरल मैनेजर, सर्कल एस.एस.ए, बी.एस.एन.एल, सावित्री गल्र्स स्कूल के सामने, अजमेर ।
अप्रार्थी
परिवाद संख्या 293/2014
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1. प्रार्थीया स्वयं उपस्थित
2.श्री जयबहादुर माथुर,अधिवक्ता अप्रार्थी
मंच द्वारा :ः- आदेष:ः- दिनांकः- 09.09.2016
1. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रार्थीया ने अप्रार्थी निगम से अक्टूबर, 12 में ब्राडबैण्ड कनेक्षन बीबी-होम-कोम्बो-यूएल-625 मन्थली आर प्लान अपने दूरभाष संख्या 0145-26235912 पर प्राप्त किया । एक वर्ष तक तो प्लान व दूरभाष ने सही कार्य किया किन्तु सितम्बर, 2013 में टेलीफोन ने कार्य करना बन्द कर दिया जिससे ब्राडबैण्ड सेवा भी बन्द हो गई । इस पर उसने दिनांक 4.9.2013 को अप्रार्थी निगम की वेबसाईट पर षिकायत दर्ज करवाई। इसके बावजूद भी अप्रार्थी निगम ने दिनांक 1.9.2013 से 30.09.2013 तक की अवधि का बिल राषि रू. 1336/- का भेजा जो कि उसके मासिक उपभोग रू. 700/- से भी अधिक था । जबकि सितम्बर के पूरे माह में दूरभाष की सुविधा बन्द थी । उसने उक्त बिल की राषि जमा करा दी । तत्पष्चात् दिनंाक 1.10.2013 से 30.10.2013 तकी अवधि का बिल रू. 1036/- भेजा उक्त बिल की राषि भी उसने जमा करा दी और दिनंाक 3.12.2013 के पत्र से अप्रार्थी को अधिक बिल भेजने व दूरभाष बन्द होने की षिकायत की ।
परिवाद में आगे कथन किया है कि उसकी जानकारी में आया कि अप्रार्थी निगम ने बिना उसकी सहमति के उसके द्वारा लिया गया उपरोक्त वर्णित प्लान बदल कर 950 में कर दिया गया । दिनंाक 16.12.2013 को अप्रार्थी निगम से ल्वनत स्म्।क् ींे इममद ेनबबमेेनिससल तमहपेजमतमक का एसएमएस प्राप्त हुआ जबकि उसने प्लान बदलने की कोई प्रार्थना नही ंकी थी, जिसकी षिकायत उसने अप्रार्थी निगम की वेबसाईट पर उसी दिन कर दी । अप्रार्थी निगम ने फिर दिनांक 1.11.2013 से 30.11.2013 तक अवधि का रू. 1076.42 पै. का बिल भेजा उसने उक्त बिल जमा नहीं कराया और दिनांक 4.12.2013 को अप्रार्थी निगम के यहां रजिस्टर्ड पत्र से षिकायत की कि उसके पहले वाले प्लान 625 को ही पुनः चालू करें और 950 के प्लान के तहत उसके द्वारा जमा कराई गई राषि उसे वापस लौटाई जावे । जिसका अप्रार्थी निगम के डिपटी जनरल मैनेजर का दिनांक 13-14.12.2013 का पत्र प्राप्त हुआ । जिसमें उन्होने कथन किया कि प्रार्थिया की प्रार्थना पर ही प्लान बदला गया है । प्रार्थिया ने कनेक्षन बन्द करवाने व जमा कराई गई राषि लौटाने का प्रार्थना पत्र अप्रार्थी निगम के यहां दिया जिसका आईडी नम्बर परिवाद की चरण संख्या 12 में दिया हुआ है । तत्पष्चात् अप्रार्थी निगम ने दिनंाक 26.2.2014 के नोटिस द्वारा उसे सूचित किया कि उसका एकाउण्ट दिनांक 30.1.2014 को बन्द कर दिया गया है और उससे रू. 455.23 पै 15 दिवस के भीतर जमा करवाए जाने की मांग की । वह दिनांक 20.6.2014 को अप्रार्थी निगम की जन सुनवाई में भी षामिल हुई । किन्तु अप्रार्थी निगम के अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की । प्रार्थिया का कथन है कि अप्रार्थी निगम ने उसे राहत प्रदान करने की बजाय उसे परेषान करना षुरू कर दिया और इसी क्रम में उसके मोबाईल नं 9829138453 पर आउटगोईंग सुविधा दिनांक 9.8.2014 से 11.9.2014 तक अकारण बन्द कर दी जिसकी भी उसने कस्टमर केयर पर षिकायत की जिस पर भी कोई ध्यान नहीं दिया । इस प्रकार अप्रार्थी निगम के कृत्यों को सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
2. अप्रार्थी निगम की ओर से जवाब पेष हुआ जिसमें अप्रार्थी निगम ने प्रार्थीया के परिवाद की चरण संख्या 1 को स्वीकार करते हुए आगे दर्षाया है कि सितम्बर 2013 में प्रार्थीया का दूरभाष संख्या 2623592 चालू था और उसके द्वारा ब्राडबैण्ड सुविधा का उपयोग उपभोग किया गया । दिनंाक 4.9.2013 को प्रार्थीया ने अप्रार्थी निगम की वेबसाईट पर दूरभाष खराब होने की कोई षिकायत नहीं की बल्कि अपने ब्राडबैण्ड प्लान को बदलने की त्मुनमेज डाली जिसका आईडी नम्बर त्श्रडश्रड04091300017 है । प्रार्थीया की प्रार्थना पर ब्राण्डबैण्ड प्लान बदलते हुए प्लान चार्जेज के रू. 900/- सर्विस चार्ज के रू. 111/- सिक्यूरिटी डिपोजिट के रू. 325/- कुल राषि रू. 1336/- का बिल माह सितम्बर, 2013 का भेजा गया । इसी प्रकार प्रार्थीया को अक्टूबर व नवम्बर,2013 का बिल ब्राडबैण्ड के उपयोग उपभोग के आधार पर भेजा गया ।
अप्रार्थी निगम ने आगे दर्षाया है कि प्रार्थीया की प्रार्थना के अनुसार ही प्लान बदला गया है और प्रार्थीया को एसएमएस सर्वर द्वारा भेजा गया है जिसकी कार्यप्रणाली का विवरण अप्रार्थी निगम ने अपने उत्तर परिवाद की चरण संख्या 5 व 6 में दर्षाया है । प्रार्थीया द्वारा कनेक्षन हटाने की त्मुनमेज दिनंाक 16.12.2013 को निगम की वेबसाईट पर डाली जिसकी सूचना सिस्टम द्वारा ओटोमेटिक ई-मेल जनरल कर दी गई । प्रार्थीया द्वारा बिल की राषि जमा नही ंकराए जाने पर विभागीय नियमानुसार दिनंाक 30.1.2014 को कनेक्षन बन्द कर दिया गया एवं बकाया राषि रू. 455.23 पै जमा कराने हेतु बिल जारी कर दिया गया । प्रार्थीया ने जन सुनवाई में अपनी मौखिक षिकायत बताई, जिसका विभागीय अधिकारियों ने बडे ही विस्तार से जवाब दे दिया था । इस प्रकार उनके स्तर पर कोई सेवा में कमी नही ंकी गई अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना की है ।
3. प्रार्थिया पक्ष का तर्क रहा है कि उसके बिना किसी निवेदन व आवेदन के अप्रार्थी निगम द्वारा लैण्ड लाईन टेलीफोन के ब्राड बैण्ड प्लान को बदलकर बिल भेजना अप्रार्थी की सेवाओं में कमी का परिचायक है । माह- सितम्बर, 13 से जो बिल दिए गए वे भी टेलीफोन बन्द होने के बावजूद भिजवाए गए है । बिना किसी कारण व प्रार्थना के, बदले गए प्लान के बिल भेजना अप्रार्थी निगम की सेवामें में कमी के परिचायक है । परिवाद स्वीकार कर उसके द्वारा अदा की गई अधिक राषि मय वांछित क्षतिपूर्ति के दिलाई जावंे ।
4. अप्रार्थी निगम ने इन तर्को का खण्डन करते हुए तर्क दिया है कि प्रार्थिया द्वारा टेलीफोन खराब होने की कोई षिकायत दर्ज नही ंकरवाई गई थी अपितु ब्राड बैण्ड प्लान में परिवर्तन हेतु प्रार्थना (त्मुनमेज) उनके वेबसाईट पर डाली गई थी। इस प्रकार अक्टूबर व आगे के बिल उक्त परिवर्तित प्लान के अनुसार भेजे गए थे । प्रार्थिया द्वारा उक्त अवधि में ब्राड बैण्ड सेवाओं का उपयोग किया गया है जिसका विवरण उनके द्वारा पत्रावली में उपलब्ध कराया गया है । माह- दिसम्बर में प्रार्थिया का पत्र प्राप्त होने पर दिनांक 30.1.2014 को उसका टेलीफोन कनेक्षन बन्द कर दिया गया था व बकाया राषि जमा कराने हेतु नोटिस जारी किया गया था । प्रार्थिया द्वारा समय समय पर किए गए पत्रव्यवहार का अप्रार्थी विभाग के उच्चाधिकरियों द्वारा जवाब दिया गया था । उनकी सेवाओं में कोई कमी नहीं रही है । परिवाद खारिज होने योग्य है ।
5. हमने परस्पर तर्क सुनें हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध सामग्री का ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है ।
6. हस्तगत प्रकरण में विवाद प्रार्थिया के दिनंाक 4.9.2013 को उसके द्वारा अप्रार्थी निगम की वेबसाईट के जरिए षिकायत दर्ज करवाने से ष्षुरू होता है , जैसा कि प्रार्थिया का अभिकथन है । यहां यह उल्लेखनीय है कि अपनी इस षिकायत के संबंध में षिकायत के प्रमाण बाबत् उसकी ओर से कोई पुख्ता साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गई है । हालांकि इसके खण्डन में अप्रार्थी ने प्रार्थिया का उनके विभाग की वेबसाईट पर प्लान बदलने हेतु त्मुनमेज स्मंक प्ण्क्ण् छवण् त्श्र।श्रड04091300017 का हवाला दिया है । पत्रावली में उपलब्ध इस त्मुनमेज स्मंक प्ण्क्ण् को देखने से यह प्रकट नहीं होता कि यह किस तिथि को प्रार्थिया द्वारा भेजी गई थी तथा किस तिथि को उनके विभाग में प्राप्त हुई । इस संबंध में उन्होंने विभाग के श्री मदन लाल व श्री सत्य नारायण पंवार के नामों का उल्लेख किया है । उक्त त्मुनमेज प्राप्त होने पर प्लान को बदलने की जिम्मेदारी इन्हें सौंपी गई थी तथा इसी संबंध में इनके द्वारा प्रार्थिया से सम्पर्क करना बताया गया है । किन्तु यहां यह उल्लेखनीय है कि जहां स्वयं प्रार्थिया यह कह कर आई है कि उसके द्वारा दिनांक 4.9.2013 को टेलीफोन खराब होने की षिकायत दर्ज करवाई गई थी तथा इस तथ्य को उसके द्वारा सिद्व नहीं किया गया है तथा इसके खण्डन में अप्रार्थी निगम के प्रतिवाद को उनके द्वारा सिद्व किए जाने की कोई आवष्यकता नहीं है । चूंकि प्रार्थिया के पास प्रारम्भ में बीबी-होम-कोम्बो-यूल-625 मंथली आर प्लान उसके लैण्ड लाईन नम्बर पर उपलब्ध था । अतः प्रथम षिकायत दिनंाक 4.9.2013 को देखते हुए इस पूरे सितम्बर माह के लिए इस प्लान के अन्तर्गत न्यनूतम चार्ज देने के लिए वह उत्तरदायी है । इसी प्रकार अक्टूबर, नवम्बर व दिसम्बर माह के लिए भी वह उक्त प्लान के अन्तर्गत न्यनूतम चार्ज देने के लिए उत्तरदायी है ।
7. प्रार्थिया ने दिनंाक 4.12.2013 को अप्रार्थी निगम को षिकायती पत्र भेजा है । जिसके प्रतिवाद में अप्रार्थी निगम का दिनांक 8.12.2013 का पत्र पत्रावली पर उपलब्ध है । अतः यह सिद्व है कि प्रार्थिया द्वारा दिनांक 4कृ12.2012 को जो पत्र भेजा गया वह अप्रार्थी निगम में दिनंाक 8.1.2.2012 से पूर्व प्राप्त हो चुका था । इस प्रकार इस दिसम्बर माह के लिएभी वह न्यनूतम राषि को जमा कराने के लिए उत्तरदायी है । चूंकि अप्रार्थी निगम ने प्रार्थिया का दिनांक 4.12.2013 का पत्र प्राप्त होने के बावजूद दिनांक 31.1.2014 को उसका टेलीफोन कनेक्षन विच्छेद किया है । जबकि अपेक्षित यह था कि या तो वह तत्काल संबंध विच्छेद कर देते अथवा अगले माह की एक तारीख से प्रभावी मानते हुए करतेे, जो कि नहीं किया गया है । जब दिसम्बर, 13 के प्रारम्भ में उन्हें प्रार्थिया का पत्र प्राप्त हो चुका था तो उनके लिए यह अपेक्षित था कि वे जनवरी माह का बिल नहीं भेजेते ।
8. सार यह है कि इस प्रकार का उनका यह कृत्य सेवा में कमी का परिचायक है । मंच की राय में परिवाद का निस्तारण इस प्रकार किया जाना न्यायोचित है कि -
:ः- आदेष:ः-
9. ब
आदेष दिनांक 08.09.2012 को लिखाया जाकर सुनाया गया
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
4. परिवाद के निर्णय हेतु हमारे समक्ष निम्नलिखित बिन्दु है :-
1. निर्णय बिन्दु संख्या 1:- क्या प्रार्थीया का दूरभाष माह- सितम्बर व अक्टूॅबर, 2013 में बन्द रहा फिर भी अप्रार्थी निगम ने प्रार्थीया से इस अवधि की राषि माह- सितम्बर की रू. 1336/- एवं माह-अक्टूबर की रू. 1036/- गलत रूप से वसूल की है ?
2. निर्णय बिन्दु संख्या 2:- क्या प्रार्थीया का मूल रूप से प्लान ठठ.भ्व्डम्.ब्व्डठव्.न्स्.625 को अप्रार्थी निगम ने बिना प्रार्थीया की सहमति व सूचना के प्लान ठठ. 950 न्स्क्.ब्व्डठव्.डव्छज्भ्स्ल्.त् में कर दिया ?
3. निर्णय बिन्दु संख्या 3:- क्या अप्रार्थी निगम ने प्रार्थीया के मोबाईल नम्बर 9829138453 की सुविधा दिनांक 90802914 से 11.9.2014 तक आउट गोइन्ग बन्द कर दी ?
5. अब हम कायम किए गए निर्णय बिन्दुों का निर्णय क्रमषः इस तरह से करते है:-
निर्णय बिन्दु संख्या 1:- इस निर्णय बिन्दु पर अधिवक्ता पक्षकारान की बहस सुनी । अधिवक्ता अप्रार्थी निगम की बहस रही है कि प्रार्थीया ने अपना दूरभाष माह- सितम्बर व अक्टूर, 2013 में बन्द होना बतलाया जो गलत व निराधार है । अप्रार्थी निगम की ओर से प्रार्थीया का दूरभाष एवं ब्राडबैण्ड काम कर रहा था, के संबंध में अप्रार्थी की ओर से इस अवधि का विवरण पेष किया है । इसके विपरीत अधिवक्ता प्रार्थीया की बहस है कि विवरण जो पेष हुआ है एवं अप्रार्थी ने अपने जवाब में जो तथ्य बतलाए है के संबंध में प्रार्थीया की ओर से जवाबुलजवाब पेष हुआ है । जवाबुल जवाब के पैरा संख्या 8 व 9 में प्रार्थीया का कथन है कि अप्रार्थी निगम द्वारा तैयार किया गया यह विवरण एक्सल वर्कषीट पर तैयार किया हुआ है एवं एक्सल वर्कषीट में एडीटिंग की सम्भवना रहती है जबकि ऐसा विवरण स्क्रीन षाट मषीन जेनेरेटे होना चाहिए । अधिवक्ता प्रार्थीया की यह भी बहस है कि अप्रार्थी निगम की ओर से माह- सितम्बर,13 का ही विवरण पेष किया हे । माह- अक्टूबर,13 का कोई विवरण पेष नहीं किया गया है ।
6. हमने बहस पर गौर किया । प्रार्थीया के अधिवक्ता के अनुसार माह- सितम्बर, 2013 का ही विवरण अप्रार्थी निगम की ओर से पेष हुआ जो एक्सल वर्क षीट में है एवं स्क्रीन षाट मषीन जेनेरेट नहीं है । प्रार्थीया का यह भी कथन रहा है कि एक्सल स्क्रीन षाट मषीन जेनेरेट के विवरण में एडिटिंग की सम्भवना रहती है । इस संबंध में अप्रार्थी का कोई स्पष्टीकरण नहीं रहा हे । इसके अतिरिक्त अप्रार्थी निगम की ओर से माह- अक्टूबर, 2013 का कोई विवरण पेष नहीं किया गया है तथा माह- सितम्बर , 13 का जो विवरण पेष हुआ वह प्रथमतः स्क्रीन षाट मषीन जेनेरेट नहीं है ओर ना ही इस विवरण को संबंधित अधिकारी द्वारा सत्यापित किया गया है । इस सारे विवेचन से हमारा निष्कर्ष है कि अप्राथी्र निगम द्वारा माह- सितम्बर, 13 का ही विवरण पेष किया है किन्तु उपर विवेचित अनुसार चूंकि यह विवरण एक्सल वर्कषीट पर है एवं स्क्रीन षाट मषीन जेनेरेट या सिस्टम जेनेरेट नहीं है एवं एक्सल वर्कषीट में एडिटिंग की सम्भावना को देखते हुए यह विवरण सत्यापित भी नहीं है एवं अक्टूबर, 13 का कोई विवरण भी पेष नहीं हुआ है । अतः इस तथ्य को देखते हुए हम पाते है कि प्रार्थीया का यह दूरभाष विवादित अवधि सितम्बर व अक्टूबर, 13 में कार्य कर रहा था सिद्व होना नहीं पाया गया है एवं हम यह पाते है कि प्रार्थीया का यह दूरभाष तथा ब्राडबैण्ड माह-सितम्बर व अक्टूबर, 13 तक बन्द रहा है । अप्रार्थी निगम द्वारा प्रार्थीया को इस अवधि के बिल क्रमषः राषि रू. 1336/- व रू. 1036/- के भेजे थे और प्रार्थीया द्वारा इस राषि को जमा अवष्य करा दिया गया है लेकिन प्रार्थीया इस राषि को अप्रार्थी विभाग से प्राप्त करने की अधिकारणी पाई जाती है
7. निर्णय बिन्दु संख्या 2:- क्या अप्रार्थी विभाग ने प्रार्थीया के टेलीफोन पर लिए गए ब्राण्डबैण्ड कनेक्षन के मूल प्लान ठठ.भ्व्डम्.ब्व्डठव्.न्स्.625 को ठठ. 950 न्स्क्.ब्व्डठव्.डव्छज्भ्स्ल्.त् प्लान में बिना प्रार्थीया की सहमति व सूचना के बदल दिया , के संबंध में बहस सुनी । इस संबंध में प्रार्थीया द्वारा दिनंाक 412.2013 को रजिस्टर्ड डाक से षिकायत भी भेजी जिसकी प्रति पत्रावली पर है । अधिवक्ता अप्रार्थी निगम का कथन है कि प्रार्थीया का यह प्लान स्वयं प्रार्थीया की सहमति एवं उसके निवेदन पर बदला गया है एवं इस प्लान को बदलने के संबंध में विभाग के टीटीए मदन लाल बागडी व सत्य नारायण पंवार स्वयं प्रार्थीया के घर गए एवं इस संबंध में प्रार्थी द्वारा भेजे गए निवेदन की पुष्टि प्रार्थीया द्वारा किए जाने पर प्रार्थीया के प्लान को नए प्लान में बदला गया हे । अधिवक्ता की बहस है कि इस संबंध में मदन लाल बागडी व सत्यनारायण पंवार ने जो रिर्पोट अपने अधिकारियों को दी की प्रति पेष है । प्रार्थीया की षिकायत के संबंध में उक्त मदन लाल व सत्य नारासयण से जवाब मांगा गया और जो उनके द्वारा जवाब भेजा गया उसकी प्रति भी पेष हुई है ।
8. अधिवक्ता प्रार्थीया की बहस है कि अप्रार्थी निगम की ओर से अपने जवाब के पैरा संख्या 3 में वर्णित अनुसार प्क् छवण् त्श्र।श्र004091300017.से प्लान बदलने हेतु त्मुनमेज प्रार्थीया द्वारा भेजी गई और त्मुनमेज के बाद ही प्लान बदला है । किन्तु यह आईडी प्रार्थी की थी यह अप्रार्थी सिद्व नहीं कर पाया है । इसके अतिरिक्त अप्रार्थी निगम के अनुसार सत्य नारायण पंवार व मदन लाल बागडी ने प्रार्थीया की इस आषय के निवेदन पर प्रार्थीया के आवास पर गए एवं प्रार्थीया के कथनानुसार प्लान को बदला लेकिन इन दोनेों व्यक्तियों के षपथपत्र पत्रावली पर पेष नहीं है । प्रार्थीया ने इस संबंध में षिकायत दिनंाक 4.12.2013 को ही श्री पी.एस. माथुर, ए.जी..एम. को की है । इस तरह से अप्रार्थी निगम अपेन कथन को सिद्व नही ंकर पाया है । प्रार्थीया के मूल प्लान को नए प्लान में प्रार्थीया के निवेदन व उसकी सहमति से बदला है ।
9. हमने बहस पर गौर किया । जो रिर्पोट श्री मदन लाल बागडी व श्री सत्य नारायण पंवार द्वारा दिनांक 5.12.2014 को अपने उच्चाधिकारियों को भेजी उसमें उल्लेखित किया है कि उपभोक्ता द्वारा उसके टेलीफोन संख्या 2623592 की ठठज्ववस द्वारा प्लान 625 से 950 की त्मुनमेज आनेे पर उपभोक्ता से वार्ता कर बदला था लेकिन अप्रार्थी निगम की ओर से ऐसी त्मुनमेज प्रार्थीया द्वारा डाली गई एवं अप्रार्थी विभाग को प्रापत होने का कोई विवरण पेष नहीं किया गया है । इसके अतिरिक्त श्री मदन लाल बागडी व श्री सत्य नारायण पंवार के षपथपत्र भी अप्रार्थी निगम की ओर से पेष नहीं हुए है । यदि अप्रार्थी निगम का कथन मान भी लिया जावे कि प्लान प्रार्थीया के निवेदन पर व उसकी सहमति से बदला तब प्रार्थीया द्वारा अप्रार्थी निगम को षिकायत दिनांक 4.12.2013 को की , का कोई कारण अप्रार्थी निगम की ओर से नहीं दर्षाया गया है । अतः इस सारे विवेचन से हमारा निष्कर्ष है अप्रार्थी विभाग ने प्रार्थीया के मूल प्लान को ठठ. 950 न्स्क्.ब्व्डठव्.डव्छज्भ्स्ल्.त् बदला है जो उनके स्तर पर सेवा में कमी दर्षाता है । इस निर्णय बिन्दु का निर्णय इसी अनुरूप किया जाता है ।
10. निर्णय बिन्दु संख्या 3:- अप्रार्थी विभाग ने प्रार्थीया द्वारा उसके प्लान के संबंध में षिकायत आदि करने पर प्रार्थीया के मोबाईल संख्या 9829138453 की आउटगोईन्ग सुविधा दिनांक 9.8.2014 से 11.9.2014 तक बन्द कर देने के संबंध में हमारा विवेचना है कि प्रार्थीया ने अप्रार्थी विभाग को कब षिकायत की , का कोई विवरण नहीं दिया है और ना ही स्वयं के कथन के अतिरिक्त अन्य कोई साक्ष्य इस संबंध में पेष की है । अतः यह निर्णय बिन्दु प्रार्थीया की ओर से सिद्व नहीं पाया गया है ।
11. अनुतोष:- निर्णय बिन्दु संख्या 1 व 2 जिस तरह से निर्णित हुए है उनके दृष्टिगत अप्रार्थी निगम द्वारा प्रार्थीया के इस मामले में माह- सितम्बर, 13 व अक्टूबर,13 की इस अवधि में प्रार्थीया को दूरभाष व ब्राण्डबैण्ड बन्द होते हुए भी बिल भेजे है । अतः प्रार्थीया इन बिलों की राषि जो उसके द्वारा जमा करा दी गई है वह राषि रू. 2372/- अप्रार्थी निगम से पुनः प्राप्त करने की अधिकारणी पाई जाती है । इसी तरह से प्रार्थीया अप्रार्थी निगम द्वारा उसके दूरभाष पर लगे ब्राण्डबैण्ड को बिना उसकी अनुमति से बदल देने के कारण उपयुक्त राषि क्षतिपूर्ति के रूप में प्राप्त करने की अधिकारणी पाई जाती है । अतः आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
12. (1) प्रार्थीया अप्रार्थी विभाग से उसके द्वारा माह- सितम्बर, 13 व अक्टूबर, 13 के बिलो के पैटे जमा कराई गई राषि रू 2372/- पुनः प्राप्त करने की अधिकारणी होगी ।
(2) अप्रार्थी निगम द्वारा प्रार्थीया के प्लान को बिना उसकी सहमति के बदला है इस हेतु प्रार्थीया मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में राषि रू. प्राप्त करने की अधिकारणी होगी ।
(3) क्र. सं. 1 व 2 में वर्णित राषि अप्राथी्र निगम प्रार्थीया को इस आदेष से दो माह में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।
(3) दो माह में आदेषित राषि का भुगतान नहीं करने पर प्रार्थी अप्रार्थी निगम से उक्त राषियों पर निर्णय की दिनांक से ताअदायगी 09 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगा ।
(श्रीमती ज्योति डोसी) (गौतम प्रकाष षर्मा)
सदस्या अध्यक्ष
13. आदेष दिनांक 27.07.2015 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
सदस्या अध्यक्ष